Pregnancy Care
Pregnancy Care

अगर आप मां बनने जा रही हैं तो ध्यान रखें कि कॉस्मेटिक का इस्तेमाल ज्यादा नहीं करें क्योंकि इसमें कई तरह के केमिकल्स मिले होते हैं, जो मां और शिशु दोनों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

ग र्भावस्था के समय गर्भवती स्त्री अपने खानपान पर जितना ध्यान देती है उतनी अपनी त्वचा पर
नहीं दे पाती, जिसका परिणाम यह होता है कि बिना जाने वह कई ऐसे ब्यूटी प्रोडक्टस का इस्तेमाल करती है, जो बच्चे और उसके लिए नुकसानदायक होते हैं क्योंकि उसमें जहरीले रसायन होते हैं। मैक्स हॉस्पिटल की
गायनेकोलॉजिस्ट व आईवीएफ एक्सपर्ट डॉक्टर श्वेता गोस्वामी कहती हैं कि गर्भवती स्‍त्री के शरीर में कितने सार परिवर्तन एक साथ होते हैं, ऐसे में उसके लिए सही कॉस्‍मेटिक का चुनाव करन बेहद जरूरी है और यह जानना भी आवश्‍यक है कि उसके लिए क्‍या और क्‍या गलत है? एक शोध के मुताबिक, जो महिलाएं गर्भावस्था में बहुत अधिक कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल करती हैं, उनमें समय पूर्व प्रसव की आशंका बढ़ जाती है. इसके अलावा इससे नवजात के वजन और आकार पर भी असर पड़ता है। इसलिए अगर आप अपने सौंदर्य प्रसाधनों को ठीक से नहीं चुनती हैं तो इससे आपके बच्‍चे को खतरा हो सकता है।

गर्भावस्था के समय कौन से ब्यूटी प्रोडक्ट आपके स्वास्थ्य के लिए हाानिकारक हैं आइए एक नजर डालें-

शैम्पू- बालों को स्वस्थ साफ रखने के लिए हमें शैम्पू का इस्तेमाल करना पड़ता है, परंतु हर तरह के शैम्पू का इस्तेमाल करना करना ठीक नहीं। शैम्पू का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर
लेनी चाहिए ताकि कोई नुकसान न हो।

shampoo
shampoo

डियो और परफ्यूम– गर्मी में पसीने की दुर्गन्ध से बचने के लिए महिलाएं डियो और परफ्यूम का इस्तेमाल करती हैं, परंतु परफ्यूम में 100 प्रकार के रसायन मिले होते हैं, जो सेहत पर बुरा असर डालते हैं।

हेयर कलर- बालों में सफेदी छिपाने के लिए महिलाएं हेयर कलर का इस्तेमाल करती हैं, परंतु गर्भावस्था में हेयर कलर नहीं करना चाहिए। कोशिश करें कि डिलिवरी के बाद ही हेयर कलर करें, क्योंकि इसमें भी कई केमिकल्स मिले होते हैं, जो सेहत को नुकसान पहुचाते हैं।

hair color
hair color

लिपस्टिक- लिपस्टिक सामान्य अवस्था में इतनी हानिकारक नहीं होती है, परंतु गर्भावस्था में इसका
प्रयोग हानिकारक साबित होता है क्योंकि लिपस्टिक में थोड़ी मात्रा में लेड होता है, जो चाय कॉफी या जूस
के साथ हमारे शरीर के अंदर पहुंचता है और शिशु को नुकसान पहुंचाता है।

lipstick
lipstick

12 ऐसे तत्व जो मेकअप व स्किनकेयर उत्पादों में इस्तेमाल होते हैं, जैसे

1. सोडियम लोराइल सल्फेट-यह शैम्पू, बॉडी वॉश, फाउंडेशन, फेसवॉश, माउथवॉश और टूथपेस्ट में
पाया जाता है। इससे आपको त्वचा पर जलन, मुंह में छाले, त्वचा में प्राकृतिक ऑयल बैलेंस खराब होना और आंख में क्षति हो सकती है। यह भी माना जाता है कि इस तत्व से सबसे ज्यादा मुंह और चिन के
आसपास एक्ने होने की आशंका होती है।

2.बीएचए-यह एक्सफोलिएंट्स और परफ्यूम्स में पाया जाता है। नेशनल टॉक्सिकोलॉजी प्रोग्राम द्वारा यह कहा गया है की बीएचए इतना हानिकारक होता है कि यह लोगों में कैंसर जैसी बीमारी पैदा कर सकता
है। यह त्वचा में डिपिग्मेंटेशन भी पैदा करता है। बीएचए लीवर को नुकसान पहुंचाता है और पेट में कैंसर जैसे पापीलोमास व कार्सिनोमास भी करता है। यह सामान्य प्रजनन प्रणाली को खराब करके थाइराइड हार्मोन की मात्रा भी बढ़ाता है।

