ऐसे करें पार्टनर के साथ पेरेंटिंग की जिम्मेदारी साझा
पति का एक पिता के रूप में साथ निभाना बहुत जरूरी होता है तभी दोनों मिलकर बच्चे की अच्छी पेरेंटिंग कर सकते हैं और बच्चे को एक अच्छा इन्सान बना सकते हैंI
Parenting Tips: आज भी अधिकांश घरों में अन्य सभी कामों की तरह बच्चों की अच्छी पेरेंटिंग करने की जिम्मेदारी भी केवल माँ की ही होती हैI ऐसे में घर, परिवार व कामों के बीच बच्चे को संभालना और उसे अच्छी-अच्छी चीजें सिखाना कई बार माँ के लिए काफी चुनौती भरा काम होता हैI वह कई बार अन्य सभी कामों के कारण इतनी ज्यादा थक जाती है कि बच्चे के ऊपर ध्यान देने के लिए समय ही नहीं निकाल पाती हैI ऐसे में पति का एक पिता के रूप में साथ निभाना बहुत जरूरी होता है तभी दोनों मिलकर बच्चे की अच्छी पेरेंटिंग कर सकते हैं और बच्चे को एक अच्छा इन्सान बना सकते हैंI आइए जानते हैं कि पार्टनर कैसे मिलकर पेरेंटिंग की जिम्मेदारियों की साझेदारी कर सकते हैंI
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पति को दें बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी

यह बात ठीक है कि आपके पति ऑफिस जातें हैं और उनपर ऑफिस के काम का बहुत ज्यादा प्रेशर रहता है, इसके बावजूद भी आप अपने पति को बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी देंI ऐसा करने से बच्चे पिता के साथ अच्छे से पढ़ाई तो करते ही हैं, साथ ही उनके बीच की बॉन्डिंग भी मजबूत होती हैI बच्चों को पढ़ाने से पति का ध्यान भी ऑफिस के काम के स्ट्रेस से दूर होता है और वे बच्चों के साथ अच्छा महसूस करते हैंI
पति से कहें बच्चों को बस स्टॉप तक छोड़ने के लिए

सुबह के समय बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करने से लेकर उनका टिफिन और घर के सदस्यों के लिए नाश्ता तैयार करने के साथ-साथ एक माँ के पास और भी कई जिम्मेदारियां होती हैंI ऐसे में जरूरी है कि पति बच्चों को बस स्टॉप तक छोड़ कर आएंI ऐसा करने से बच्चे पिता के साथ समय बिताते हैं और सुबह समय से उठने और बच्चों को छोड़ने जाने से पति का भी हेल्थ अच्छा रहता हैI
पेरेंट्स-टीचर मीटिंग में साथ जाएँ

अक्सर ऐसा देखा जाता है कि जब भी स्कूल में पेरेंट्स-टीचर मीटिंग होती है तो माँएं ही अकेली जाती हैंI ऐसे में पिता को बच्चे की पढ़ाई और स्कूल के परफॉरमेंस व बच्चे के व्यवहार के बारे ज्यादा कुछ भी नहीं पता होता हैI जब कभी स्कूल से शिकायत आती है तो सारा दोष माँ के ऊपर ही डाल दिया जाता हैI पेरेंट्स को बच्चे के बारे में सारी चीजें अच्छे से पता हो, इसलिए पेरेंट्स-टीचर मीटिंग में दोनों साथ जाएँI अगर पिता के लिए हर मीटिंग में जाना संभव नहीं है तो कोशिश करें कि 2 महीने में एक बार मीटिंग में जरूर जाएँI
बच्चे के साथ फ्री टाइम बिताएं

पेरेंट्स बच्चों के साथ फ्री समय तब ही बिताते हैं, जब वे कहीं बाहर घूमने साथ जाते हैंI घर पर रहने पर वे अपने-अपने कामों में व्यस्त रहते हैं और अगर इस समय बच्चे को किसी चीज़ की जरूरत होती है तो वह भी माँ के पास ही आता हैI लेकिन आप अच्छी पेरेंटिंग के लिए कोशिश करें कि साथ मिलकर बच्चे के साथ फ्री टाइम बिताएं और उनसे बातें करें, उनकी इच्छाएं पूछेंI
