दिल्ली में खुला पहला स्लीप सेंटर, रातभर सुलाकर होगा नींद की समस्या का इलाज: Delhi First Sleep Center
Delhi First Sleep Center

दिल्ली में खुला स्लीप सेंटर, नींद की समस्या से परेशान मरीजों का होगा इलाज

दिल्‍ली के ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में पहला स्‍लीप सेंटर खोला गया है, जहाँ नींद से जुड़ी सभी तरह की बीमारियों और समस्याओं का इलाज किया जाएगाI

Delhi First Sleep Center : आज के समय में अधिकांश लोग बढ़ते स्ट्रेस के कारण नींद ना आने, नींद बीच-बीच में खुलने, अचानक रात में नींद टूटने, रात के बजाए दिन के समय ज्यादा नींद आने, एक बार नींद खुल जाने के बाद नींद नहीं आने जैसी कई तरह की समस्‍याओं का सामना कर रहे हैंI ऐसे लोगों के लिए अब एक अच्छी खबर आई है, दरअसल दिल्‍ली के ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में पहला स्‍लीप सेंटर खोला गया है, जहाँ नींद से जुड़ी सभी तरह की बीमारियों और समस्याओं का इलाज किया जाएगाI इस स्लीप सेंटर की सबसे खास बात यह है कि यहाँ मरीजों को पहले रातभर सुलाकर उनकी स्‍टडी की जाएगी और फिर इसके बाद डॉक्‍टर्स उनका इलाज करना शुरू करेंगेI

आयुर्वेद के सबसे बड़े अस्‍पताल ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (एआईआईए) में हर महीने तक़रीबन 1 हजार से ज्यादा मरीज नींद से सम्बंधित बीमारियाँ लेकर यहाँ आते हैं, अब इन सभी मरीजों का इलाज निद्रा निदान अनुसंधान चिकित्‍सा परामर्श केंद्र (Sleep diagnostic research and Therapeutics center) में किया जाएगाI

Also read: नींद पूरी न होने से रुक सकता है बच्चे का मानसिक विकास

Delhi First Sleep Center
Sleep related diseases will be treated in the sleep center.

इस स्लीप सेंटर में नींद से संबंधी सभी बीमारियां, जैसे अनिद्रा, हाइपरसोम्निया, स्‍लीप सार्काडियन रिदम डिसऑर्डर्स, खर्राटे की वजह से नींद ना आना इत्यादि समस्याओं का इलाज किया जाएगाI यहाँ लेवल वन सोनोग्राफी मशीन लगाई गई हैं, जिसमें रातभर मरीज की वीडियो रिकॉर्डिंग होगीI उसके बाद एक्‍सपर्ट और डॉक्‍टर्स दोनों मिलकर उसकी स्‍टडी करेंगेI फिर मरीज को नॉर्मल स्‍लीप साइकिल पर लाने के लिए काउंसलिंग के अलावा थेरेपीज और आयुर्वेदिक दवाइयां भी दी जाएंगीI

Sleep Study
Sleep will be studied in different ways.

इस स्लीप सेंटर में खास तरह की मशीनें लगाई गई हैं, जिसमें स्‍लीप की सभी स्‍टेज का अध्यन किया जाएगा, जिनमें धीरे-धीरे नींद में जाना, गहरी नींद में जाना, नींद को रिस्‍टोर करना, थकावट या हानिकारक केमिकल्‍स न्‍यूरोंस में जमा हुए हैं, तो नींद कैसे डीटॉक्सिफाई करती है, ये सभी चीजें इसमें रिकॉर्ड होंगीI इस दौरान मरीज की नींद का अच्छे से अध्यन करने के लिए जब मरीज सोएगा तो लाइट भी जलाई जाएंगी और थोड़ी देर के बाद लाइट बंद भी की जाएंगी, यह देखने के लिए कि लाइट के कारण मरीज को सोने में परेशानी तो नहीं होती हैI सिर्फ यह ही नहीं दिन के समय में भी मरीज को सुलाकर कुछ चीजों के बारे में पता लगाया जाएगा, ताकि मरीजों का सही से इलाज हो सकेI

ए अंकिता को मीडिया इंडस्ट्री में 9 वर्षों का अनुभव है। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की और खास तौर पर लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट बीट में रुचि रखती हैं। लेखन के अलावा वेब सीरीज़ देखना, घूमना, संगीत सुनना और फोटोग्राफी...