नरगिस और राज कपूर की मुलाकत साल 1946 में हुई थी। नरगिस को पहली बार देखते ही राज कपूर उनके दीवाने हो गए थे। इसके बाद वो सीधे इंदर राज आनंद के घर गए जिन्होंने फिल्म ‘आग’ की स्क्रिप्ट लिखी थी। राज कपूर ने उनसे कहा कि उस स्क्रिप्ट में वह किसी तरह नरगिस का रोल भी जोड़ दें क्योंकि वो अब उनके साथ काम करना चाहते हैं। फिर क्या था इंदर राज आनंद उनकी बात को टाल नहीं सके और उन्हें नरगिस को फिल्म में रोल देना पड़ा। आपको बता दें कि जिस वक्त राज कपूर एक्ट्रेस नरगिस के प्यार में डूब रहे थे वह पहले से ही शादीशुदा थे। इसके बावजूद राज कपूर उनके नजदीक होते चले गए और उनका रिश्ता आगे बढ़ता गया। दोनों ने एक साथ साल 1950 में आई ‘बरसात’ और 1951 में रिलीज हुई ‘आवारा’ में काम किया और दोनों ही फिल्में सुपरहिट रहीं। खास बात ये रही कि इसके बाद राज कपूर ने ये फैसला कर लिया था कि अब नरगिस किसी बाहर के निर्माता की फिल्म में काम नहीं करेंगी। राज कपूर के प्यार में पागल नरगिस ने ये बात मान ली और कई बड़े निर्माताओं के साथ काम करने से मना कर दिया।

आपको बात दें कि राज कपूर और नरगिस लंबे समय तक रिलेशनशिप में रहे थे। इसे बाद नरगिस चाहती थीं की राज कपूर उनसे शादी करके घर बसा लें। लेकिन बहुत जल्द नरगिस को एहसास हो चुका था कि राज कपूर पत्नी कृष्णा को कभी नहीं छोड़ेंगे। उसके बाद नरगिस ने दूसरी फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया। इसी बीच नरगिस ने आइकोनिक फिल्म ‘मदर इंडिया’ में सुनील दत्त के साथ काम किया। इस फिल्म से ही सुनील और नरगिस में नजदीकियां बढ़नी शुरू हो गईं। इसके बाद 1958 में नर्गिस और सुनील दत्त ने शादी कर ली। इसके बाद उन्होंने कभी राज कपूर की तरफ पलटकर नहीं देखा।

नरगिस के छोड़कर चले जाने के बाद राज कपूर इतने टूट गए कि उनकी हर चीज को उनकी निशानी के तौर पर देखते थे। नरगिस की शादी के पहले राज कपूर को लगताा था कि वो एक दिन उनके पास जरूर लौटकर आएंगी। लेकिन उनका ये भ्रम नरगिस की शादी के साथ ही टूट गया। नरगिस हमेशा ही राज कपूर की यादों में बसी रहीं। यही नहीं राज कपूर अक्सर शराब पीकर बाथटब में घंटो तक रोते रहते थे।
