Overview:इम्पल्सिव शॉपिंग को रोकने के लिए करें नो-स्पेंड डे चैलेंज
अगर आपको इम्पल्सिव शॉपिंग करने की आदत है तो उसे रोकने के लिए आप नो-स्पेंड डे चैलेंज कर सकते हैं।
No Spend Day Challenge: हम सभी दिन भर में कुछ ना कुछ जरूर खरीदते हैं। घर के लिए राशन लेने से लेकर कपड़ों की शॉपिंग तक कुछ ना कुछ हमारी शॉपिंग लिस्ट में जरूर शामिल होता है। यहां तक कि कभी-कभी हम अपने मोबाइल में बस यूं ही शॉपिंग ऐप खोलते हैं और ऐसे में हम ना जाने कितनी ऐसी चीजों को अपने कार्ट में शामिल कर लेते हैं, जिनकी हमें वास्तव में जरूरत तक नहीं होती। ऐसे में हम बेवजह बस अपने पैसे खर्च कर देते हैं। इसे ही इम्पल्सिव शॉपिंग या फ़िज़ूलख़र्ची कहा जाता है। हमें इस बात का अंदाजा तक नहीं होता, लेकिन इस तरह बेवजह खर्च करके हम महीनभर में ना जाने कितने पैसे खर्च कर देते हैं।
हालांकि, अगर आप इस तरह की इम्पल्सिव शॉपिंग की आदत पर रोक लगाना चाहती हैं और जरूरत व चाहत के बीच असली अंतर को समझकर सही तरह से खरीदारी कर सकें, तो ऐसे में आप नो-स्पेंड डे चैलेंज करें। अगर आप सप्ताह में बस एक दिन नो स्पेंड रखने की आदत डाल लेंगी तो इससे आपको अपने पैसों पर काबू पाना आ जाएगा। यह एक छोटा सा चैलेंज आपको फ़िज़ूलख़र्ची की आदत को कब बदल देगा, इसके बारे में आपको पता भी नहीं चलेगा। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको इस नो-स्पेंड डे चैलेंज के बारे में विस्तारपूर्वक बता रहे हैं-
नो-स्पेंड डे चैलेंज क्या होता है

जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है, नो-स्पेंड डे चैलेंज का मतलब है कि आप सप्ताह में कोई एक ऐसा दिन चुनें, जब आप एक भी रुपया फालतू खर्च न करें। मसलन, उस दिन ऑनलाइन शॉपिंग से लेकर बाहर खाना-पीना, मूवी देखना या बेवजह ही खरीदारी नहीं करेंगी। हालांकि, उस दिन बहुत जरूरी चीजें दवा, सब्ज़ी-फल, बिजली-पानी का बिल या कोई इमरजेंसी खर्च कर सकते हैं। लेकिन सिर्फ़ बोरियत या लालच में कुछ भी खरीदना पूरी तरह से मना है।
नो-स्पेंड डे चैलेंज के क्या फायदे हैं

अगर आप सप्ताह में एक बार नो-स्पेंड डे चैलेंज करते हैं तो इससे आपको एक साथ कई फायदे मिलते हैं। मसलन-
- इस दिन आपको बेवजह खर्च नहीं करना है तो ऐसे में आप फिजूलखर्ची से बच जाते हैं। इससे आप किसी भी तरह की सेल या ऑनलाइन ऑफर के चक्कर में अपने पैसों को खर्च नहीं करते हैं।
- जब आप हर महीने कुछ दिन बिल्कुल पैसे खर्च नहीं करते हैं तो इससे धीरे-धीरे आपकी बचत बढ़ने लगती हैं। आप यह महसूस करने लगते हैं कि महीने के आखिर में आपके पास अतिरिक्त पैसे हैं और ऐसे में आपको पैसों की तंगी का सामना नहीं करना पड़ता।
- शुरुआत में भले ही आपको पैसे खर्च ना करने पर बैचेनी का अहसास हो, लेकिन धीरे-धीरे आप अपने पैसों को समझदारी से खर्च करना सीख जाएंगे। आपका खुद पर कंट्रोल बढ़ता है। ऐसे में आप हर बार पैसे खर्च करने से पहले यह समझेंगे कि क्या सच में यह सामान आपके लिए जरूरी है या फिर आप बस बहकावे में आकर इसे खरीद रहे हैं।
नो-स्पेंड डे चैलेंज की प्लानिंग कुछ इस तरह करें
अगर आप नो-स्पेंड डे चैलेंज कर रहे हैं और उसमें पूरी तरह से सफल होना चाहते हैं तो ऐसे में आपको पहले उसकी कुछ तैयारी कर लेनी चाहिए।
- सबसे पहले आप अपने ट्रिगर्स को पहचानने की कोशिश करें। मसलन, आप छुट्टी के दिन बोर होने पर बाहर का खाना पसंद करते हैं या फिर आपको अक्सर ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर स्क्रॉल करने की आदत है या ब्यूटी प्रोडक्ट्स आपको अपनी तरफ खींचते हैं। इस तरह जब आपको अपने ट्रिगर्स के बारे में पता होगा तो ऐसे में आपके लिए खुद पर काबू रख पाना आसान होगा।
- कोशिश करें कि आप घर का जरूरी सामान जैसे दूध, सब्जी आदि एक दिन पहले ही मंगवा लें। अगर किसी बिल की आखिरी तारीख आ गई है तो उसे भी पहले ही भर दें। ऐसे में उस दिन आपको किसी भी तरह के शॉपिंग या पेमेंट ऐप को खोलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे आपके बेवजह खर्च की आदत को रोकने में मदद मिलेगी।
- अपने हर महीने के खर्च का हिसाब रखें। इससे नो स्पेंड डे चैलेंज करके आपके आपको यह समझ में आएगा कि आप कितना पैसा बचा पा रहे हैं और बचत कहां से हो रही है।
- अगर संभव हो सके, तो एक दिन के लिए शॉपिंग ऐप्स मिंत्रा, अमेज़न, फ्लिपकार्ट आदि को डिलीट कर दें। इससे आप इम्पल्सिव शॉपिंग की आदत से काफी हद तक बच पाएंगे।
नो-स्पेंड डे चैलेंज किस तरह करें

नो-स्पेंड डे चैलेंज करने के लिए सबसे पहले हफ़्ते का एक दिन चुनें, जिस दिन आप किसी भी तरह की फिजूलखर्ची नहीं करेंगे।
आप सुबह उठकर खुद से जरूर कहें कि आज मेरा नो-स्पेंड डे है, मैं सिर्फ़ ज़रूरी चीज़ों पर ही खर्च करूंगा।
अधिकतर हम बोर होकर शॉपिंग ऐप्स खोलते हैं। इसलिए, उस पूरे दिन का प्लान पहले ही बना लें कि किस वक्त आप क्या करने वाले हैं। ऐसे में आपके मन के भटकने की संभावना काफी कम हो जाती है।
अगर आपकी कुछ खरीदने की इच्छा हो रही हो तो उसे एक डायरी में लिख लें। अगले दिन आप उस डायरी को पढ़ें। जब आप खुद को कुछ वक्त देते हैं तो आपको यह समझ में आता है कि सच में आपको उस चीज की जरूरत है भी या नहीं। अधिकतर मामलों में उस चीज की जरूरत होती ही नहीं है।
रात में सोने से पहले चेक करो कि सच में बचत हुई या नहीं। अगर आप अपने हर दिन के खर्चों का हिसाब रखते हैं तो इससे आपको यह समझ में आता है कि नो स्पेंड डे पर आप अनजाने में काफी पैसे बचा पाए।
