उत्तर भारत में खास मौकों पर बनने वाले स्वादिष्ट व्यंजन: North Indian Dishes
North Indian Dishes

North Indian Dishes: त्योहारों में हर कोई चाहता है कि घर आए मेहमान को कुछ स्पेशल खिलाया जाए। तो आइए मास्टर शेफ चारू अग्रवाल से जानते हैं कुछ स्पेशल रेसिपीज।

मूंग दाल हलवा

अगर उत्तर भारत की खास मिठाइयों की बात करें और मूंग दाल हलवा की बात न हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। यह अपनी एक खास जगह रखता है। सर्दियों में खाने के बाद मूंग दाल हलवा मिल जाए तो कहना ही क्या। घर में कोई खास मेहमान आने वाले हों या कोई खास मौका हो, मूंग दाल हलवा एक उत्तम विकल्प है।

सामग्री : 1 कप मूंग धुली दाल, 1 कप चीनी, 1 कप पानी, 2 कप घी, मेवा- बादाम, काजू, पिस्ता।
विधि : मूंग दाल को 2-3 घंटे के लिए भिगो दें। अब सारा पानी निकाल दें। बिना पानी डाले दरदरा पीस लें। एक भारी कड़ाही लें, उसमें घी या तेल दाल दें। हल्का गरम होने पर उस तेल/घी से कड़ाही को चिकना कर लें। अब पीसी हुई दाल डालें और घी/तेल को दाल में धीरे-धीरे मिलाएं। अब लगातार चलाते हुए दाल को भून लें इसे भूनने में लगभग 20 मिनट लगते हैं। आप इसे थोड़ा-सा चख कर देख लें, अगर आपको दाल में थोड़ा सा कच्चापन महसूस हो तो थोड़ी देर और भून लें। अब दाल को एक प्लेट में निकल लें और इसे थोड़ा टेढ़ा रख दें या इसे किसी स्टील की छलनी में डाल दें। सारा तेल उसमें से निकल जाएगा। अगर प्लेट में टेढ़ा कर के तेल/घी निकाल रहे हैं तो 2-3 घंटे इंतजार करें। अगर छलनी में निकाल रहे हैं तो 15-20 मिनट में तेल निकल जाएगा। आप चाहेें तो वही कड़ाही लें चाहे दूसरी ले लें। उसमें पानी और चीनी डालें। चीनी के अच्छे से घुल जाने पर 5 मिनट तक उबलने दें।

अब उसमें धीरे-धीरे दाल डाल दें। चाशनी में डाल कर अच्छे से मिलाएं। कड़ाही को ढक दें और धीमी आंच पर पकने दें। आप काजू, पिस्ता और बादाम काट लें। एक बार फिर दाल को चला दें। इसमें कटे हुए मेवे दाल दें और थोड़े से बचा लें। आंच बंद कर दें और घी ऊपर से डाल कर अच्छे से मिला दें। हलवे को एक बर्तन में निकल लें और मेवे से सजा कर पेश करें।

सावधानियां

दाल को न ही ज्यादा तेज और मंदी आंच पर भूने। भूनते समय दाल को लगातार चलते रहें। लीजिये बातों ही बातों में बन गया मूंग दाल का हलवा।

मिनी भरवां कचौरी

North Indian Delicious Dishes
North Indian Dishes-Kachori

सामग्री : एक कप मूंग दाल, एक कप घी या मक्खन, एक कप चीनी, एक चम्मच दालचीनी पाउडर, एक कप खोया, आधा कप बारीक कतरा हुआ पिस्ता, गार्निशिंग के लिए एल्यूमिनियम फॉयल।
विधि : एक कप मूंग दाल को पीसकर महीन पाउडर बना लें। अब इस पाउडर को छान लें। अब एक कड़ाही लें और उसमें घी डालें। घी गर्म हो जाए तो मूंग दाल का पाउडर उसमें डाल दें। एक चमचे की मदद से इसे चलाते हुए पकने दें। इसे लो फ्लेम में भी पकाएं ताकि इसका कच्चा पन खत्म हो जाए। पकाते वक्त इससे काफी अच्छी महक आती है। इस मिश्रण को लगातार चलाते हुए भून लें। जब ये पक जाए तो गैस बंद कर दें।

