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जया बच्चन ने इंटरनेट और तेज़ लाइफस्टाइल को बताया तनाव की जड़

Overview:जया बच्चन का मानसिक स्वास्थ्य पर बड़ा बयान

जया बच्चन की बातें आज के समय में बेहद प्रासंगिक हैं। जहां युवा तेजी से भाग रहे हैं, वहीं उनका यह संदेश हमें याद दिलाता है कि जीवन में संतुलन, संवाद और धैर्य कितना ज़रूरी है। इंटरनेट जितना उपयोगी है, उतना ही हानिकारक भी हो सकता है अगर इसका सही से इस्तेमाल न हो।

jaya Bachchan Blames Internet for Anxiety : सदियों से अपने बेबाक बयानों के लिए पहचानी जाने वाली दिग्गज अभिनेत्री और सांसद जया बच्चन ने हाल ही में मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि कैसे आज की पीढ़ी एंग्जायटी (चिंता) और तनाव से जूझ रही है, और इसके पीछे की बड़ी वजह इंटरनेट और “हर चीज़ तुरंत चाहिए” वाली मानसिकता है।

पहले नहीं था ‘एंग्जाइटी’ जैसा शब्द

जया बच्चन ने कहा कि जब वो युवा थीं, तब “एंग्जाइटी” या “मेंटल हेल्थ” जैसे शब्द आम नहीं थे। लोग तकलीफों का सामना करते थे, लेकिन इसे नाम नहीं देते थे। उन्होंने यह भी कहा कि पहले जीवन में सरलता थी, जिससे तनाव खुद-ब-खुद कम हो जाता था।

इंटरनेट और सोशल मीडिया को ठहराया जिम्मेदार

जया ने वर्तमान पीढ़ी की मानसिक स्थिति के लिए इंटरनेट को मुख्य रूप से जिम्मेदार बताया। उनका कहना है कि आज सोशल मीडिया की वजह से हर किसी को हर चीज़ की जल्दी है—चाहे सफलता हो या प्रतिक्रिया। इससे युवाओं में धैर्य की कमी हो गई है।

‘हर चीज़ तुरंत चाहिए’ वाली सोच बना रही है बीमार

उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि आज के लोग हर चीज़ फटाफट चाहते हैं—खुशियाँ, करियर, पैसा, प्रसिद्धि। इस भागदौड़ में लोग मानसिक रूप से थक जाते हैं और तनाव का शिकार हो जाते हैं।

तकनीक ने बढ़ाया है अकेलापन

जया बच्चन का मानना है कि तकनीक ने लोगों को जोड़ा नहीं, बल्कि अलग कर दिया है। अब लोग घर में होते हुए भी एक-दूसरे से बात नहीं करते, सिर्फ फोन या लैपटॉप में लगे रहते हैं। यह सामाजिक दूरी भी मानसिक बीमारियों को बढ़ावा देती है।

बच्चों से संवाद की कमी पर चिंता

जया ने कहा कि आज माता-पिता और बच्चों के बीच संवाद की कमी है। पहले के समय में परिवारों में बातें होती थीं, जिससे मन हल्का हो जाता था। अब युवा अकेलेपन में डूबे रहते हैं और इसका असर मानसिक सेहत पर पड़ता है।

जीवनशैली में बदलाव जरूरी

उन्होंने यह भी कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए जीवनशैली में बदलाव लाना ज़रूरी है। समय पर सोना, उठना, हेल्दी खाना और परिवार के साथ समय बिताना जैसे छोटे कदम भी तनाव को कम कर सकते हैं।

आज की पीढ़ी को चाहिए धैर्य और संतुलन

जया बच्चन ने युवाओं को सलाह दी कि वे धैर्य रखें और जीवन की प्रक्रिया को समय दें। उन्होंने कहा, “हर चीज़ का एक समय होता है। जितना जल्दी चाहते हो, उतना ही जल्दी खो भी सकते हो।”

मेरा नाम श्वेता गोयल है। मैंने वाणिज्य (Commerce) में स्नातक किया है और पिछले तीन वर्षों से गृहलक्ष्मी डिजिटल प्लेटफॉर्म से बतौर कंटेंट राइटर जुड़ी हूं। यहां मैं महिलाओं से जुड़े विषयों जैसे गृहस्थ जीवन, फैमिली वेलनेस, किचन से लेकर करियर...