Frozen Food Guide
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फ्रोजन फूड खरीदने का सही तरीका

क्या आपने कभी सोचा है कि इन फूड पैकेज के लेबल पर लिखी हर चीज़ क्या मतलब है?

Frozen Food Guide: फ्रोजन फूड ने काम बहुत ही आसान बना दिया है जिससे कुछ ही मिनटों में स्वादिष्ट खाना तैयार हो जाता है। साथ ही समय और मेहनत दोनों कम लगती है। लेकिन इसे खरीदते वक्त क्या आप यह समझ लेते हैं कि यह सच में सेहत के लिए सुरक्षित है? क्या आपने कभी सोचा है कि इन फूड पैकेज के लेबल पर लिखी हर चीज़ क्या मतलब है?

फ्रोजन फूड खरीदते समय इनकी पैकेजिंग पर दिए गए लेबल्स को ध्यान से पढ़ना बेहद जरूरी है, क्योंकि इसमें कई बार ऐसे तत्व शामिल होते हैं जो सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि फ्रोजन फूड के लेबल्स में किन सामग्रियों को देखना चाहिए और किनसे बचना चाहिए, ताकि आप सही और सेहतमंद विकल्प चुन सकें।

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फ्रोजन फूड खरीदते समय ऐसे सिम्पल और नैचुरल इंग्रेडिएंट्स देंखे जिन्हें आप आसानी से पहचान सकें। जितने कम इंग्रेडिएंट्स होंगे, वह फूड उतना ही बेहतर होता है। एक ही इंग्रेडिएंट वाले जैसे मटर या ब्लूबेरी या थोड़े ही जाने-पहचाने इंग्रेडिएंट्स वाली चीजें आमतौर पर स्वास्थ्य के लिए बेहतर होती हैं। जैसे कि आप फ्रोजन मटर खरीद रहे हैं, तो ऐसा पैकेट खरीदें जिस पर केवल ‘मटर’ लिखा हो। ऐसे पैकेट को खरीदने से बचें जिनमें एक्स्ट्रा शुगर या सोडियम जैसे इंग्रेडिएंट हों।

Read Food Labels

फ्रोजन फूड्स में अक्सर शुगर ऐड की जाती है, खासकर ब्रेकफास्ट आइटम्स या फ्रोज़न फ्रूट में। हाई शुगर कंटेंट स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए ऐसे विकल्प चुनें जिनमें ऐडेड शुगर नहीं हो। जैसे कि आप स्मूदी के लिए फ्रोजन फ्रूट खरीद रहे हैं, तो ‘स्ट्रॉबेरी’ के बजाय ‘स्ट्रॉबेरी और शुगर’ वाले पैकेट से बचें। फ्रोजन फ्रूट में केन शुगर या कॉर्न सिरप जैसे शुगर के नाम हो सकते हैं, जिनसे बचना चाहिए।

फ्रोजन फूड्स में सोडियम की मात्रा अधिक हो सकती है, खासकर रेडीमेड मील्स में। सोडियम का अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, खासकर हाई ब्लड शुगर के मामलों में। 500 mg से कम सोडियम वाले फूड्स चुनें, खासकर फ्रोजन डिनर या सूप में।

कुछ फ्रोजन फूड में रासायनिक तत्व मिलाए जाते हैं जो लंबे समय तक रंग या स्वाद बनाए रखने के लिए होते हैं। आर्टिफिशियल कलर्स और फ्लेवर्स से दूरी ही स्वास्थ्य के लिए सही है। जैसे कि फ्रोज़न पिज्जा ले रहे हैं तो ‘आर्टिफिशियल फ्लेवर्स’ और ‘BHA/BHT’ (प्रिजर्वेटिव्स)जै से शब्द देखे तो खरीदने से बचें। इसके बजाय ‘मोज़ेरेला चीज़’ और ‘होल टमैटो” जैसे नैचुरल इंग्रेडिएंट चुनें।

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फ्रोजन स्नैक्स और मील्स में कभी-कभी अनहेल्दी फैट्स जैसे ट्रांस फैट्स या आंशिक रूप से हाइड्रोजनेटेड ऑयल्स होते हैं। इनसे बचना चाहिए। इसके बजाय, ऐसे फूड्स चुनें जिनमें हेल्दी फैट्स जैसे जैतून का तेल या एवोकाडो ऑयल का इस्तेमाल हो। मान लीजिए अगर आप फ्रोजन फ्रेंच फ्राइज़ खरीद रहे हैं, तो कैनोला ऑयल या सनफ्लॉवर ऑइल जैसे विकल्पों पर जाएं और आंशिक रूप से मौजूद हाइड्रोजनेटेड तेल से बचें।

आप प्रोटीन युक्त फ्रोजन फूड्स जैसे मीट या प्लांट बेस्ड डिशेज़ खरीद रहे हैं, तो लेबल को देखें कि प्रोटीन का सोर्स क्या है। जब तक आप प्लांट बेस्ड प्रोटीन पसंद नहीं करते, तब तक सोया या टेक्सचर्ड वेजिटेबल प्रोटीन जैसे ‘फिलर प्रोटीन’ वाले विकल्पों से बचें। चिकन, बीफ या बीन्स जैसे हाई क्वॉलिटी प्रोटीन सोर्स बेहतर विकल्प हैं।

अनाज वाले फ्रोज़न फूड्स  जैसे पास्ता या चावल की बनी डिशेज़ अक्सर रिफाइंड अनाज से बनाए जाते हैं। प्रोसेसिंग के दौरान ये अनाज अपने कुछ फाइबर और पोषक तत्व खो देते हैं। ब्राउन राइस या साबुत गेहूं जैसे साबुत अनाज का चयन करने से अधिक पोषक तत्व मिलते हैं और पाचन में मदद मिलती है। जैसे कि आप फ्रोजन पास्ता डिश खरीद रहे हैं, तो ‘एनरिच्ड व्हीट फ्लोर” जैसी रिफाइंड इंग्रेडिएंट्स के बजाय ‘होल ग्रेन पास्ता’ या ’ब्राउन चावल’ वाला लेबल देख लें।

फ्रोजन फूड्स के लेबल को पढ़ने के लिए बस थोड़ा ही समय चाहिए लेकिन यह समय आपको ऐसे विकल्प चुनने में मदद करता है जो आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं।

सोनल शर्मा एक अनुभवी कंटेंट राइटर और पत्रकार हैं, जिन्हें डिजिटल मीडिया, प्रिंट और पीआर में 20 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने दैनिक भास्कर, पत्रिका, नईदुनिया-जागरण, टाइम्स ऑफ इंडिया और द हितवाद जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम किया...