प्रेग्नेंसी में सुरक्षित सौंदर्य रूटीन: किन प्रोडक्ट्स से रखें परहेज़
गर्भावस्था के दौरान कुछ स्किन-केयर और ब्यूटी प्रोडक्ट्स में मौजूद केमिकल तत्व मां और शिशु दोनों के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। रेटिनॉल, BHA, हाइड्रोक्विनोन, केमिकल सनस्क्रीन और हेयर-ट्रीटमेंट जैसे उत्पादों से दूरी बनाकर सुरक्षित ब्यूटी रूटीन अपनाना बेहद ज़रूरी है।
Pregnancy and Beauty Products: गर्भावस्था एक ऐसा संवेदनशील समय होता है, जब महिलाएं अपनी सेहत, खान-पान और दिनचर्या को लेकर काफी सावधान हो जाती हैं। इसी समय शरीर के साथ-साथ त्वचा में भी कई तरह के बदलाव दिखाई देने लगते हैं। कभी पिगमेंटेशन बढ़ जाता है, कभी मुंहासे उभर आते हैं, तो कभी त्वचा बहुत ज्यादा ड्राई महसूस करती है। इन समस्याओं से निपटने के लिए ज्यादातर महिलाएं अलग-अलग तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स का उपयोग करने लगती हैं। लेकिन यह जानना जरूरी है कि हर स्किन-केयर या मेकअप प्रोडक्ट गर्भावस्था के लिए पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होता। कुछ प्रोडक्ट्स में मौजूद केमिकल तत्व हार्मोनल संतुलन को बुरी तरह से प्रभावित कर सकते हैं,
जबकि इनमें से कुछ बच्चे के विकास पर ख़राब असर डालते हैं।
रेटिनॉल और रेटिनॉइड वाले प्रोडक्ट्स

रेटिनॉल, रेटिनॉइड्स और विटामिन A- वाली क्रीम त्वचा को ग्लो देने, झुर्रियां कम करने और पिंपल्स नियंत्रित करने में मदद करते हैं। लेकिन गर्भावस्था में ये तत्व बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं माने जाते। ये त्वचा के रोमछिद्रों से अंदर जाकर शरीर में विटामिन A का स्तर बढ़ाते हैं। ज़्यादा विटामिन A का इस्तेमाल गर्भ में पल रहे शिशु के लिए काफी ख़राब होता है। इसलिए एंटी-एजिंग क्रीम्स, स्पॉट-ट्रीटमेंट क्रीम्स या रेटिनॉल-बेस्ड सीरम से दूरी बनाए रखें।
सैलिसिलिक एसिड और BHA वाले प्रोडक्ट्स
ऑयली स्किन और पिंपल्स वाली महिलाओं के लिए BHA यानी सैलिसिलिक एसिड बहुत प्रभावी माना जाता है। लेकिन गर्भावस्था में इसका उपयोग सुरक्षित नहीं है। यह शरीर में गहराई तक जाकर ब्लड फ्लो को प्रभावित करता है ,इसलिए फेस वॉश, टोनर, मास्क या स्पॉट-ट्रीटमेंट में मौजूद हाई स्ट्रेंथ BHA से बचें।
स्किन-लाइटनिंग प्रोडक्ट्स

हाइड्रोक्विनोन का इस्तेमाल पिगमेंटेशन, डार्क स्पॉट और मेलाज्मा के इलाज में किया जाता है। यह गहराई से त्वचा में समा जाता है ,जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे को काफी खतरा होता है। कई देशों में इसे गर्भावस्था के दौरान पूरी तरह से ना इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। इसलिए कोई भी “स्किन-लाइटनिंग”, “फेयरनेस”, या “स्पॉट-रिमूवल” क्रीम जिसमें हाइड्रोक्विनोन हो, वह गर्भावस्था के दौरान इस्तेमाल न करें।
हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स
हेयर डाई में अक्सर अमोनिया, पपड और फॉर्मल्डिहाइड जैसे केमिकल होते हैं जो गर्भवती महिला के लिए हानिकारक हो सकते हैं। ये तत्व सांस लेते समय शरीर के अंदर जा सकते हैं और असहजता या एलर्जी पैदा कर सकते हैं। हेयर स्मूदनिंग/रीबॉन्डिंग में फॉर्मल्डिहाइड का इस्तेमाल होता है, जो गर्भ में शिशु के विकास को प्रभावित करता है। इसलिए पहले तीन महीनों में बिल्कुल हेयर डाई न कराएं। अगर जरूरत हो तो अमोनिया-फ्री या प्राकृतिक हेयर डाई चुनें।
परफ्यूम
तेज खुशबू वाले परफ्यूम में कई केमिकल तत्व होते हैं जो गर्भवती महिलाओं के लिए संवेदनशील हो सकते हैं। इनकी वजह से सिरदर्द, उल्टी, एलर्जी या चक्कर आ सकते हैं। कुछ सिंथेटिक फ्रेगरेंस में फ्थैलेट्स नामक तत्व शामिल होते हैं जो हार्मोनल संतुलन को प्रभावित करते हैं। हमेशा फ्रेगरेंस-फ्री स्किनकेयर या हल्की, नेचुरल खुशबू वाले प्रोडक्ट्स ही चुनें।
केमिकल सनस्क्रीन से बचें

सनस्क्रीन जरूरी है, लेकिन केमिकल सनस्क्रीन गर्भावस्था में नुकसानदायक हो सकती हैं। यह त्वचा के अंदर जाकर हार्मोनल बदलाव लाती है। मिनरल युक्त सनस्क्रीन सुरक्षित और प्रभावी माने जाते हैं।
नेल पॉलिश
कुछ नेल प्रोडक्ट्स में टोल्यून, फॉर्मल्डिहाइड और DBP जैसे तत्व पाए जाते हैं। ये केमिकल सांस के जरिए शरीर में जाकर सिरदर्द और एलर्जी का कारण बन सकते हैं।
