गेहूं के जवारे
प्रकृति की गोद में बहुत सी जड़ी बूटियां ऐसी भी सिमटी हुई हैं, जो मानव जीवन के उद्धार के लिए कारगर साबित हो रही है। उनमें से एक हैं, गेंहू का जवारा, जिसमें क्लोरोफिल, विटामिन, कैल्शियम, आयोडीन, जिंक और आयरन समेत कई ज़रूरी तत्व भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। आमतौर पर गेहूं के जवारे को पौधे के बढ़ने और भूरे रंग में बदलने से पहले काटा जाता है और फिर पानी में भिगोकर पी लिया जाता है। वीट ग्रास जूस बॉडी के लिए किसी हेल्‍दी टॉनि‍क से कम नहीं है। इसमें बॉडी को हेल्‍दी रखने वाले पांचो तत्वों में से चार तत्व यानि कार्बोहाईड्रेट, विटामिन, एल्‍कलाइन एवं प्रोटीन पाए जाते हैं। जिस कारण इसे लेने से आप कई बीमारियों से बची रह सकती हैं।
आमतौर पर हम इसे तरल रूप में ही लेते हैं। मगर इसके अलावा इन पौधों को बारीक काटकर सलाद की तरह भी सेवन कर सकते हैं।
मोटापे को करे नियंत्रित
गेहूं के जवारे के रस में अधिक मात्रा में फाइबर होने की वजह से वज़न घटाने में बेहद सहायक बन जाता है। यह शरीर को अधिकतम वसा को घटाने के लिए उर्जा प्रदान करता है, ताकि व्यायाम के ज़रिए वज़न को आसानी से घटाया जा सके। इसके अलावा गेहूं के जवारे से तैयार पाउडर को किसी भी जूस में मिलाकर पी सकते हैं। 

इससे आपकी बॉडी को बेकार के खाने की लत नहीं लगती और आप जंक फूड खाने से भी बच जाती हैं जिससे केवल वजन बढता है। जी हां अगर आप सुबह खाली पेट व्‍हीट ग्रासपीती हैं तो आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है। व्‍हीट ग्रास में बहुत सारे पोषक तत्‍व होते हैं, जिसकी बॉडी को जरुरत होती है। 
पौष्टिक तत्वों से भरपूर
गेहूं के जवारे बहुत से विटामिन्स और खनिजों का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसमें अमीनो एसिड की अधिक मात्रा पाई जाती है। इसमें 17 अमीनो एसिड होते हैं, जिनमें से कई हमारे शरीर के लिए लाइफलाइन का काम करते हैं। 
कैंसर में लाभकारी
गेहूं के जवारे के जूस में शामिल एंटी आॅक्सिडेंट हमारे शरीर में उपस्थित विषाणूओं को दूर करने में बहुत ही प्रभावी ढ़ंग से काम करते है। यह कैंसर को रोकने में भी सहायक है। साथ ही कैंसर के उपचार में उपयोग किया जाता है। यह मुंह के कैंसर के खतरे को कम करने में अधिक सफल होता है। यह कोलन कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट कर कैंसर के विकास की दर को मंद करने में सहायक होता है। कीमोथेरेपी से होने वाले दुष्प्रभावों को भी दूर करने में भी इसे प्रभावी माना गया है।
गठिया रोग को करे दूर
गठिया रोग को दूर करने के लिए गेंहूं के जूस का उपयोग लाभकारी होता है। इसमें बहुत से प्रतिरोधक गुण होते है जो गठिया के प्रभाव को कम करने में हमारी मदद करते है। इसका नियमित सेवन करने से यह गठिया के कुछ लक्षणों जैसे कि दर्द और सूजन आदि को दूर करने में मदद करता है। इस तरह हम गेंहूं के जूस का सेवन कर बहुत सी बीमारीयों को दूर कर अपने स्वास्थ को बेहतर बना सकते है। 
रक्तचाप को करता है नियंत्रित
लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में गेहूं के जवारे अहम रोल अदा करते हैं। साथ ही रक्तचाप को नियंत्रित कर, रक्त के स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं। इसमें आॅक्सीजन की मात्रा भरपूर होती है, जो रक्त को शुद्ध करने में भी सहायक होती है। इसके अलावा शरीर में हृदय रोग होने की संभावना को भी कम करता हैं।   
