माता पिता इस तरह करें बच्चों को तनावमुक्त
इस स्तिथि में बच्चों को माता पिता के सहारे की जरुरत होती हैं। बच्चों को थोड़ा समय दें और उनसे प्यार भरी बाते क
Stress Free Kids: स्ट्रेस न सिर्फ बड़ों बल्कि बच्चों को भी सताता है। फर्क ये है हम समझ जाते हैं और बच्चे इस से डील नहीं कर पाते और परेशान रहने लगते हैं। हर माता पिता अपने बच्चे की आदत और व्यवहार से परिचित होते हैं। ऐसे में हमेशा अपने बच्चों पर एक नज़र रखें। जब बच्चा थोड़ा परेशान रहने लगे, या अपनी पसंद की चीजों में रूचि न ले, खाना पीना बंद या कम कर दे। ये सारे लक्षण बताते हैं बच्चे तनाव से गुजर रहे हैं। इस स्तिथि में बच्चों को माता पिता के सहारे की जरुरत होती हैं। बच्चों को थोड़ा समय दें और उनसे प्यार भरी बाते करें।
आइये जानते हैं कैसे हम बच्चों के स्ट्रेस को कम कर सकते हैं।
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नींद करती हैं परेशान

बच्चे अक्सर खेल में लगे रहते हैं और सोने से कतराते हैं। वो या तो तब सोते हैं, जब बहुत ज्यादा थक जाते हैं या फिर अपना मन होने पर। बच्चों को ऐसा करने से रोकें, खेल खेल में उन्हें समझा सके तो नींद की अहमियत जरूर समझाएं। बच्चे अक्सर वही करते हैं जो बड़ों को करते हुए देखते हैं। आप भी उनके साथ सोने की कोशिश करें। नींद पूरी ना होना भी तनाव की एक बड़ी वजह हैं।अपने बच्चे को इस स्ट्रेस से बचाएं।
बातें होती रहे

माता पिता बच्चों के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं। बचपन से उन्हें हर बात बताना और अपने मन की बातें कहना उनकी आदत बन जाती हैं। लेकिन जब बच्चे थोड़े बड़े होने लगते हैं तो माता पिता ये सोच कर तस्सली कर लेते हैं अब बच्चों को हमें सब कुछ बताने की जरुरत नहीं हैं। जितना समय हम उनके बचपन में उनके साथ बिताते थे उतना समय अब बिताना शायद जरुरी नहीं हैं। अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो सावधान, ऐसा कभी ना करें। अपने बच्चे के साथ बैठ कर बातें करना और समय बिताना बहुत जरुरी हैं इस तरह बच्चे पेरेंट्स से दूर होने का तनाव नहीं लेते हैं।
सकारात्मक रवैया अपनाएं

बच्चे की गलतियों पर उन्हें डांटने और कठोर शब्द कहने की जगह प्यार से समझाएं। अगर बच्चा वही गलती बार बार कर रहा हैं और आपके समझाने पर नहीं समझ रहा हैं तब थोड़ा सख्ती से पेश आएं। सख्ती से पेश आने का ये मतलब नहीं आप बच्चे की गलत शब्द बोले या किसी और बच्चे की तारीफ करने लगें, या अपने बच्चे को उसकी कमियां बताने लग जाएं। बच्चे को ये एहसास जरूर दिलाएं उसने गलत किया हैं पर सकारात्मक रवैये को अपनाते हुए। नकारात्मक बातें बच्चे के मन को बेचैन कर देती हैं ,वो तनावग्रस्त रहने लगता है।
समय निर्धारित करें

बच्चे के जीवन में अनुशासन बनाये रखने के लिए, हर एक काम का समय निर्धारित करें। जिसमे पढाई, खेल कूद, मस्ती, परिवार के साथ बिताया जाने वाला समय, पार्क आदि में खेलने का समय और साथ ही खाना खाने का समय भी निर्धारित हो, इस तरह बच्चे को पता रहेगा कब उसे क्या करना है, वो ना ही ज्यादा पढाई का स्ट्रेस लेगा और न ही खेल कूद में अपना ज्यादा समय बर्बाद करेगा। बच्चे को तनाव मुक्त बनाये रखने के लिए आप भी इन नियमों का पालन जरूर करें इस तरह बच्चा आपको देखकर प्रेरित होगा।
