Summary : उत्तर-पूर्व भारत की सबसे ख़ास बात
उत्तर-पूर्व की यात्रा केवल दर्शनीय स्थलों का भ्रमण नहीं बल्कि एक धीमा, शांत, आत्मिक और बेहद गहरा अनुभव है।
Northeast India Travel: उत्तर-पूर्व भारत वह भूभाग है जहाँ बादल जमीन को छूते हैं, नदियाँ स्वच्छ शीशे की तरह बहती हैं और पहाड़ों की हरियाली आँखों को ऐसा सुकून देती है जो कहीं और मिलना मुश्किल है। यह इलाका प्रकृति, संस्कृति और रहस्य का ऐसा सम्मिश्रण है जो यात्रियों को बार–बार अपनी ओर खींचता है। यहाँ की जनजातियाँ, त्योहार, स्वाद, प्राकृतिक चमत्कार और अछूती घाटियाँ भारत की विविधता को एक जीवंत रूप देती हैं। उत्तर-पूर्व की यात्रा केवल दर्शनीय स्थलों का भ्रमण नहीं बल्कि एक धीमा, शांत, आत्मिक और बेहद गहरा अनुभव है। आइए जानते हैं ऐसी पाँच जगहें जो नॉर्थ-ईस्ट भारत को यात्रियों के लिए एक ख़ूबसूरत गंतव्य बनाती हैं।
मेघालय: बादलों का घर और झरनों का स्वर्ग

मेघालय की पहाड़ियाँ, घुमड़ते बादल और लगातार बहते झरने इसे नॉर्थ-ईस्ट का सबसे खूबसूरत राज्य बनाते हैं। चेरापूंजी के नोहकलिकाई और सेवन सिस्टर्स झरने, मावलिनोंग का एशिया का सबसे स्वच्छ गाँव और डबल-डेकर रूट ब्रिज दुनिया भर के यात्रियों को चकित कर देते हैं। दिसंबर–मार्च के बीच यहाँ का मौसम साफ, सुहाना और शांत रहता है। शिलांग की कैफे संस्कृति, जीवित जड़ पुलों की अनोखी इंजीनियरिंग और गाँवों की प्राकृतिक सुंदरता इसे एक अनिवार्य गंतव्य बनाती है।
अरुणाचल प्रदेश: आध्यात्मिकता का सम्मोहक संसार
अरुणाचल प्रदेश भारत का सबसे रहस्यमयी और कम भीड़ वाला राज्य है। तवांग मठ की विशालता, सेला पास की बर्फ, जिरो वैली की धान की खेतियाँ और नामदफा राष्ट्रीय उद्यान की जैव–विविधता इसे एक अलग ही दुनिया बना देती हैं। यहाँ की मोनपा जनजाति की संस्कृति, लोकगीत और पारंपरिक परिधान यात्रियों को बेहद प्रभावित करते हैं। अरुणाचल की घाटियाँ शांत हैं, हवा शीतल है और यहाँ का हर दृश्य एक गहरी आध्यात्मिक भावना पैदा करता है।
नागालैंड: परंपराओं का रंग और पर्वतों का रोमांच

नागालैंड में प्रकृति और संस्कृति दोनों अपनी सबसे अनूठी छटा में मिलती हैं। कोहिमा का हॉर्नबिल फेस्टिवल दुनिया में अपनी पहचान बनाए हुए है, जहाँ नगा जनजातियों की नृत्य–शैली, संगीत और रंगीन परिधान किसी जीवंत चित्रकारी की तरह सामने आते हैं। ड्ज़ुकोउ वैली अपनी फूलों से भरी ढलानों और शांत ट्रेकिंग रास्तों के कारण वैल्ली ऑफ़ फ्लावर्स कहलाती है। नागालैंड की पहाड़ियाँ साहसिक यात्रियों को रोमांच का खुला निमंत्रण देती हैं।
सिक्किम: हिमालय की गोद में बसा शांत स्वर्ग
सिक्किम अपनी पवित्रता, साफ हवा और आध्यात्मिकता के लिए जाना जाता है। गंगटोक की मोनेस्ट्रीज़, रावंगला की बुद्ध प्रतिमा, चॉपटा वैली की बर्फीली ढलानें और गुरुडोंगमार झील की नीली चमक इसे एक अद्भुत गंतव्य बनाती हैं। यहां के लोग सरल, विनम्र और स्वच्छता के प्रति बेहद सजग हैं। प्रकृति, ध्यान, रोमांच इस जगह पर सब मिलता है।
असम: नदियों और वन्यजीवों की जादुई भूमि

असम अपने ब्रह्मपुत्र नदी, विस्तृत चाय–बागानों और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के लिए विश्वप्रसिद्ध है। काजीरंगा का एक–सींग गेंडा, माजुली का नदी–द्वीप और गुवाहाटी का कामाख्या मंदिर यात्रियों को संस्कृति और प्रकृति दोनों का संतुलित अनुभव देते हैं। दिसंबर–फरवरी में यहाँ का मौसम सबसे सुहाना होता है, न ज्यादा गर्मी, न ज्यादा ठंड।
नॉर्थ-ईस्ट भारत की खूबसूरती शब्दों से नहीं, अनुभव से समझी जाती है। यह वह जगह है जहां हर घाटी एक कहानी है, हर संस्कृति एक रंग है, और हर यात्रा एक यादगार अनुभव। जिंदगी में एक बार यहाँ की यात्रा जरूर करें। आप लौटेंगे तो भीतर कुछ बदल चुका होगा।
