Greasy Scalp Care: जब बात मानसून की आती है, तो हम अक्सर अपनी त्वचा की देखभाल पर ध्यान केंद्रित करते हैं जबकि अपने स्कैल्प को भूल जाते हैं।
दिनभर खूब पानी पिएं आंवला, अलसी के बीज और नारियल पानी जैसे बालों के लिए लाभकारी खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करें। हफ्ते में एक बार नारियल या बादाम तेल से स्कैल्प की मसाज करें।
लगातार बारिश, हवा में अधिक नमी और गंदगी स्कैल्प को सीधे प्रभावित करती है, जिससे डैंड्रफ,
चिपचिपाहट, खुजली और फंगल संक्रमण जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। मानसून के मौसम में बालों का झड़ना, टूटना और उनका बेजान दिखना इसी स्कैल्प की बिगड़ती सेहत का परिणाम होता है। इसलिए जैसे हम चेहरे की क्लीनजिंग, टोनिंग और मॉइश्चराइजिंग करते हैं, ठीक वैसे ही स्कैल्प के लिए भी विशेष देखभाल की जरूरत होती है, खासकर बरसात के मौसम में।
स्कैल्प की सबसे आम समस्याएं
ऑइली स्कैल्प और बालों में चिपचिपाहट: नमी और पसीना स्कैल्प को ऑइली बना देते हैं, जिससे बाल चिपचिपे हो जाते हैं। इससे बालों का वॉल्यूम कम लगता है और वो जल्दी गंदे हो जाते हैं।
डैंड्रफ और खुजली: अत्यधिक नमी से फंगल इनफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है, जो
डैंड्रफ का कारण बनता है।
फ्रिजी और अनमैनेजेबल बाल: अधिक ह्यूमिडिटी के कारण बालों की बाहरी परत खुल जाती है जिससे बाल रूखे, उलझे और फूले हुए नजर आते हैं।
इंफेक्शन और स्किन एलर्जी: बारिश में भीगना और गंदे पानी के संपर्क में आना स्कैल्प में एलर्जी और फंगल संक्रमण का कारण बन सकता है।
डैंड्रफ और ऑइली स्कैल्प के लिए त्रिफला लोशन

डैंड्रफ से राहत पाने के लिए एक प्रभावशाली और आयुर्वेदिक उपाय है त्रिफला लोशन। त्रिफला में तीन औषधीय फलों (हरड़, बहेड़ा, आंवला) का संयोग होता है, जो स्कैल्प को डिटॉक्स करते हैं और फंगल इनफेक्शन को रोकते हैं।
बनाने का तरीका: एक गिलास पानी में 1 चम्मच त्रिफला डालकर 3 मिनट तक उबालें। ठंडा होने पर इसे छान लें। इसमें 2 बूंदें नींबू के एसेंशियल ऑयल की मिलाएं और बराबर मात्रा में एह्रश्वपल साइडर विनेगर या माल्ट विनेगर मिलाएं। इस लोशन को हर रात स्कैल्प पर हल्के हाथों से मसाज करें और सुबह माइल्ड शैम्पू से बाल धो लें। यह उपाय न केवल डैंड्रफ कम करता है, बल्कि स्कैल्प का पीएच संतुलित रखता है और संक्रमण से भी सुरक्षा देता है।
चिपचिपे स्कैल्प के लिए नेचुरल क्लेंजिंग पैक
बरसात के मौसम में सिंथेटिक शैम्पू के अत्यधिक इस्तेमाल से स्कैल्प ड्राई या और भी ऑइली हो सकती है। ऐसे में प्राकृतिक पाउडर से बना क्लेंजिंग पैक स्कैल्प को गहराई से साफ करता है और ऑयल बैलेंस को बनाए रखता है।
बनाने का तरीका: हरे मूंग और मेथी दानों को पीसकर पाउडर बना लें। 2 भाग शिकाकाई पाउडर, 1 भाग मूंग पाउडर और आधा भाग मेथी पाउडर मिलाएं। इसे पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं और स्कैल्प तथा बालों में लगाएं। 30 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें। यह मिश्रण झाग नहीं बनाता लेकिन गहराई से स्कैल्प को साफ करता है, डैंड्रफ को हटाता है और बालों को मजबूत बनाता है।
नेचुरल शैम्पू से स्कैल्प की कोमल सफाई
स्कैल्प की सफाई के लिए एक और असरदार और सौम्य उपाय है रीठा और शिकाकाई से बना प्राकृतिक शैम्पू।
बनाने का तरीका: सूखे रीठा को रातभर पानी में भिगोएं। सुबह उन्हें मसलकर उसका झागदार पानी निकाल लें। इसमें 1 चम्मच शिकाकाई पाउडर मिलाएं। इस मिश्रण से बालों को धोएं। यह शैम्पू स्कैल्प को बिना रसायनों के साफ करता है और बालों को मुलायम और
चमकदार बनाता है।
स्कैल्प टोनिंग के लिए नैचुरल लोशन
मानसून में बार-बार बाल भीगने से स्कैल्प का पीएच स्तर बिगड़ जाता है। इससे स्कैल्प में सूजन, खुजली और संक्रमण हो सकता है। इसीलिए टोनिंग बेहद जरूरी है।
बनाने का तरीका: 1 टेबलस्पून माल्ट विनेगर या एह्रश्वपल साइडर विनेगर को एक गिलास पानी में मिलाएं। उसमें एक चुटकी नमक डालें। इस मिश्रण को सप्ताह में दो बार स्कैल्प पर लगाएं और उंगलियों से हल्के हाथों से मसाज करें। एक घंटे बाद ठंडे पानी से धो लें। यह उपाय स्कैल्प को आराम देता है, संक्रमण से लड़ता है और स्कैल्प को मजबूत बनाता है।
फ्रिजी और उलझे बालों के लिए मॉइस्चराइजिंग क्रीम कंडीशनर
मानसून की नमी से बालों का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे वो फिजी, उलझे और बेजान हो जाते हैं। इस समस्या को हल करने के लिए क्रीम कंडीशनर का इस्तेमाल बहुत जरूरी है।
