संगीत और अभिनय का मधुर संबंध दिलजीत सिंह दोसांझ: Diljit Singh Dosanjh
Diljit Singh Dosanjh

Diljit Singh Dosanjh: दिलजीत सिंह दोसांझ पंजाबी संगीत और ऌिफल्म जगत की जानी मानी हस्ती बन चुके हैं। जालंधर पंजाब प्रांत के एक गांव दोसांझ कलां में इनका जन्म हुआ है, जिसके कारण दिलजीत सिंह अपने नाम के आगे ‘दोसांझ’ लगाते हैं। दिलजीत का जन्म 06 जनवरी, 1984 को 12.00 बजे, मीन लग्न में मकर राशि के अन्तर्गत जाब के जालंधर शहर में हुआ है।

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फिल्म ‘उड़ता पंजाब से बॉलीवुड में कदम रखने वाले अभिनेता और पंजाबी गायक दिलजीत सिंह दोसांझ की जन्मकुंडली का राहु ग्रह राजयोग कारक है हालांकि मीन लग्न के लिए राहु शुभ ग्रह नहीं होता और गुरु से इसका शत्रु व्यवहार भी है, किन्तु दिलजीत दोसांझ की जन्मकुंडली में वृषभ राशि में राहू शुभता प्रदान कर है। ‘त्रिषट् एकादशे राहु अर्थात राहु मीन लग्न के तृतीय भाव वृषभ राशि में राजयोग कारक बन गया है, इसी कारण सन् 2003 के अन्दर राहु की महादशा और कला क्षेत्रा के नायक शुक्र की प्रत्यंतर दशा में दिलजीत दोसांझ को संगीत जगत में प्रवेश मिला।
मीन लग्न पर गुरु का केन्द्रीय प्रभाव है जिसके कारण बचपन से ही दिलजीत दोसांझ धार्मिक, भावुक व कोमल हृदय है। दिलजीत सिंह दोसांझ को अपने धर्म में गहरी आस्था और धर्मिक भावना अधिक होने के कारण ऌिफल्म जगत में अवरोध का सामना करना पड़ेगा। पुरानी परम्पराओं, रीति-रिवाजों और परिवार महत्त्व व सम्मान का विशिष्ट गुण स्वत: स्पष्ट है।

सूर्य और गुरु का दशम भाव में होना ‘हंस योग का निर्माण कर रहा है जिसके कारण वाहन, जमीन, मकान और भौतिक सुख-सुविधाएं एक संघर्ष के बाद मिलती हैं तत्पश्चात सभी प्रकार के ऐश्वर्य संसाधनों की प्राप्ति नि:संदेह होती हैं।

पराशर मत अनुसार दिलजीत सिंह दोसांझ का मंगल बचपन के 10 वर्ष कष्टपूर्ण देता है। आगे बढ़ने के लिए संघर्ष करवा रहा है। मंगल का अष्टम भाव में होना दिलजीत को मांगलिक बनाता है, वाणी को ओछी व तेजता देता है, इसी के साथ शनि ग्रह का युति संबंध विमल नामक ‘विपरित राजयोग’ का निर्माण कर रहा है। शनि ग्रह का अष्टम भाव में उच्च होना वैसे तो शुभ है, लम्बी आयु भी दे रहा है किन्तु शिक्षा को जीवन से पृथक कर रहा है। जब-जब शनि ग्रह की अन्तर्दशा या प्रत्यंतर दशा आएगी तब-तब ऌिफल्म जगत और व्यवसाय में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही दन्त रोग भी शनि देगा। शनि के समय जीवन में उतार-चढ़ाव आएंगे। भाग्य स्थान वृश्चिक राशि में शुक्र और केतु का होना दिलजीत सिंह को महिलाओं से लाभ प्राप्त कराता है तो उनसे हानि की ओर ईशरा भी करता है। लग्न के स्वामी बृहस्पति की महादशा में उच्च के शनि की अर्न्तदशा का आना दिलजीत को ‘द लायन ऑफ पंजाब’ नामक ऌिफल्म से सन 2011 में अभियन की दुनिया में उतारता है किन्तु विशिष्ट सऌफलता और नाम गुरु की महादशा और शनि की ऌप्रत्यंतर दशा में गुरु की सूक्ष्म दशा का आना जून 2012 ‘जट्ट एंड जूलिएट’ पंजाबी ऌिफल्म से दिलाई, इसी लग्नपत और सूर्य की युति ने अपनी सूक्ष्म दशा में जून 2013 में ‘जट्ट एंड जूलिएट 2 के द्वारा एक बार ऌिफर से सऌफलता का स्वाद चखाया।

द्वितीय भाव वाणी का भाव होता है और तृतीय भाव स्वर का भाव है, द्वितीय भाव मेष राशि पर उसके स्वामी मंगल की सप्तमी दृष्टि और तृतीय भाव वृषभ पर उसके स्वामी शुक्र की दृष्टि साथ में राहु का शुभ होकर बैठना साथ में द्वितीयेश की अष्टमी दृष्टि तृतीय भाव पर होने के कारण दिलजीत को संगीत विद्या प्रदान कर रहा है। गुरु की पंचमी दृष्टि से द्वितीय भाव को आशीर्वाद मिलने के कारण दिलजीत दोसांझ गुरुद्वारा एवं अन्य धार्मिक आयोजनों में कीर्तन गायन करते थे।

दिलजीत दोसांझ की जन्मकुंडली में शुक्र और मंगल का राशि परिवर्तन, राहु का राजयोग कारक होना, पंचमेश का एकादश में होना, जहां ऌिफल्मों और गायन विद्या में सऌफलता दिलायेगा वहीं शनि और राहु द्वारा चन्द्रमा का पीड़ित होना दिलजीत के जीवन में मानसिक परेशानियां उत्पन्न कर देगा।