एसिडिटी को दूर भगाए
गेहूं के जवारे शरीर में पी एच के स्तर को संतुलित कर समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाते है। गेहूं के जवारे का जूस पीने से एसिडिटी की समस्या ठीक हो जाती है। इससे दस्त और पेट दर्द जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है। 
कब्ज़ से दिलाए राहत
ये फाइबर का एक बहुत अच्छा स्त्रोत है, जो कब्ज के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है। गेहूं के जवारे शरीर में मेटाबोलिज्म क्रियाओं को उŸोजित कर मल त्याब क्रिया को आसान बना देता हैैं। दरअसल, गेहूं के जवारे में पाई जाने वाली मैगनीशियम की अधिक मात्रा भी कब्ज़ को ठीक करती है।  
बढ़ रही उम्र पर लगाए विराम
बुढ़ापे को रोकना किसी के बस की बात नहीं, इसीलिए इसे बदलाव का नाम देकर स्वीकार करना पड़ता है। मगर उम्र से पहले बुढापे की दस्तक को गेहूं के जवारे की मदद से रोका जा सकता है। दरअसल, इसमें कलोराफिल 
गेहूं के जवारे खाने का सही तरीका
गेहूं के जवारे को पाउडर, रस और कैप्सूल की शक्ल में ले सकते हैं।
घर पर भी पौधे में गेहूं के उत्पादन कर सेवन करना फायदेमंद साबित होता है।
गेहूं के जवारे को रस के तौर पर लेने के साथ साथ अपना पसंदीदा हरी सब्जि के साथ मिलाकर भी जूस बना सकते हैं।
गेहूं के जवारे के रस को सलाद, चाय यां अन्य पेय पदार्थों में भी मिला सकते हैं। 
गेहूं के जवारे की तासीर
इसकी तासीर ठंडी होती है और इसका इस्तेमाल गर्मियों में खासतौर से किया जाता है। दरअसल, ये शरीर में ठंडक पहुंचाता है। ध्यान रखने वाली बाते ये है कि इसका सेवन एक उचित मात्रा में ही किया जाना चाहिए, ताकि शरीर को किसी तरह का नुकसान न झेलना पड़े।
रस को बनाने की विधि
10 से 12 गमलों में मिट्टी भरकर उसमें गेहूं के दाने बो दीजिए और छाया में, कमरे यां फिर बरामदे में रखकर थोड़ा थोड़ा पानी डालते जाइए। तीन चार दिन बाद पौधा उग जाएगा। कुछ गेहूं के जवारों को जड़ सहित उखाड़कर, उसकी जड़ों को काटकर फेंक दीजिए। बचे हुए डठंल और पŸिायों को धोकर साफ सिलपर थोड़े पानी के साथ पीसकर आधे मिलास के लगभग रस का छानकर तैयार कर लीजिए और रोगी को तत्काल यां फिर ताज़र रस रोज़ सवेरे पिला सकते हैं। रस छानने के बाद जो फुजला निकलता है, उसे भी नमक मिलाकर भोजन के साथ खा सकते हैं।
गेहूं के जवारे के नुकसान
गेंहूं का जूस एक स्वास्थवर्धक पेय पदार्थ है जिससे हमें बहुत अधिक फायदा होता है। यदि गेंहू जूस अधिक मात्रा में लिया जाए तो इसके कुछ नुकसान हो सकते है जो कि इस प्रकार है।
 कुछ लोगों को गेंहूं का जूस पीने के बाद घबराहट, कब्ज या उल्टी की समस्या आ सकती है, यह इसमें उपस्थित फाइबर की अधिकता के कारण हो सकता है। कब्ज की समस्या वाले व्यक्तियों को अपने डाॅक्टर से सलाह लेने के बाद इसका नियमित आहार शुरू करना चाहिए।
कभी कभी गेंहूं के पौधे बैक्टीरिया या अन्य हानिकारक विषाणुओं से युक्त होते है। यदि आप गेंहूं का जूस घर पर बना रहे है तो इसकी साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें, नहीं तो ये आपके लिए परेशानी बढ़ा सकता है।
यदि आपको गेंहूं से संबंधित किसी भी प्रकार की एलर्जी है तो इसका सेवन करने से पहले डाॅक्टर से सलाह लेना आवश्यक होता है।