घर और आॉफिस में बेहतर तालमेल बिठाने के चक्कर में कई बार महिलाएं खुद के लिए समय नहीं दे पातीं। जबकि सही मायने में खुश रहने के लिए जरूरी है कि हर महिला अपनी दिनचर्या से खुद के लिए कुछ समय निकालें।
सेहत से समझौता क्यों?
कुछ महिलाएं खुद को इंसान समझकर व्यवहार नहीं करती क्योंकि शायद इसके पीछे सामाजिक मानसिकता भी है कि महिलाएं जितना काम करेगीं उतनी ही तारीफ पाएंगी और इस प्रकार वह अपनी समस्याओं को बढ़ाती चली जातीहैं। वह परिवार की सेहत, पसंद और आराम का ध्यान रखेंगी, लेकिन खुद को भूल जाएंगी या फिर खुद को सबसे आखिर में गिनेंगी। यदि वह अपने आप का ख्याल रखेंगी तो वह अपराधबोध रहेगी कि वह खुद का ख्याल कैसे रख रही हैं।
अपने लिए भी समय कैसे निकालें महिलाएं
कामकाजी महिलाओं के लिए जिम्मेदारियां और ज्यादा बढ़ जाती हैं। इस चक्कर में उनके पास अपने लिए समय ही नहीं बच पाता है और ये बात उन्हें खटकती रहती है कि सब कुछ करने के बावजूद अपने मन का काम करने के लिए उनके पास एक-दो घंटे भी नहीं बचते हैं।
त्योहारों पर जिंदगी में भंरें खुशियों के रंग
त्योहारों का अर्थ ही है मौज-मस्ती और उत्साह। यह ऐसा वक्त होता है जो आपकी जिंदगी की उदासियों को अपने भीतर समो लेता है और जिंदगी को खुशियों के रंग से सराबोर कर देता है।
अक्टूबर माह 2015
अक्टूबर माह की तिथियो ,शुभ मुहूर्त,व्रत-त्यौहार,सूर्योदय-सूर्यास्त के लिए देखें पंचांग .
ईको-फ्रेंडली मनाएं दीवाली
प्रकाश की अंधकार पर विजय के पर्व दीवाली पर इस बार ‘गो ग्रीन की राह को अपनाएं और ईको-फ्रेंडली तरीके से
दीवाली सेलिब्रेट कर पर्यावरण प्रदूषण की जगह प्रेम भाईचारा फैलाएं।
दीवाली में सेहत भी दुरुस्त रखें
दीवाली का नाम आते ही रंग-बिरंगी मिठाइयां और स्वादिष्ट पकवानों के खयाल आने लगते हैं।
त्योहारों पर बनाए रखें उमंग-उत्साह
त्योहारों का अर्थ ही है मौज-मस्ती और उत्साह।यह ऐसा वक्त होता है जो आपकी जिंदगी की उदासियों को अपने भीतर समो लेता है और जिंदगी को खुशियों के रंग से सराबोर कर देता है।
पटाखे आपके स्वास्थ्य के लिए खतरा तो नहीं
ज्यादातर पटाखों से 80 डेसीबल से अधिक स्तर की आवाज निकलती है जिस कारण बहरापन, उच्च रक्तचाप और अनिद्रा जैसी स्थिति आ जाती है। इसलिए आपको बहुत तेज आवाज वाले पटाखें चलाने से बचना चाहिए.
10 उपाय जिनसे दीपावली आपकी जेब पर भारी ना पडें
बीवी-बच्चों में कितना उत्साह और उमंग है। नए-नए कपड़े, सोने-चांदी के गहने, रंगाई-पुताई, भांति-भांति के व्यंजन, जगमगाते दीपक, विद्युत सज्जा, ऊपर से आतिशबाजी। कितना अच्छा लगता है, ये सब। लेकिन क्या आपकी जेब इन सब खर्चों के लिए तैयार है?
