डाईबीटिज, कैंसर, थाईराईड, हार्ट फेलियर, हार्ट अटेक, कार्डिएक अरेस्ट, आर्थराईटिस नाना प्रकार की बीमारियां है जो महामारी का रुप ले बेठी है। क्या हम व्यस्त दिनचर्या के बावजूद स्वस्थ रह सकते है ?
संकल्प लें सोच को बदलें:- यदि आप प्रण कर लें कि व्यस्त रहने के बावजूद आप स्वस्थ भी रहेंगे तो निस्सन्देह आप हैल्थी रह सकते है। स्वस्थ रहना एक मानसिकता है इसे यदि अपनायेंगे तो हैल्थी भी रहेंगे।
प्राथमिकता बनाएं:- बुजुर्गो ने स्वास्थ्य की अहमियत बताई है। हमारे धर्म ग्रंथों में भी इसका उल्लेख है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मनो मस्तिष्क रहता है। कहा भी गया है कि पहला सुख निरोगी काया तो फिर क्यों ना अच्छे स्वास्थ्य को प्राथमिकता बनाएं।
सकारात्मक सोचें:- नैगेटिव सोच का अनजाने में हमारे शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव पडता है। शरीर में दर्द, थकान, ग्रोथ में कमी और कई सारे लक्षण देखे जा सकते है। इसलिए हमेशा सकारात्मक सोचें । पोजिटिव वाईब्रेशन्स न केवल सफलता दिलाती है बल्कि स्वस्थ रहने में मदद भी करती है।
अपनी प्रकृति जानिएं:- हम में से हरेक की शारीरिक आवश्यक्ताएं अलग है। अपने शरीर की प्रकृति के अनुसार (वात, पित्त, कफ) चीजों का सेवन करें और आदतें बनाएं। प्रिवेन्शन इज आलवेज बैटर देन क्योर। हम अपनी कमजोरियां जानते है अतः जिन चीजों से परहेज किया जाना है उनसे परहेज करें।
हाईजिन मेन्टेन रखें:- स्वच्छ रहने से कई बीमारियां पास नहीं फटकती और मन भी प्रसन्न रहता है। खुद भी स्वच्छ रहें और आस पास के वातावरण को भी स्वच्छ रखें।
वजन नियंत्रित रखें:- प्रत्येक उम्र में वजन नियंत्रित रखना लम्बी उम्र व स्फूर्ति के लिए आवश्यक है। अपना बी.एम.आई. चैक करते रहिए और वजन काबू में रखने के लिए डाईट कन्ट्रोल व फिजिकल एक्टिविटी करें।
प्रकृति के नजदीक रहें:- प्रकृति के अनुसार चलने से हम कभी बीमार नहीं पडते । प्राकृतिक नियमों का पालन यानी लम्बी उम्र व अच्छे स्वास्थ्य की गारंटी है अतः प्रकृति विरुद्ध कार्य न करें।
टेस्ट करवाते रहें:- बढ़ती उम्र में अपना रक्तचाप, शुगर, थाईराईड, पैपस्मियर, मैमोग्राफी, आई चैकअप करवाना ठीक रहता है ताकि कोई समस्या हो रही हो तो पहले से पता चल जाए और निराकरण हो सके।
तनाव न रखें:- आज का मशीनी जीवन सहर्ष ही तनाव को जन्म देता है। तनाव अधिकांश बीमारियों की जड़ है । अतः स्वंय को तनाव मुक्त रखें। हरेक के जीवन में परेशानियां आती है पर डट के मुकाबला करने से ही वो दूर होती है। अतः तनाव पर विजय पाएं।
एयर कंडीशनर का इस्तेमाल कम करें:- दिनोदिन बढ़ती गर्मी में ए.सी. जरुरत भले ही बन गया हो पर यह शरीर का सारा माॅईश्चर यह सोख लेता है। अतः ए.सी. का इस्तेमाल कम करके ताजी हवा का सेवन करें।
सूखे मेवों का प्रयोग करें:- बादाम, अखरोट, काजू, किशमिश सिर्फ मेवे नहीं सेहत के सप्लीमेन्ट्स है। इनका प्रयोग एक निश्चित मात्रा में करने पर शरीर को आवश्यक लवण खनिज मिलते है। इनसे सेहतमंद रहने में मदद मिलती है।
पानी खूब पिएं:- जल अमृत है निस्सन्देह । यह शरीर को डीटाक्सिफाए करता है और जरुरी मिनरल्स रिपलेसिश भी करता है अतः उचित मात्रा में पानी पिएं।
नशेे से दूर रहें:– नशा थोडी देर का मजा जरुर देता है पर शरीर को, स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचाता है। लम्बा सेहतमन्द जीवन चाहिए तो नशे, धूम्रपान, गुटखे आदि से दूर रहिए।
नींद पूरी लें:- नींद के दौरान टूटी फूटी कोशिकाओं की मरम्मत होती है। शरीर खोई एनर्जी की भरपाई करता है। स्लीपिंग पैटर्न न बदलें अन्यथा डाईजेशन में खराबी, चिडचिडापन आने लगेगा।