अब इसमें एक कप चीनी और एक चम्मच इलायची पाउडर खुशबू और स्वाद के लिए मिलाएं। इस मिक्सर में चीनी को पिघने दें। चीनी पिघल जाए तो गैस को बंद कर दें और इसमें खोया डालें। जब ये मिक्सर ठंडा हो जाए तो इसमों खोया डाल दें। गैस बंद होने के बाद भी खोये को पकने के लिए पर्याप्त गर्मी मिलती रहेगी। अब ये पूरी तरह से बनकर तैयार है।

एक सपाट प्लेट लें। उस प्लेट को अच्छे से घी या बटर से ग्रीस कर लें। फिर मिक्सर को एक चमचे की मदद से फैलाकर बराबर से दबा दें। इसे ठंडा होने दें और कटे हुए पिस्ता से इसे गार्निश कर लें। अगर पिस्ता का चमकीला हर रंग डिश में चाहिए तो उसे गर्म पानी में दस सेकेंड के लिए भिगो दें। फिर उसे निकालकर कपड़े के टुकड़े से रगड़ लें ताकि पिस्ते का कवर हट जाए, इससे पिस्ता चमकीला और हरे रंग का रहेगा। मूंग की बर्फी को और भी आकर्षित और बाजार वाला लुक देने के लिए सिल्वर परत से सजा सकते हैं। बर्फी को अपने मन मुताबिक शेप में काटकर सर्व करें।

नवरत्न पुलाव

आमतौर पर पुलाव बासमती चावल से बनाए जाते हैं, जिनमें सब्जियां और मसालों का एक बढ़िया स्वाद और खुशबू होती है। पुलाव बिरयानी नहीं है, बिरयानी में सब्जियों और चावल की एक परत लगा कर पकाया जाता है, जबकि पुलाव में सब्जियों को घी में सॉटे किया जाता हैं।
पुलाव के बहुत सारे विकल्प मिलते हैं, जैसे तवा पुलाव, सब्जियों वाले पुलाव, मटर पुलाव आदि। आज हम नवरत्न पुलाव बनाएंगे। जैसा कि नाम से पता चलता है कि इसमें 9 तरह की खास सब्जियां और मसाले डाले जाते हैं। नवरत्न पुलाव एक शाही भोजन है और इसे खास मौकों पर बनाया जाता है। आप इसे दाल, रायता या किसी भी ग्रेवी जैसे कढ़ी या पनीर के साथ परोस सकते हैं।

सामग्री : 4 कप उबले हुए बासमती चावल, 1.5 बड़ी चम्मच घी, द कप स्वीटकॉर्न, मटर ½ कप, बारीक कटी गाजर, बीन्स और शिमला मिर्च, 100 ग्राम पनीर कटा हुआ, ½ छोटी चम्मच जीरा, 1 चुटकी हींग, 1 दगड़ी फूल, 1 तेजपत्ता, 4 काली मिर्च, 2 लौंग, 2 बड़ी चम्मच काजू, बादाम और किशमिश, 1 चम्मच नमक।

विधि : 1 कड़ाही में 1 चम्मच घी गरम करेंगे और इसमें सब्जियां डाल देंगे और सब्जियों के मुलायम होने तक धीमी आंच पर ढक कर पकाएंगे। एक प्लेट में निकाल लेंगे। अब ½ चम्मच घी और डालेंगे और पनीर को सुनहरा होने तक सेक लेंगे। इसे भी एक प्लेट में निकाल लेंगे। बचे हुए घी में जीरा, हींग और मसाले डालकर भून लेंगे। इससे खड़े मसालों का बहुत अच्छा स्वाद और खुशबू आती है।
अब सब्जियां, पनीर और मेवे, उबले हुए चावल और नमक डालकर मिला देंगे। 5-7 मिनट तक ढक कर पकाएंगे, ताकि सारे स्वाद और खुशबू अच्छे से मिल जाये। नवरत्न पुलाव परोसने के लिए तैयार है।

टिप्पणी

-इसमें टमाटर नहीं डलता। टमाटर से चावल खिला-खिला नहीं बनता और अच्छा रंग भी नहीं आता।
-किशमिश से स्वाद थोड़ा मीठा हो जाता है। आप को अगर मिठास पसंद न हो तो आप एक बारीक कटी हरी मिर्च भी डाल सकते हैं।
-तो बनाइये, खाइये और खिलाइये ये स्वादिष्ट नवरत्न पुलाव।

