Teenager Skin Care: किशोरावस्था ऐसा समय होता है जब हमारे शरीर में बहुत सारे परिवर्तन आने लगते हैं। ऐसा ही कुछ त्वचा के लिए है जब आपके बच्चे किशोरावस्था में आते हैं तो उनकी त्वचा में दिक्कते बढ़ने लगती है जैसे- मुहांसे एक सबसे बड़ी दिक्कत है। यदि आप इसी समय में बच्चों को सही से बताएं कि किस तरह उन्हें त्वचा की देखभाल करनी है तो उनकी स्किन हमेशा खिली-खिली बनी रहेगी। इससे पहले हमें ये जानना जरुरी है कि टीनएज बच्चे किस तरह की समस्याओं से जूझते हैं।
Teenager Skin Care: टीनएजर्स बच्चों को त्वचा की समस्याओं का सामना करना पड़ता है

- टीनएजर्स बच्चों में इस समय हार्मोन बदलाव आ रहा होता है। जिससे उनकी त्वचा में भी बदलाव आते है और त्वचा की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है। हार्मोन बदलाव के कारण सीबम या ऑयल प्रोडक्शन बढ़ जाता है। ऑयल और पसीने के अत्यधिक प्रोडक्शन के कारण आपके स्किन सेल्स में धूल-मिट्टी या फेस प्रोडक्ट फंसने लगते हैं। इससे पोर्स बंद हो जाते है साथ पिंपल निकल जाते है।
- बच्चों में ज्यादातर दिक्कत होती है कि वे अपने ऊपर पूरा ध्यान नहीं दे पाते है। स्कूल से आकर या कहीं से खेल कर आने पर त्वचा की साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देते है। जिससे त्वचा पर एक परत जम जाती है जिससे धीरे-धीरे त्वचा का रंग ही वैसा बन जाता है और निखार खत्म हो जाता है।
- बच्चे पानी पीने पर ध्यान नहीं देते है जिससे त्वचा वक्त से पहले रूखी हो जाती है। साथ ही बॉडी डिहाइड्रेट हो जाती है। इसका असर त्वचा पर दिखाई देता है।
- टीनएज बच्चे चेहरे को धोते समय ध्यान नहीं देते है कि चेहरा किस चीज से धोना चाहिए। साबुन से ज्यादा चेहरा धोने से भी चेहरे की त्वचा रूखी हो जाती है।
- टीनएजर्स बच्चों को जंक फूड खाने का शौक होता है जिससे इसका असर त्वचा पर असर गहरा दिखता है। इनसे त्वचा पर एक्ने की प्रॉब्लम दिखती है।
- त्वचा की देखभाल नहीं करने के कारण त्वचा बेजान सी नजर आने लगती है।
कैसे रखे अपनी त्वचा का ख्याल?
साफ सफाई
जरूरी है कि चेहरे की साफ-सफाई पर ध्यान दें। टीनएजर्स बच्चों को बताएं कि जब भी बाहर से आएं अपने चेहरे को सही तरह से साफ करें। जिससे चेहरे पर से धूल मिट्टी हट जाए। साथ ही साबुन के इस्तेमाल से बचें।
प्रोडक्ट से बचाएं
बच्चों को हार्ड प्रोडक्ट के इस्तेमाल से बचाएं क्योंकि हैवी प्रोडक्ट चेहरे पर से कोलेजन को छीन लेता है। इससे त्वचा पर एलर्जी होने की संभावना बढ़ जाती है। आजकल बच्चों को प्रोडक्ट्स काफी पसंद आते हैं। वे उन्हें वक्त से पहले इस्तेमाल करने लगते हैं। जबकि इस समय स्किन बेहद सेंसिटिव होती है।
मॉइस्चराइज करना न भूलें
टीनएजर्स बच्चों को जरूरी है कि वे दिन में से दो बार चेहरे को मॉइश्चराइज करें। अगर आपकी त्वचा तैलीय है तो आप ऐसे में मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें जो ऑयल फ्री हो। दिन में से दो बार चेहरा धो कर मॉइश्चराइजर लगाएं। एसपीएफ क्रीम का इस्तेमाल करें। ये चेहरे पर कोलेजन को बेहतर बनाते है।
