सबसे ज्यादा तस्करी होती है पैंगोलिन की
ये जीव जलीय स्रोतों के आसपास जमीन में बिल बनाकर रहते हैं।
Pangolins Animal: एशिया और अफ्रीका में पाए जाने वाले रेतीले रंग के शुंडाकार जीव पैंडोलिन अब विलुप्त दुर्लभ जीवों की श्रेणी में आते हैं। पैंगोलिन की संख्या अब तेजी से घट रही है। सांप की प्रजाति न होने के बावजूद भारत में से सल्लू सांप के नाम से जाना जाता है। ये जीव जलीय स्रोतों के आसपास जमीन में बिल बनाकर रहते हैं। चींटी और दीमक खाने वाले ये जीव नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। इसके शरीर पर बने स्केल्स केराटिन प्रोटीन के बने होते हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में पैंगोलिन के मांस की खासी मांग है। वियतनाम और चीन के होटलों में इन्हें परोसा जाता है। इसकी चमड़ी, हड्डियां, शल्क और दूसरे शारीरिक अंगों की भी तस्करी की जाती है। इसका बड़ा इस्तेमाल पारंपरिक चीनी दवाइयां बनाने में होता है। इनका जीवनकाल 10 से 20 साल का होता है।