शारीरिक श्रम करें:- शारीरिक श्रम के अभाव में कई हार्मोन्स इमबैलेन्स हो जाते है। मोटापा बढ़ जाता है और नाना प्रकार के रोग लग जाते है। न्यूनतम शारीरिक श्रम आवश्यक है। आप उम्र और संसाधनों के हिसाब से नियमित व्यायाम , ब्रिस्क वाॅकिंग, स्किपिंग करें। बीमार कम पडेंगे।
इम्यूनिटी बढ़ाऐं:– छोटी मोटी बीमारियां अपने आप ठीक हो जाती है। बात बात पर साईड इफेक्ट देने वाली दवाईयां खाना बुद्धिमानी नहीं। शरीर को एंटीबाॅडीज का निर्माण खुद करने दीजिए। इम्यून सिस्टम मजबूत होगा तो बीमारियां कम होंगी।
अत्याधिक सूर्य से दूर रहें:- सुबह शाम की सूर्य किरणें विटामिन डी का बडा स्त्रोत है। इनका सेवन जरुर करें पर अनावश्यक सूर्य से बचे। स्किन कैंसर का खतरा रहता है।
मौसमी फल सब्जियां खाएं:- प्रकृति प्रदत्त अपने क्षेत्र में मौसम में जो फल मिले उनका प्रयोग अवश्य करें। जरुरी विटामिन्स, न्यूट्रिशन्स आपको हमेशा मिलेंगे।
रेडिएशन से बचे:- चाहे सिर के उपर गुजरती र्हाअ टेंशन लाईने हो या फिर मोबाईल टावर अनावश्यक रेडिएशनों से बचें। यह कैंसर को यह बढ़ावा देती है आधुनिक गेजेट्स के प्रयोग को भी आवश्यक्तानुसार ही करें।
तुलसी का सेवन करें:- तुलसी प्रकृति का उपहार है। इसका सुबह शाम सेवन करें। नियमित सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और आप स्वस्थ रहते है।
अलसी अपनाएं:- यह रेशे, मैंगनीज, खनिज लवण, विटामिन बी 1 और ओमेगा का स्त्रोत है। यह पोषण में रामबाण है और शाकाहारियों के लिए वरदान है। इसका नियमित सेवन करें।
घर में किचन गार्डन बनाएं:- आजकल बाजार में कृत्रिम तरीके से उगाये गये फल सब्जियां मिलती है। जिन पर छिडके पेस्टिसाईड्स फायदे के बजाय नुकसान कर देते है। इसलिए यथासम्भव खुद का किचन गार्डन बनाएं। फल सब्जियों की शुद्धता बनी रहेंगी।
मेटाबोलिज्म मजबूत करें:- चयपाचय शक्ति से आपका वजन नियंत्रित रहता है, वह तन्दरुस्त रहता है। मेटाबोलिज्म बढाए आप लम्बे समय तक स्वस्थ रहेंगे।
रेशे ज्यादा खाएं:- रेशेदार पदार्थ हमारे शरीर की आवश्यकता है। इन्हे अपनाईए आपका डाईजेशन अच्छा रहेगा।
दानामेथी रोज खाएं:- दाना मेथी में लौह तत्व, कैल्शियम, विटामिन ए, फाॅलिक एसिड पाया जाता है। जोडों के दर्द व पाचन बढ़ाने में यह मददगार होती है अतः इसका नियमित उपयोग करें।
सुरक्षा नियमों का पालन करें:- घर हो या कार्यालय, सडक हो या किचन, सुरक्षा नियमों का पालन आपकी अच्छी सेहत व जीवन की गारन्टी देता है अतः हेलमेट पहनना हो या सिलेन्डर रात में बन्द करना नियमों का सदा पालन करें।
फैशन में ना आएॅं:- आजकल लडके लडकियांे मंे सिगरेट व शराब सेवन का माहोल है। नशा किसी भी स्थिति में अच्छा नहीं। कुछ देर के लिए, मस्ती के लिए या फैशन में करने से भी इसकी लत लग सकती है जो सेहत के लिए नुकसानदायक है।
टी.वी. देखते वक्त मत खाईए:- ऐसे में आपका ध्यान खाने में न होकर टी.वी. में रहता है और आप जरुरत से ज्यादा या गलत प्रकार का खाना खा लेते है।
ईष्र्या क्रोध जलन से बचे:- यह सारी नेगेटिव बातें आपका जीवन छोटा कर सकती है। आपमें नेगेटिव उर्जा का संचार कर आपकी इम्यूनिटी कम करती है। अतः इन सभी मनोभावों को नियंत्रित करना सीखिए।
खुश रहिए:- प्रसन्न रहने से तनावमुक्त रहने से उम्र बढ़ती है। खुश रहिए आप हमेशा तरोताजा रहेंगे।
एम्बिशन्स कन्ट्रोल करें:- महत्वाकांक्षाएं अच्छी होती है पर अत्याधिक महत्वाकांक्षा, क्रोध, घृणा, षडयंत्र जैसे मनोवेगो को जन्म देती है। जिससे स्वंय की शक्ति का ही ह्यास होता है। अतः महत्वाकांक्षाओं पर नियंत्रण रखें।
