Food Labels
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Food Labels: हाल ही में बच्चों में हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि चिंता का विषय बन गई है। गुजरात में 8 साल की बच्ची को हार्ट अटैक आना केवल एक घटना नहीं, बल्कि यह हमारे बदलते लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों का नतीजा है। बच्चों की सेहत को सुरक्षित रखना माता-पिता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। लेकिन अक्सर हम जाने-अनजाने ऐसी गलतियां कर देते हैं जो बच्चों की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों की डाइट में अनहेल्दी फूड का बढ़ता चलन और ट्रांस फैट व सैचुरेटेड फैट से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन उनकी सेहत पर बुरा असर डाल रहा है। यह बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने और हृदय रोगों का खतरा पैदा करने का काम करता है।

जब भी आप बच्चों के लिए चिप्स, बिस्किट या किसी भी तरह के पैकेट वाले स्नैक्स खरीदते हैं, तो यह बेहद ज़रूरी है कि आप फूड लेबल पढ़ें। फूड लेबल पर दी गई जानकारी आपको बताएगी कि उस प्रोडक्ट में कौन-कौन से तत्व मौजूद हैं। इन दो फैट्स को लेकर ज़रूर सर्तक रहें:

सैचुरेटेड फैट:
अगर किसी प्रोडक्ट में सैचुरेटेड फैट की मात्रा 10% से ज्यादा है, तो उसे खरीदने से बचें।

ट्रांस फैट:
ट्रांस फैट की मात्रा 1% भी हो, तो उसे नजरअंदाज न करें। इसे ज़ीरो पर्सेंट होना चाहिए।

  • सैचुरेटेड और ट्रांस फैट दोनों ही बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं।
  • बैड कोलेस्ट्रॉल से हृदय की नसों में ब्लॉकेज की संभावना बढ़ जाती है।
  • इससे बच्चों में मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।

घर का बना खाना दें

बच्चों को बाहर के खाने की बजाय घर का पौष्टिक खाना दें। यह उनके लिए स्वास्थ्यवर्धक और सुरक्षित है।

जंक फूड को सीमित करें

जंक फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स और प्रोसेस्ड फूड को बच्चों की डाइट से हटाएं।

एक्टिविटी बढ़ाएं

बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी के लिए प्रेरित करें। खेलकूद से न केवल उनका शारीरिक विकास होता है, बल्कि हृदय भी स्वस्थ रहता है।

फल और सब्जियों को प्राथमिकता दें

रोजाना फल और सब्जियों को बच्चों की डाइट में शामिल करें। इनमें मौजूद फाइबर और विटामिन उनके शरीर को फिट और एक्टिव रखते हैं।

बच्चों की सेहत का ध्यान रखें, उनकी आदतें सुधारें

माता-पिता को चाहिए कि बच्चों की सेहत को प्राथमिकता दें और खाने-पीने की चीजों के चयन में सतर्क रहें। अगर हम आज यह आदत डाल लें कि हर प्रोडक्ट का फूड लेबल पढ़ेंगे और अनहेल्दी फूड को अपने घर से बाहर रखेंगे, तो हम अपने बच्चों को एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य दे सकते हैं।

ध्यान रखें, बच्चे वही खाते हैं जो आप उन्हें देते हैं। इसलिए, उनकी सेहत का आधार आपके हाथों में है।

सोनल शर्मा एक अनुभवी कंटेंट राइटर और पत्रकार हैं, जिन्हें डिजिटल मीडिया, प्रिंट और पीआर में 20 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने दैनिक भास्कर, पत्रिका, नईदुनिया-जागरण, टाइम्स ऑफ इंडिया और द हितवाद जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम किया...