आखिर क्यों अपनी हीरोइन्स को सफेद साड़ी पहनाया करते थे राज कपूर?: Bollywood Stories  
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Bollywood Stories: तीन नेशनल अवॉर्ड्स, 11 फिल्मफेयर ट्रॉफी, पद्म भूषण और दादा साहब फाल्के अवॉर्ड, से सम्मानित राज कपूर को सफलता के इन आंकड़ों में बांधा नहीं जा सकता। उनकी शख्सियत इन सभी चीज़ों से ऊपर थी। उन्हें याद करने के लिए किसी एक फिल्म का जिक्र नहीं किया जा सकता। उन्हें जानने-समझने के लिए 24 साल के उस लड़के के पास जाना होगा, जो इसी उम्र में एक बड़ा फिल्म डायरेक्टर बन गया था। वो लड़का, जिसने खुद को फिल्म मेकिंग का एक ऐसा स्कूल बना लिया, जहां पढ़ने के लिए एडमिशन लेने की जरूरत नहीं थी। जो इसके करीब आता, कुछ न कुछ सीखकर जाता। राज कपूर जब इस दुनिया से गए तो शोमैन बनकर गए। उनका शो आज भी जारी है।

शुरुआत में म्यूजिक डायरेक्टर बनना चाहते थे राज कपूर

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Raj Kapoor Story

राज कपूर शुरुआत में म्यूजिक डायरेक्टर बनाना चाहते थे लेकिन फिर सब कुछ बन गए- प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और एक्टर। 24 साल की उम्र में फिल्म ‘आग’ के निर्देशन से वह सबसे युवा फिल्म निर्देशक बनकर सामने आए। 1948 में उन्होंने आरके फिल्मस के नाम से फिल्म स्टूडियो बनाया। इस स्टूडियो की पहली हिट फिल्म ‘बरसात’ थी। जिसकी सोंधी खुशबु में आज भी बॉलीवुड भीग रहा है क्योंकि फिल्म में उनका और नरगिस का एक सीन इतना पसंद किया गया कि बाद में वही आर.के फिल्म्स का लोगो भी बना। राज कपूर का असली नाम रणबीर था, जो कि अब उनके पोते का नाम है|

दुनिया की पहली फिल्म जिसमें थे दो इंटरवल

उस दौर में किसी के लिए भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि पाना मुश्किल था, लेकिन राज कपूर उस वक्त भी सिर्फ भारत ही नहीं दुनियाभर में मशहूर थे। वह रूस, अफ्रीका, मिडिल ईस्ट, चीन, तुर्की तक पहचाने जाते थे। राज कपूर की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ पहली ऐसी फिल्म थी, जिसमें दो इंटरवल थे। ये फिल्म साढ़े चार घंटे लंबी थी। ये आज भी हिंदी सिनेमा की सबसे मशहूर फिल्म है। लोग आज भी जब राज कपूर को याद करते है तो मेरा नाम जोकर सबसे पहले याद आता है।

क्यों अपनी हीरोइन्स को सफेद साड़ी पहनाया करते थे राज कपूर

इसे लकी चार्म कहें या उनकी निजी पसंद, लेकिन राज कपूर अपनी हर फिल्म में हीरोइन को सफेद साड़ी जरूर पहनाते थे। कहा जाता है कि एक बार उन्होंने पत्नी को सफेद साड़ी तोहफे में दी, ये साड़ी उन्हें इतनी पसंद आई कि इसके बाद उनकी सभी हीरोइंस ने सफेद साड़ी ही पहनी थी। ऋषिकेश मुखर्जी को फिल्म ‘आनंद’ बनाने का आइडिया उनकी और अपनी दोस्ती की वजह से ही आया था। जब राज कपूर की तबियत खराब रहने लगी थी, तब उन्हें खोने का डर मुखर्जी को बहुत परेशान करता था। इसी डर को बाद में उन्होंने ‘आनंद’ फिल्म में दिखाया। फिल्म काफी पसंद की गई।
उनके बारे में मशहूर कई दिलचस्प बातों में एक ये भी थी कि वो आर के स्टूडियो में अपना मेकअप रूम किसी और को इस्तेमाल नहीं करने देते थे, लेकिन सिर्फ देव साहब को इसकी इजाज़त थी।