Dharmendra Advice to Pawan Singh
Dharmendra Advice to Pawan Singh

Summary:पवन सिंह ने धर्मेंद्र से सीखी तीन अहम बातें

पवन सिंह ने धर्मेंद्र से तीन सीखें पाईं, जो उनके करियर और व्यक्तित्व को बदलकर भोजपुरी फिल्मों में उन्हें पॉवरस्टार बनाती हैं।

Dharmendra and Pawan Singh: दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सोमवार दोपहर को उनके घर पर उनका देहांत हुआ और उनका अंतिम संस्कार विले पार्ले श्मशान घाट पर किया गया। इस दुखद मौके पर देशभर के फिल्मी सितारे उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। इसी बीच भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के पावरस्टार पवन सिंह ने धर्मेंद्र की विनम्रता, करियर के शुरुआती दिनों में उनका मार्गदर्शन और उनकी सादगी को याद करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी। पवन सिंह ने सोशल मीडिया पर धर्मेंद्र के साथ अपनी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि यह खबर उनके दिल को अंदर से तोड़ गई। उन्होंने कहा कि ऐसा लगा जैसे जीवन और पर्दे दोनों से एक प्रकाश चला गया।

पवन सिंह अक्सर धर्मेंद्र के साथ अपने रिश्ते को याद करते रहते थे। उन्होंने बताया कि अपने करियर के शुरुआती संघर्षों में उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन उन्हें उस महान अभिनेता के साथ काम करने का मौका मिलेगा, जिनके वे बचपन से फैन रहे हैं। धर्मेंद्र ने सिर्फ उन्हें मौका ही नहीं दिया, बल्कि उनका मार्गदर्शन भी किया। पवन के अनुसार, धर्मेंद्र की सीख उनके करियर और व्यक्तित्व का अहम हिस्सा बन गई।

पवन ने याद किया कि उनकी पहली मुलाकात एक भोजपुरी फिल्म के सेट पर हुई थी। उस पल ने उनका नजरिया पूरी तरह बदल दिया। उन्हें एहसास हुआ कि एक बड़ा स्टार होना सिर्फ शोहरत से नहीं, बल्कि जमीन से जुड़े रहने और विनम्र बने रहने से भी जुड़ा है। पहले दिन शूटिंग के दौरान पवन बहुत घबरा गए थे जब उन्हें पता चला कि धर्मेंद्र भी उसी प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं।

किसी ने उन्हें बताया कि धर्मेंद्र उन्हें बुला रहे हैं। पवन ने कहा कि उनके कदम लड़खड़ा रहे थे और हाथ कांप रहे थे। वैनिटी वैन के अंदर, धर्मेंद्र ने मुस्कुराते हुए उनका स्वागत किया और बैठने के लिए कहा। पवन ने अपनी शुरुआती मेहनत और संघर्ष साझा किया। धर्मेंद्र ने उन्हें कड़ी मेहनत, विनम्रता और दूसरों से शालीनता से पेश आने की सलाह दी। पवन ने कहा कि यह गुण उन्हें आगे बढ़ने में मदद करेंगे।

पवन ने बताया कि कई बार सीन शूट करते समय वह डायलॉग भूल जाते थे। धर्मेंद्र हल्के से हंसते और कहते, “चिंता मत करो बेटा, धीरे बोलो।” यही छोटा सा मंत्र पवन के करियर का अहम मोड़ बन गया। धर्मेंद्र का सहयोग और सिखाई गई विनम्रता ने पवन को सिर्फ सुपरस्टार ही नहीं बनाया, बल्कि उन्हें एक मजबूत और सशक्त कलाकार भी बनाया।

पवन सिंह ने कहा कि धर्मेंद्र ने उन्हें उनका पहला बड़ा मंच दिया और उन्हें यह सिखाया कि सफलता केवल टैलेंट से नहीं, बल्कि शालीनता, मेहनत और दूसरों का सम्मान करने से भी आती है। यही कारण है कि पवन हर मंच और इंटरव्यू में धर्मेंद्र की इस सीख को साझा करते हैं। उनके अनुभव नए कलाकारों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनते हैं।

प्रतिमा 'गृहलक्ष्मी’ टीम में लेखक के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। डिजिटल मीडिया में 10 सालों से अधिक का अनुभव है, जिसने 2013 में काशी विद्यापीठ, वाराणसी से MJMC (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की। बीते वर्षों...