FAREWELL of Balbir
FAREWELL of Balbir

Summary: वफ़ादारी का बड़ा रिवॉर्ड—मैकडॉनल्ड्स ने 40 साल पुराने कर्मचारी बलबीर सिंह को दिया ₹35 लाख और लिमो राइड

यह समारोह बलबीर के उस योगदान को सम्मान देने के लिए किया गया जिसने इस रेस्तरां की आत्मा और संस्कृति बनाने में मदद की।

Mcdonald’s 40 Year Anniversary: अमेरिका में एक मैकडॉनल्ड्स आउटलेट ने एक साधारण-सा दिन बेहद खास बना दिया। उन्होंने भारतीय मूल के कर्मचारी बलबीर सिंह को 40 साल की नौकरी पूरी होने पर एक शानदार सरप्राइज़ दिया। बर्गर की इस कंपनी के स्टाफ और मालिक ने बलबीर का स्वागत लिमोज़ीन राइड, रेड कार्पेट और 40,000 डॉलर (लगभग 35 लाख रुपए) के चेक के साथ किया। ये पल सिर्फ एक विदाई नहीं, बल्कि उनकी चार दशकों की मेहनत का सम्मान था।

बलबीर सिंह 1980 के दशक में अमेरिका पहुंचे थे और 1985 में सोमरविल, मैसाचुसेट्स के मैकडॉनल्ड्स आउटलेट में किचन में काम शुरू किया था। धीरे-धीरे उन्होंने अपनी मेहनत, भरोसे और काम के प्रति समर्पण से मालिकों और टीम में खास जगह बना ली। फ्रैंचाइज़ मालिक लिंडसे वॉलिन ने बताया कि यह समारोह बलबीर के उस योगदान को सम्मान देने के लिए किया गया जिसने इस रेस्तरां की आत्मा और संस्कृति बनाने में मदद की। वॉलिन ने कहा, “बलबीर ने 40 साल पहले मैकडॉनल्ड्स में काम शुरू किया था, जब वे भारत से आए थे। वे उन शुरुआती लोगों में थे जिन्होंने मेरे पिता बॉब किंग के साथ काम किया था। उन्होंने हमारी संस्था को परिवार जैसा माहौल देने में बड़ा रोल निभाया है।”

लिंडसे ने बताया कि उनके पिता हमेशा चाहते थे कि मैकडॉनल्ड्स सिर्फ बिज़नेस न हो, बल्कि एक परिवार जैसा माहौल हो। बलबीर इस सोच का एक बड़ा हिस्सा बन गए। उन्होंने कहा, “आज बलबीर हमारे नौ रेस्तरां में से चार को संभालते हैं। वो सिर्फ ऑपरेशंस नहीं देखते, बल्कि पूरी टीम को सपोर्ट करते हैं। उनकी विनम्रता, लीडरशिप और लोगों पर ध्यान देने की आदत उन्हें खास बनाती है।”

MC DONALDS
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बलबीर की शुरुआत एक साधारण क्रू मेंबर के रूप में हुई। किचन में काम, बैक-एंड संभालना, जो भी काम मिला उसे करना… और यही मेहनत उन्हें धीरे-धीरे मैनेजमेंट तक ले गई।​​​​​​​ वॉलिन ने कहा कि बलबीर की सबसे बड़ी खूबी है उनका रवैया…“क्यों नहीं?” उन्होंने कहा, “क्यों नहीं कुछ नया ट्राय करें? क्यों नहीं आगे बढ़ें? क्यों नहीं बेहतर बनें? यह सोच हमारी कंपनी के लिए बहुत फायदेमंद रही है और इसने कई कर्मचारियों के लिए दरवाजे खोले हैं।”

उनकी इस लंबी और प्रेरणादायक यात्रा को सलाम करते हुए आउटलेट ने बलबीर को 40,000 डॉलर का चेक, एक खास ‘वन इन एट’ जैकेट और सम्मान पत्र दिया। समारोह के दौरान बलबीर ने अपनी शुरुआत को मुस्कुराते हुए याद किया। उन्होंने कहा, “मैंने सबसे पहले क्रू मेंबर की तरह काम शुरू किया था। किचन में काम करता था, और कोशिश करता था कि जो भी काम मिले, पूरी तरह से करूं। मुझे आज भी सब याद है। मैं इस कंपनी के लिए काम करके सच में बहुत खुश हूं और गर्व महसूस करता हूं।”

ढाई दशक से पत्रकारिता में हैं। दैनिक भास्कर, नई दुनिया और जागरण में कई वर्षों तक काम किया। हर हफ्ते 'पहले दिन पहले शो' का अगर कोई रिकॉर्ड होता तो शायद इनके नाम होता। 2001 से अभी तक यह क्रम जारी है और विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए फिल्म समीक्षा...