बरसाने की लच्छेदार रबड़ी

North Indian Delicious Dishes
North Indian Dishes-Rabri

बरसाने में श्री राधा रानी की दर्शन करने के बाद अगर कोई चीज आत्मा को प्रसन्न करती है, तो वह है वहां की लच्छेदार रबड़ी, जिसे आज हम घर पर बनाएंगे। दीवाली पर बनाने के लिए यह एक बहुत ही उत्तम मिठाई है। विशेष बात यह है कि आज हम इसे बिना किसी मिल्क पाउडर या कंडेंस्ड मिल्क के बनाएंगे। शुद्ध सात्विक यह मिठाई भगवान के भोग के लिए भी बढ़िया रहेगी।

सामग्री : 1 लीटर फुल क्रीम दूध, 2 बड़े चम्मच चीनी।

विधि : सबसे पहले एक भारी तली की कड़ाही को अच्छे से साफ कर लें। मैंने लोहे की कड़ाही ली थी, आप पीतल या स्टील की भी ले सकते हैं। अब कड़ाही को कपड़े से अच्छे से पोंछ लें और उस पर घी लगा दें। अब इस घी को उंगलियों की मदद से पूरी कड़ाही के अंदर फैला दें, इससे दूध कड़ाही में लगता नहीं है।

एक टिशू पेपर या सूती कपड़े की मदद से घी को अच्छे से पोंछ लें, नहीं तो रबड़ी में घी का स्वाद आता है, जो अच्छा नहीं लगता है। अब कड़ाही में दूध डालिये और गैस को जलाइए। पहले गैस नहीं जलानी है, नहीं तो गर्मी से घी पिघल जाएगा और कोई फायदा नहीं होगा। लगातार दूध को चलाते हुए उबाल लीजिये और ऐसे ही 10-15 मिनट उबलने दीजिये। दूध के उबलने से जो झाग ऊपर आ जाते हैं उनको एक छलनी में निकल लीजिये, इनसे रबड़ी बनाने में भी परेशानी होती है। छलनी से छनकर जो दूध कटोरी में आ जाए उसे वापिस से कड़ाही में डाल दीजिये।

15 मिनट बाद गैस को एकदम धीमा कर दीजिये और दूध को भी चलाना बंद कर दीजिये। 2 मिनट बाद दूध पर मलाई की एक पतली परत आ जायेगी, इसे किसी कांटे की मदद से सरकाते हुए कड़ाही की किनारों पर लगा दीजिये। इसी तरह बार-बार कीजिये और जब कड़ाही की सारे किनारे भर जाए तो इस मलाई को पलटे से खुरचकर किसी प्लेट में निकाल लीजिये। प्लेट में ही निकलने है, कटोरी में नहीं। इसी तरह अगली बार भी कड़ाही के किनारों के भर जाने तक मलाई को किनारो पर लगाइये।

इस बार भी मलाई को खुरचकर प्लेट में निकाल लीजिये, पर ध्यान रहे नई वाली मलाई पुरानी वाली खुरचन से अलग रहे। इस खुरचन को हमें सुखा कर थोड़ा सख्त करना है। इसी तरह तब तक कीजिये, जब तक दूध 1/4 नहीं रह जाता। दूध में चीनी डालिये और अच्छे से मिला लीजिये। अब रबड़ी के लच्छे को एक बड़ी कटोरी में डालिये और ऊपर से चीनी वाला दूध डाल दीजिये, हल्के हाथ से चला दीजिये। 2-3 घंटे फ्रिज में ठंडा होने दीजिये, आपकी लच्छेदार रबड़ी एकदम तैयार है।
पारम्परिक रबड़ी में किसी भी तरह की इलाइची, केसर या कोई अन्य सामान नहीं डलता है, अगर आप चाहे तो डाल सकते हैं। तो देखा आपने एकदम बढ़िया रबड़ी तैयार है, वो भी बिना किसी मिल्क पाउडर या कंडेंस्ड मिल्क के। आप भी इसी घर पर बनाइये और अपनी तारीफों के पुल पाइये।