Parveen Babi Mental Health
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Summary: महेश के सामने परवीन बरबाद हुई लेकिन वे कुछ नहीं कर पाए

परवीन को मानसिक बीमारी हुई थी जिससे उन्हें लगता था कि कोई उन्हें मारना चाहता है।

Parveen Babi Mental Health: फिल्ममेकर महेश भट्ट ने हमेशा ही अपनी जिंदगी को सभी के सामने खोलकर रखा है। इस बार भी महेश ने एक बार फिर से परवीन बाबी को लेकर अपने सबसे निजी और भावनात्मक अध्याय को याद किया है। परवीन बाबी कभी बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस थीं। परवीन, अपने करियर की ऊंचाइयों पर होने के बावजूद भीतर ही भीतर गहरे मानसिक संघर्ष से जूझ रही थीं। हाल ही में एक इंटरव्यू में महेश भट्ट ने उनके आखिरी वर्षों को याद करते हुए बताया कि किस तरह शोबिज़ की चकाचौंध के पीछे छुपे उनके दर्द और डर ने उन्हें अंदर से तोड़ दिया।

‘द हिमांशु मेहता शो’ में बातचीत के दौरान भट्ट ने कहा कि परवीन बाबी का पतन उनके लिए एक दिल तोड़ने वाली त्रासदी थी। उन्होंने बताया कि उनके आसपास के कई लोग उन्हें फिल्म इंडस्ट्री की तेज रफ्तार दुनिया से दूर ले जाने की कोशिश कर रहे थे ताकि उनकी मानसिक स्थिति में सुधार हो सके। लेकिन परवीन के लिए शोहरत और ग्लैमर से दूरी बना पाना लगभग नामुमकिन था। महेश भट्ट के मुताबिक, उस वक्त की टॉप हीरोइन के हालात ऐसे थे कि उन्हें पब्लिक स्पेस से दूर रहना चाहिए था, लेकिन स्टारडम की खींच उन्हें बार-बार वहीं लौटने पर मजबूर कर देती थी। और यह उनके लिए अच्छा साबित नहीं हुआ।

महेश भट्ट ने याद किया कि परवीन बाबी भले ही दुनिया को एक ग्लैमरस स्टार के रूप में दिखती थीं, लेकिन अंदर से वह बेहद संवेदनशील और डरी हुई महिला थीं। वे बताते हैं कि परवीन दरअसल गुजरात के जूनागढ़ से आई एक साधारण लड़की थीं जिसे घर पर खाना पकाना, बालों में तेल लगाना जैसे छोटे-छोटे कामों में सुकून मिलता था। उनकी बाहरी चमक-दमक भले ही स्टारडम का प्रतीक थी, लेकिन असली परवीन इस ग्लैमर से कोसों दूर एक बेहद सामान्य जीवन जीने वाली इंसान थीं।

कुछ साल पहले हुई एक पुरानी बातचीत में महेश भट्ट ने खुलकर बताया था कि उन्होंने परवीन बाबी की मानसिक गिरावट को करीब से देखा था। उन्होंने याद किया कि कैसे एक दिन जब वो घर लौटे तो परवीन एक कोने में सहमी हुई बैठी थीं, कांप रही थीं और बार-बार कह रही थीं कि कोई उन्हें मारने आ रहा है। उस समय तक परवीन गहरे भ्रम और भय में जीने लगी थीं। महेश भट्ट के मुताबिक, वह सिजोफ्रेनिया जैसी गंभीर मानसिक बीमारी से जूझ रही थीं, जो धीरे-धीरे उन्हें तोड़ती चली गई।

महेश भट्ट ने कहा कि उन्होंने परवीन को उस हालत से बाहर निकालने की पूरी कोशिश की, लेकिन अंत में उनका रिश्ता भी दुखद तरीके से खत्म हुआ। उन्होंने स्वीकार किया कि इस सफर में वो खुद भी टूटे और हारे हुए महसूस करने लगे थे। परवीन बाबी की मौत 2005 में हुई, लेकिन उनके साथ बिताए वो साल आज भी महेश भट्ट के जेहन में एक टीस की तरह जिंदा हैं। उन्होंने कहा, “उनके साथ जो हुआ, वो एक ऐसी त्रासदी थी जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।”

ढाई दशक से पत्रकारिता में हैं। दैनिक भास्कर, नई दुनिया और जागरण में कई वर्षों तक काम किया। हर हफ्ते 'पहले दिन पहले शो' का अगर कोई रिकॉर्ड होता तो शायद इनके नाम होता। 2001 से अभी तक यह क्रम जारी है और विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए फिल्म समीक्षा...