Rajesh khanna And Jaya Bhaduri in Bawarchi Movie
Rajesh khanna And Jaya Bhaduri in Bawarchi Movie

Summary : राजेश खन्ना खाने के बेहद शौकीन थे और टेबल पर 10 डिश से कम उन्हें मंज़ूर नहीं था

बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना अपनी फिल्मों के साथ-साथ अपने शाही अंदाज़ के लिए भी जाने जाते थे। चाहे परांठा ही क्यों न हो, वो अलग-अलग फ्लेवर में बनवाते और हर एक से सिर्फ एक कौर खाकर छोड़ देते।

Rajesh Khanna Food Habits: देश के पहले सुपरस्टार के राजेश खन्ना के बारे में इतने किस्से हैं कि अगर आप रोज एक भी जाने तो भी उन्हें पूरा समझने में ना जाने कितने साल निकल जाएं। सफलता के शिखर पर बैठकर उन्होंने राजसी जिंदगी जी। राजेश खन्ना को खाने-पीने में भी शाही अंदाज़ पसंद था। खाने के मामले में तो उन्हें वाकई लगता था कि जैसे वो राजा हैं। उनकी इच्छा होती थी कि उन्हें वैसा ही खाना परोसा जाए जैसा राजा-महाराजा खाते थे।

हाल ही में उनकी कथित गर्लफ्रेंड अनीता आडवाणी ने एक इंटरव्यू में राजेश के इस अंदाज को खुलकर बताया। अनीता ने बताया कि राजेश खन्ना को खाने की मेज पर तरह-तरह के व्यंजन चाहिए होते थे। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें पराठा खाना होता, तो भी वो चाहते कि अलग-अलग तरह के पराठे बने हों। फिर वो हर पराठे से बस एक-एक कौर खाते और बाक़ी छोड़ देते थे।

यूट्यूब चैनल रील मीट्स रियल पर पूजा सामंत से बातचीत में अनीता ने कहा कि राजेश खन्ना को हमेशा ही खाने में ढेर सारी वैराइटी चाहिए होती थी। भले ही घर में कुक मौजूद रहता था, लेकिन कई बार वो खुद उनके लिए खाना बनाती थीं। अनीता ने याद किया, “घर में करीब 6-7 लोग स्टाफ में थे और एक कुक तो हमेशा होता ही था। लेकिन कई बार मैं भी उनके लिए खाना बनाती थी। जैसे उन्हें छोले-भटूरे बहुत पसंद थे, तो मैंने वो बनाना सीखा। उन्हें देसी पकवान बहुत अच्छे लगते थे। वो खाने के काफी शौकीन थे।”

BAWARCHI Poster And Rajesh Khanna Eating Burger in 1980's
BAWARCHI Poster And Rajesh Khanna Eating Burger in 1980’s

उन्होंने राज खोला कि राजेश खन्ना को रोजाना डोसा चाहिए होता था और अगर खाने की मेज पर 10 से कम डिश होती, तो उन्हें अच्छा नहीं लगता था। अनीता बोलीं—“उन्हें हर दिन डोसा चाहिए होता था। अगर खाने की टेबल पर 10 से कम चीजें होतीं, तो उन्हें बुरा लगता। हम लोग और स्टाफ समझ ही नहीं पाते कि अब क्या करें। जैसे जब उन्हें परांठे चाहिए होते तो वो कहते कि एक आलू का, एक मूली का, एक गोभी का बनाओ। फिर वो हर परांठे का बस एक निवाला लेते थे।”

जब होस्ट ने पूछा कि बाकी का खाना बर्बाद हो जाता होगा, तो अनीता ने कहा कि ऐसा नहीं था। “स्टाफ भी वही खाना खाता था जो उन्हें परोसा जाता था। स्टाफ अलग से नहीं खाता था।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर इतनी वैराइटी में खाना न परोसा जाए तो वो कहते, “हम शरणार्थी हैं क्या? खाना नहीं है क्या?” हालांकि खाने के बहुत शौकीन होने के बावजूद अनीता ने बताया कि राजेश खन्ना असल में “कम खाने वाले इंसान” थे। वो केवल दो रोटियां ही खाते थे। राजेश खन्ना का निधन साल 2012 में 69 वर्ष की उम्र में लंबी बीमारी (कैंसर) के बाद हुआ था। उन्होंने अपने बंगले में ही अंतिम सांस ली। बाद में अनीता को डिंपल कपाड़िया और उनके परिवार ने बेदखल कर दिया।

ढाई दशक से पत्रकारिता में हैं। दैनिक भास्कर, नई दुनिया और जागरण में कई वर्षों तक काम किया। हर हफ्ते 'पहले दिन पहले शो' का अगर कोई रिकॉर्ड होता तो शायद इनके नाम होता। 2001 से अभी तक यह क्रम जारी है और विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए फिल्म समीक्षा...