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क्यों बनी यह धारणा? ओशो विवाह के नहीं, प्रेम के पक्ष में थे तथा साथी बदलने की राय देते थे: Osho

Osho: ओशो अपने प्रवचनों में प्रेम और सेक्स पर बोला क रते थे। विवाह को सड़ी-गली परंपरा तथा प्रेम को मनुष्य की नैसर्गिक आवश्यकता बता रहे थे। इतना ही नहीं अविवाहित लोग जो ओशो को समझ रहे थे वह अपने घर में स्वयं विवाह के खिलाफ थे। साथ ही आए दि सड़क पर ओशो संन्यासी […]

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