3.ट्रिक्लोसन और ट्राइक्लोकार्बन

यह टूथपेस्ट, डिओडरंट और एंटीबैक्टीरियल साबुनों में पाया जाता है। इन तत्वों से शरीर में हार्मोंस मेंसमस्या, बैक्टीरिया का प्रतिरोध, मांसपेशियों के कार्य में परेशानी, इम्यून सिस्टम कमजोर होना और एलर्जी का
बढ़ना जैसी समस्याएं होने लगती है। इसकी जगह आप टी ट्री ऑयल जैसे प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल का इस्तेमाल कर सकती हैं।

4.अमीनोफीनोल, डियामीनोबैंजन,
कोलटार

यह हेयर डाई और शैम्पू में पाए जाते हैं। इससे कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है। हेयर स्टाइलिस्ट्स और अन्य पेशेवर लोग रोज ही इस रासायनिक पदार्थ के सम्पर्क में आते हैं।

5.पैराबीन्स

यह मेकअप, मॉइश्चराइजर, शेविंग क्रीम, शैम्पू, पर्सनल लुब्रीकेंट और स्प्रे उत्पादों में पाया जाता है। एफडीए द्वारा बहुत से अनुसंधानों में यह पता चला है कि पैराबीन्स में मिनिक एस्ट्रोजन होता है, जिससे ब्रैस्ट कैंसर, स्किन कैंसर और स्पर्म की मात्रा घटने लगती है।

6.पॉलीथीन

यह स्क्रब्स, बॉडीवॉश, मेकअप और टूथपेस्ट में पाया जाता है। फेस और लिप स्क्रब्स में पाए जाने वाले छोटे-छोटे बीड्स पॉलीथीन से बने होते हैं। पॉलिथीन ऐसा तत्व है, जो त्वचा में जलन पैदा करता है और इसका इस्तेमाल रूखी व खराब त्वचा पर कभी नहीं करना चाहिये।

7.रेटिनाइल पेलमिटेट रेटिनाइल एसिटेट और रेटिनोइक एसिड

यह तत्व मॉइश्चराइजर, लिप बाम, सनस्क्रीन और एंटी एजिंग उत्पादों में पाया जाता है। इन उत्पादों में मौजूद
रेटिनाल का प्रभाव उल्टा होता है और धूप में यह कैंसर में बदलने लगता है, तो इसका इस्तेमाल केवल रात के समय ही करना चाहिये।

    8.पेट्रोलियम डिस्टिलेट्स

    यह तत्व मस्कारा में पाया जाता है। वह सभी कॉस्मेटिक उत्पाद जो पेट्रोलियम से बने होते हैं उनसे डर्मेटाइटिस होने की आशंका होती है और यह कैंसर करने वाले तत्वों से दूषित होते हैं।

    9.फ्रेग्रेन्स

    Fragrance
    Fragrance

    यह मॉइश्चराइजर्स, डिओडरेंट्स, लोशन, फेस क्रीम, शैम्पू और कंडीशनर में मिलती है। इन उत्पादों में होने वाली फ्रेग्रेन्स से हॉर्मोन्स में बाधा आ सकती है, और एलर्जी भी हो सकती है।

    10.ऑक्सी बेनजोन

    यह स्नस्क्रीन्स में पाया जाता है। सनस्क्रीन में पाया जाने वाला यह तत्व सबसे खतरनाक होता है। यह शरीर में एस्ट्रोजन की तरह काम करता है, स्पर्म की मात्रा में बदलाव करता है और महिलाओं में होने वाली एंडोमेट्रिओसिस का यह कारण होता है। इसकी जगह आप ऐसे सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें जिनमें टाइटेनियम ऑक्साइड या एवो बेनजीन हो।

    oxybenzone
    oxybenzone

    11.डिब्यूटाइल चीजींसंजम टोलुइन और फॉर्मलडिहाइड

    यह तत्व नेलपॉलिश और अन्य नेल उत्पादों में पाया जाता है इससे बर्थ डिफेक्ट्स, एंडोक्राइन सिस्टम में बाधा,
    सर में दर्द और सांस लेने में समस्या होती है।

    12.हाइड्रोक्विनोन

    यह तत्व स्किन लाइटनर्स में पाया जाता है। एफडीए द्वारा चेतावनी दी जा चुकी है कि इन उत्पादों का इस्तेमाल करने से त्वचा में ओकरोनोसिस नामक बीमारी हो सकती है और त्वचा पर काले-नीले रंग के घाव पड़ सकते हैं जिसका कोई इलाज नहीं है। इम्पोर्ट किये उत्पादों में मरकरी पाई जाती है जो बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक होती है।

      “कम से कम 600 प्रकार के कॉस्मेटिक्स में लेड मिला होता है, जिसमें प्रमुख हैं फाउंडेशन, लिपस्टिक, नेलपेंट इत्यादि, किन्तु सुंदरता को बढ़ाने के साथ-साथ सेहत का ध्यान रखना भी आवश्यक है, खासकर
      गर्भावस्था में क्योकि लेडयुक्त कॉस्मेटिक्स मिसकैरेज का कारण बन जाते हैं।”