धूप से बचाएं त्वचा को
जब भी धूप में निकलें तो स्कार्फ से चेहरे को बचाएं या फिर कैप लगाकर जाए और पूरी बाजू से हाथों को बचाएं। साथ ही सनस्क्रीन लोशन लगाकर जरूर निकलें। ध्यान दें कि सनस्क्रीन जिंक ऑक्साइड और एसपीएफ 30 प्रतिशत से ऊपर हो। डॉक्टर से पूछ कर अपनी त्वचा के हिसाब से सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। सनस्क्रीन टीनएजर की सेंसिटिव की स्किन की धूप में रक्षा करता है।

होंठो पर ध्यान दें
जिस तरह आपको चेहरे पर त्वचा की देखभाल की जरूरत है इसी तरह आपको अपने होंठो की केयर की भी जरूरत है। जब आप रात को सोती है तो लिप बाम लगाकर सोएं। जिससे होंठ ड्राई नहीं रहेंगे। होंठो की देखभाल में जरूरत है कि आप इन्हें अच्छे से साफ करें। एक टूथ ब्रश लें उस पर कोई भी क्रीम लेकर उसे धीरे-धीरे होठों पर स्क्रब करें इससे होठों की डेड स्कीन हट जाएगी। इसे एक मिनट स्क्रबिंग करने के बाद होंठ धो लें और उन पर बाम लगाए।
हाथों की देखभाल
थोड़ी सी क्रीम लेकर हाथों पर लगाएं जिससे आपके हाथों की त्चचा को चमक मिल सकें। हाथों की त्वचा रूखी सी नजर नहीं आए। जरूरी है कि सुबह और रात को सोते समय हाथों पर क्रीम का इस्तेमाल जरूर करें। ध्यान रखें हाथों पर उतना ही मॉइश्चराइजर लगाए जितना जरूरी हो। नहीं तो हाथ ज्यादा ही ऑयली नजर आएंगे।
बार-बार हाथों को चेहरे पर न लगाएं
जब लड़कियां टीनएज में आती हैं तो उनके भीतर खुद को सुन्दर दिखाने की चाह और अटेंशन पाने की इच्छा बढ़ जाती है। इसके लिए वे बार-बार मेकअप करती है, चेहरे को टच करती हैं। लेकिन ध्यान रखें हमें त्वचा को इस तरह बार-बार नहीं छूना है और हद से ज्यादा मेकअप नहीं करना है। इससे बैक्टीरिया आपके चेहरे की स्किन में प्रवेश कर जाते हैं। हाथों को अच्छी तरह धोकर ही चेहरे पर लगाएं।
खान-पान पर ध्यान देना
किशोरावस्था में आकर बच्चे ज्यादा जिद करने लगते हैं, जंक फूड का अधिक सेवन करने लगते हैं जिसका असर उनकी त्वचा पर दिखने लगता हैं। मुंहासों की दिक्कत भी यहीं से आरम्भ हो जाती है। उन्हें अच्छे खान-पान की आदत होनी चाहिए। पानी तो ज्यादा से ज्यादा पिएं साथ ही फल और सब्जियां का सेवन ज्यादा करें। तैलीय और मीठी चीजों से बचें। तभी आपकी त्वचा खिली-खिली और चमकदार बनेंगी।
पसीना कम आना
आजकल आपने देखा होगा कि बच्चे मेहनत करना कम पसंद करते है। जैसे चलना, भागना, खेलना जिससे उनको पसीना कम निकलता है। अगर त्वचा में से पसीना नहीं निकलेगा तो गंदगी बाहर कैसे आएगी। साथ ही वे पसीना न आए या पसीने की बदबू नहीं बर्दाश्त करने के कारण ज्यादा से ज्यादा पाउडर और डियोर्डेंट का इस्तेमाल करते हैं जो त्वचा के लिए बेहद हानिकारक है। तो जरूरी है कि आप सबसे पहले ऐसे कॉस्मेटिक का इस्तेमाल बंद कर दें। दूसरा जितना पसीना निकल सकता है उसे निकलने दें। साथ ही कॉटन और लिनेन जैसे फैब्रिक पहनें जिससे त्वचा सांस ले सके।