क्या है गोंद कतीरा? जानें गोंद से कैसे है अलग: Gond Katira
Gond Katira

Gond Katira: भारतीय रसोई में अनेक अद्भुत सामग्री का उपयोग होता है, जिनमें से कुछ सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए, तो कुछ गर्मियों में शीतलता प्रदान करने के लिए उपयोगी होती हैं। गोंद और गोंद कतीरा ऐसी ही दो सामग्री हैं जो दिखने में समान होने के बावजूद, कई मायनों में भिन्न होती हैं। गोंद, जिसे अक्सर “भारतीय गोंद” भी कहा जाता है, विभिन्न प्रकार के पेड़ों से प्राप्त एक प्राकृतिक राल है। इसका उपयोग मुख्य रूप से चिपकने वाले के रूप में किया जाता है, लेकिन इसका उपयोग कुछ खाद्य पदार्थों और औषधीय प्रयोजनों के लिए भी किया जाता है। गोंद कतीरा, दूसरी ओर, स्टरकुलिया यूरेन्स नामक पौधे के बीजों से प्राप्त होता है। यह पानी में घुलने के बजाय फूलकर जेली जैसा बन जाता है, जिसके कारण इसका उपयोग डेसर्ट, सूप और स्टू को गाढ़ा करने के लिए किया जाता है। गोंद और गोंद कतीरा दोनों ही स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। गोंद में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जबकि गोंद कतीरा फाइबर, प्रोटीन और कैल्शियम का अच्छा स्रोत है।

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गोंद, एक प्राकृतिक राल जो मुख्य रूप से सर्दियों के मौसम में उपयोगी होता है, अपनी गर्म तासीर और अनेक स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। यह विभिन्न प्रकार के पेड़ों से प्राप्त होता है और आमतौर पर हार्ड अवस्था में पाया जाता है। गोंद में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्वों की भरमार होती है। सर्दियों में गोंद और गोंद से बनी चीजों का सेवन करने से सर्दी, खांसी, बुखार और वायरल इन्फेक्शन जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है। गोंद का सेवन न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है, बल्कि डिलीवरी के बाद महिलाओं में कब्ज और पेट दर्द जैसी समस्याओं को भी दूर करता है। यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी फायदेमंद होता है, क्योंकि यह स्तनपान को बढ़ाने में मदद करता है। गोंद का उपयोग विभिन्न प्रकार से किया जाता है। इसे लड्डू, हलवा, खीर और अन्य व्यंजनों में मिलाकर खाया जा सकता है। गोंद, सर्दियों का एक अनोखा उपहार, जो न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अनेक लाभ प्रदान करता है।

गोंद कतीरा, गोंद के तरल रूप को सुखाकर बनाया जाता है। यह अपनी ठंडी तासीर और अनेक स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। गोंद कतीरा फाइबर का भंडार है, जो पाचन क्रिया के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। यह मल को मुलायम बनाकर मल त्याग को आसान बनाता है, जिससे पेट दर्द, कब्ज और गैस जैसी समस्याएं दूर होती हैं। गर्म जगहों में रहने वाले लोगों के लिए गोंद कतीरा का सेवन विशेष रूप से फायदेमंद होता है। इसका सेवन शरीर को ठंडक प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, गोंद कतीरा कोलेजन उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे त्वचा और बाल स्वस्थ और चमकदार बनते हैं। प्रोटीन और फोलिक एसिड से भरपूर होने के कारण, यह शरीर को शक्ति प्रदान करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, रोजाना थोड़ी मात्रा में गोंद कतीरा का सेवन शारीरिक कमजोरी को दूर करने में मदद करता है। गोंद कतीरा का सेवन पानी या दूध में मिलाकर किया जा सकता है। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों और मिठाइयों में भी किया जा सकता है।

गोंद, जो सर्दियों में उपयोगी होता है, मुख्य रूप से लड्डू और मिठाई बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, गोंद कतीरा, अपनी ठंडी तासीर के कारण, गर्मियों में अधिक लोकप्रिय है और इसे पानी में मिलाकर पिया जाता है। इन दोनों में एक दिलचस्प अंतर यह भी है कि जब इन्हें दूध और घी में डाला जाता है, तो इनका स्वरूप बदल जाता है। गोंद दूध और घी में घुलकर एक चिकना मिश्रण बनाता है, जबकि गोंद कतीरा पानी में फूलकर जेली जैसा बन जाता है। गोंद और गोंद कतीरा दोनों ही स्वास्थ्य के लिए अनेक लाभ प्रदान करते हैं। गोंद में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जबकि गोंद कतीरा फाइबर, प्रोटीन और कैल्शियम का अच्छा स्रोत है। अगली बार जब आप गोंद या गोंद कतीरा देखें, तो याद रखें कि वे समान दिखने के बावजूद, उनकी उत्पत्ति, उपयोग और स्वास्थ्य लाभों में भिन्नता होती है।

मैं आयुषी जैन हूं, एक अनुभवी कंटेंट राइटर, जिसने बीते 6 वर्षों में मीडिया इंडस्ट्री के हर पहलू को करीब से जाना और लिखा है। मैंने एम.ए. इन एडवर्टाइजिंग और पब्लिक रिलेशन्स में मास्टर्स किया है, और तभी से मेरी कलम ने वेब स्टोरीज़, ब्रांड...