Summary : कजरारे को पहले अमिताभ को गाना था
बंटी और बबली का हिट गीत कजरारे पहले किसी को भी पसंद नहीं आया था, निर्देशक शाद अली ने इसे जिद करके फिल्म में रखवाया।
Amitabh and Shankar: अभिषेक बच्चन और रानी मुखर्जी की फिल्म ‘बंटी और बबली’ का “कजरारे” उन चुनिंदा गानों में से एक है, जिसे इस सदी का सबसे शानदार हिंदी फिल्म गीत कहा जा सकता है। इसकी खासियत सिर्फ इसकी धुन और दमदार कोरियोग्राफी नहीं है, बल्कि गुलज़ार के गहरे बोल, अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन और अभिषेक बच्चन की ऊर्जावान परफॉर्मेंस भी है। अलीशा चिनॉय, शंकर महादेवन व जावेद अली की आवाज भी इस गाने को यादगार बनाती है।
अमिताभ ने गाने से मना किया
अब हाल ही में मैशेबल इंडिया से बातचीत में म्यूजिक कंपोजर शंकर महादेवन ने इस सुपरहिट गाने को लेकर एक दिलचस्प किस्सा बताया। शंकर ने यह राज खोला कि दरअसल, अमिताभ बच्चन को अपने हिस्से की लाइनों को खुद गाना था लेकिन उन्होंने बड़े अनोखे अंदाज में मना कर दिया।
शंकर ने अमिताभ का हिस्सा यूं ही गा दिया था
शंकर ने याद किया, “जब मैंने ‘कजरा रे’ रिकॉर्ड किया, तो मैंने उनका हिस्सा भी गा दिया था, ये सोचकर कि वे बाद में आकर डब करेंगे। वो बहुत अच्छे गायक और शानदार संगीतकार हैं। तो मैंने उन्हें कॉल किया और कहा – ‘सर, स्टूडियो कब आ रहे हैं डबिंग के लिए? हमें गाना मिक्स करना है।’ उन्होंने जवाब दिया – ‘कौन-सी डबिंग? क्या कह रहे हो?’ मैंने कहा – ‘सर, ये आपके हिस्से की लाइनें हैं। मैंने तो बस रफ रिकॉर्डिंग की है, अब आपको गाना है।’ मेरी बात पर अमिताभ ने मजाक में कहा, ‘ये ऐसे ही रहेगा। मैं डब नहीं करूंगा। तुमने कमाल गाया है, और अगर तुमने किसी और से डब करवाने की कोशिश की, तो सावधान रहना… तुम्हारा करियर बर्बाद कर दूंगा!’ उन्होंने ये पूरी बात मजे में कही।”
शंकर की आवाज अच्छी लगी अमिताभ पर
शंकर हंसते हुए आगे कहते हैं, “उस समय मुझे समझ आया कि भले ही मेरी आवाज अमिताभ बच्चन की बोलने वाली आवाज जैसी नहीं है, लेकिन जब स्क्रीन पर आती है तो फिट बैठती है। यही बात ‘झूम बराबर झूम’ में भी हुई। फिल्म तो चली नहीं, लेकिन इस फिल्म का संगीत हिट हुआ था। आज भी लोग हमें उसके गाने सुनाए बिना छोड़ते नहीं। उस फिल्म के टाइटल ट्रैक के लिए भी बच्चन साहब ने कहा कि इसे मेरी ही आवाज में रहना चाहिए।”
किसी को पसंद नहीं था कजरारे
दिलचस्प बात यह भी है कि यह गाना, जो बाद में एक सांस्कृतिक आइकॉन बन गया, शुरुआत में लगभग बन ही नहीं पाया था। स्क्रीन मैगज़ीन को दिए एक इंटरव्यू में निर्देशक शाद अली ने बताया कि अमिताभ बच्चन को यह गाना शुरुआत में पसंद ही नहीं था। शाद ने कहा, “मैंने जब इसका सिर्फ आठ सेकंड का टुकड़ा सुना था, तभी समझ गया था कि यह गाना कमाल करेगा। लेकिन यश राज ने इसे लिस्ट में आखिरी नंबर दिया था… मतलब यह सबसे कम लोकप्रिय होगा। अमित जी ने तो कहा भी था, ‘ये गाना शूट ही मत करो।’” इसके बावजूद शाद अली अपनी बात पर डटे रहे। उन्होंने याद किया, “मैंने जब अमित जी को यह गाना सुनने के लिए बुलाया, तो भी उन्होंने कहा – ‘ये गाना नहीं चलेगा।’” बता दें कि फिल्म ‘बंटी और बबली’ के हिट गानों में ‘कजरारे’ टॉप पर रहा और आज भी सुना जाता है।

