Overview: जब खाना बन जाए वशीकरण और तंत्र विद्या का जरिया
भोजन सिर्फ ऊर्जा का स्रोत नहीं बल्कि व्यक्ति की मानसिक और आध्यात्मिक स्थिति को भी प्रभावित करता है। तंत्र विद्या में भोजन का उपयोग वशीकरण और काला जादू के लिए किया जाता है। शास्त्रों ने भोजन की शुद्धता, सावधानी और मंत्रों से सुरक्षा पर जोर दिया है ताकि नकारात्मक शक्तियां असर न डाल सकें।
Food Black Magic Precaution: हमारे शास्त्रों और प्राचीन ग्रंथों में भोजन को सिर्फ शरीर को ऊर्जा देने वाला साधन नहीं माना गया है, बल्कि इसे व्यक्ति की मानसिक और आध्यात्मिक स्थिति को प्रभावित करने वाला तत्व भी बताया गया है। यही वजह है कि भोजन की पवित्रता और शुद्धता को हमेशा सर्वोच्च स्थान दिया गया है। तंत्र विद्या और काला जादू में भी भोजन का विशेष महत्व होता है।
भोजन और नकारात्मक शक्तियां
मान्यताओं के अनुसार, भोजन के जरिए व्यक्ति की ऊर्जा को नियंत्रित किया जा सकता है। तांत्रिक क्रियाओं और वशीकरण की विधियों में भोजन को मंत्रित कर दिया जाता है, जिसके सेवन से व्यक्ति की मानसिक स्थिति, भावनाएं और विचार धीरे-धीरे नियंत्रित हो सकते हैं। यही कारण है कि धार्मिक ग्रंथों में हमेशा शुद्ध और सतर्क रहकर भोजन ग्रहण करने की सलाह दी गई है।
मंत्रित भोजन का असर
जब किसी भोजन को काला जादू या वशीकरण के मंत्रों से प्रभावित किया जाता है, तो उसके सेवन से व्यक्ति सिर्फ कैलोरी नहीं लेता, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा भी अपने भीतर खींच लेता है। इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति थकान, भ्रम, चिड़चिड़ापन और असामान्य व्यवहार प्रदर्शित करने लगता है। धीरे-धीरे उसकी स्वतंत्र सोच खत्म हो जाती है और वह दूसरों के नियंत्रण में आ सकता है।
प्राचीन तांत्रिक विधियां
काला जादू और वशीकरण में भोजन के इस्तेमाल की परंपरा बहुत पुरानी है। शास्त्रों के अनुसार, जब किसी व्यक्ति को मंत्रित भोजन खिलाया जाता है, तो वह धीरे-धीरे अपनी इच्छाशक्ति खो देता है। उसकी सोच और निर्णय क्षमता पर असर पड़ता है और वह दूसरों का कठपुतली जैसा बन जाता है।
यह क्रिया कैसे काम करती है?
भोजन में विशेष मंत्रों से उत्तेजित सामग्री मिलाई जाती है।
इसे नकारात्मक ऊर्जा के आशीर्वाद से संपन्न किया जाता है।
ज्यादातर ये क्रियाएं भीड़-भाड़ वाले स्थानों या सामूहिक भोज के दौरान की जाती हैं।
अजनबियों से मिला भोजन अक्सर इसी कारण वर्जित माना गया है।
खाने से पहले बरतें ये सावधानियां
भ्रम लगे तो करें उपाय : भोजन करने से पहले यदि असहजता महसूस हो, तो दाहिने हाथ को आज्ञा चक्र पर रखकर ॐ दम दुर्गायै नमः या ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः मंत्र का जाप करें।
घर की सुरक्षा : रसोईघर या भोजन कक्ष में हनुमान, दुर्गा या बगलामुखी जैसे यंत्रों की स्थापना करें। ये नकारात्मक ऊर्जा को निष्क्रिय कर देते हैं।
अनजान लोगों से सतर्कता : अजनबियों से कभी भी भोजन स्वीकार न करें।
ऊर्जा शुद्धि : यदि कभी नकारात्मक प्रभाव महसूस हो, तो हल्दी-नमक के पानी से कुल्ला करें और कपूर या सेज की धूप जलाएं।
शास्त्रों में क्या कहा गया है?
अथर्ववेद: इसमें बताया गया है कि मंत्रों से अन्न और जल को विशेष ऊर्जा दी जा सकती है।
भगवद्गीता (अध्याय 17, श्लोक 7-10): भगवद्गीता के अध्याय 17 के श्लोक 7 से 10 में बताया गया है कि भोजन मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है। सात्त्विक, राजसिक और तामसिक। सात्त्विक भोजन शरीर और मन को शुद्ध करता है तथा शांति और संतुलन प्रदान करता है। वहीं राजसिक भोजन इच्छाओं और लालसाओं को बढ़ाता है, जबकि तामसिक भोजन आलस्य, भ्रम और नकारात्मकता को बढ़ावा देता है।
गरुड़ पुराण: अज्ञात लोगों द्वारा दिया गया भोजन ग्रहण करने से नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ सकता है।
मनुस्मृति: भोजन की शुद्धता और पवित्रता को बनाए रखने पर जोर दिया गया है।
तांत्रिक ग्रंथ: मंत्रित भोजन के जरिए वशीकरण संभव है, लेकिन शास्त्रों में इसका प्रयोग निषिद्ध है।
