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गुरु की प्रेरणा-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Kahani: मेरा नाम रिजवाना है ।मैं कक्षा चार में पढ़ती हूँ। कभी स्नान करने का मेरा मन नहीं करता ।कभी-कभी माँ डांट डपटकर जबरदस्ती नलके के नीचे बैठा देती हैं तो मजबूरीवश नहाना पड़ता है। बालों को धोने की भी इच्छा नहीं होती और पढ़ाई में तो मेरा जी रत्ती भर नहीं लगता । […]

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पंख-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Pankh Story: अवनी अपने नाम के अनुरूप ही धैर्य और सहनशीलता की प्रतिमूर्ति है।वह खेलों के प्रति विशेष रुचि रखती है ।उसकी अभिरुचि को देखते हुए उसकी कक्षा अध्यापिका ने उसे विद्यालय स्तरीय खेलों में प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्रदान किया। वह आशा के अनुरूप विजयी भी हुई। शीघ्र ही उसका चयन जिला स्तरीय टीम […]

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वो  मासूम सी लड़की-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Innocent Girl Story: वो मासूम सी लड़की मेरे साथ कक्षा छः से ही पढ़ रही थी। नाम था नगीना। किसी नगीने से कम भी नहीं लगती थी। सादगी भरा उसका सौंदर्य सहज ही किसी को भी अपनी ओर आकृष्ट कर लेता था। मृदुभाषी, विनम्र और सरल स्वभाव वाली वह भोली भाली ,प्यारी सी लड़की मेरे […]

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जन्मदिन का उपहार-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Janamdin Ka Uphar: विभा और वैभव के विवाह को मुश्किल से पाँच वर्ष ही हुए थे कि दोनों के मध्य वैचारिक मतभेद इतना बढ़ गया कि नौबत तलाक तक आ पहुँची। उन्होंने इस समस्या का समाधान करने के लिए विवाह विच्छेद करना ही उचित समझा। एक बेटा अनिरुद्ध जो कि चार वर्ष का था,दोनों की […]

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माँ की नसीहत-गृ​हलक्ष्मी की लघु कहानी

Maa ki Sikh: शैली के विवाह को अभी मुश्किल से तीन माह हुए थे और वह अपने ससुराली जनों से नाराज होकर मायके में आकर बैठ गई। उसकी दशा देखकर उसकी माँ अरुणिमा ने उसे अपने पास बुलाया और प्यार से उसके बालों को सहलाते हुए कहने लगीं- ” तुम्हें अपने घर वापस जाना चाहिए। […]

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अपना घर-लघु कहानी

House Story: मुग्धा रूप रंग में साक्षात सौंदर्य की देवी प्रतीत होती थी। गौर वर्ण, श्यामल केश,सुराही जैसी गर्दन और चाल ऐसी लुभावनी की हिरणी भी शर्मा जाए। पाक कला में दक्ष मुग्धा ,पढ़ाई में सामान्य रही थी। उसकी माँ सावित्री देवी ने उसे बड़ी ही सादगी से पाला था। कभी मुग्धा आधुनिक परिधान पहनने […]

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आराध्य—गृहलक्ष्मी की कहानी

Motivational Kahani: मोहित पाँच बहनों का इकलौता भाई है। उसके पिताजी का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है। वह स्नातकोत्तर की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर रहा है। बार-बार प्रयास के पश्चात भी उसे सफलता नहीं मिल रही है। एक दिन उसे समाचार पत्र में प्राइवेट नौकरी का विज्ञापन दिखाई […]

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बस अब और नहीं—गृहलक्ष्मी की कहानी

Inspiration Story: सविता और सरिता दो बहने हैं सरिता नाम के अनुरूप मृदुभाषी शांत और शालीन स्वभाव की युवती है, दूसरी ओर सविता चंचल , नटखट और दामिनी की भाँति गर्जना करने वाली।दोनों के स्वभाव विपरीत हैं, किंतु दोनों जुड़वा बहने हैं। उनके परिवार में माता-पिता और दादा-दादी के अतिरिक्त और कोई नहीं है। दोनों […]

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आओ लौटें गाँव की ओर —गृहलक्ष्मी की लघु कहानी

गृहलक्ष्मी की लघु कहानी: रमाशंकर और दयाशंकर दो भाई थे। दोनों कृषि कार्य करके अपनी घर गृहस्थी चलाते थे।विवाह के उपरांत रमाशंकर की पत्नी ने कहा कि “कृषि कार्य में लाभ नहीं मिलता है, अतः हमें शहर में कुछ नया व्यवसाय शुरू करना चाहिए”।दयाशंकर ने अपने भाई को बहुत समझाया कि अपना पैतृक गाँव और […]

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