जानें क्यों होता है यूट्रस में ट्यूमर और कैसे बनता है ये कैंसर: Uterine Fibroids
Uterine Fibroids and Cancer Risk

Uterine Fibroids: 45 वर्षीय बॉलीवुड एक्ट्रेस और बिग बॉस की एक्स कंटेस्टेंट राखी सावंत इस समय अस्पताल में हैं। राखी सावंत के एक्स हस्बैंड रितेश सिंह ने यह बताया है कि राखी सावंत के यूट्रस में ट्यूमर है और अभी उनके कुछ और टेस्ट के रिजल्ट आने बाकी हैं। इन टेस्ट डॉक्टर ये डायग्नोज करने की कोशिश कर रहे हैं कहीं उन्हें यूट्रस में कैंसर तो नहीं? 14 मई को राखी सावंत को पेट और सीने में दर्द होने की वजह से हॉस्पिटल में एडमिड करवाया गया था। ऐसा माना जा रहा था कि उन्हें हार्ट संबंधी समस्या है लेकिन अभी यूट्रस में ट्यूमर निकाला है। चलिए जानते हैं आखिर क्या होता है यूट्रस का ट्यूमर, किन-किन लोगों को ये हो सकता है, साथ किन स्थितियों में यह ट्यूमर कैंसर बन सकता है।

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क्या होता है यूट्रस का ट्यूमर

 Uterine Fibroids
Uterine Fibroids

फाइब्रॉयड एक बहुत ही गैर-कैंसरयुक्त ट्यूमर है जो की यूट्रस यानी गर्भाशय में विकसित होता है। ये फाइब्रस कनेक्टिव टिश्यूज और स्मूथ मसल्स सेल्स से बने होते हैं। यह फाइब्रॉयड छोटे और बड़े हो सकते हैं और गर्भाशय में एक साथ कई फाइब्रॉयड होना भी आम बात है। यह फाइब्रॉयड बिना किसी लक्षण के बढ़ सकते हैं। दुर्लभ मामलों में ही, यूट्रस में कोई गांठ जो फाइब्रॉएड थी, कैंसर बनती है। ऐसा 1,000 फाइब्रॉएड में से 1% से भी कम में होता है। इस दुर्लभ ट्यूमर को लेयोमायोसारकोमा कहा जाता है, एक प्रकार का कैंसर जो स्मूथ मसल्स के टिश्यूज में बढ़ता है। इस दुर्लभ प्रकार के फाइब्रॉएड को तुरंत हटाने की जरूरत होती है। इसके लिए कई बार सर्जरी और कीमोथेरेपी भी होती है। फाइब्रॉएड और कैंसरग्रस्त ट्यूमर की पहचान ये है कि इमेजिंग टेस्ट में ये अलग-अलग दिखाई देंगे।

फाइब्रॉएड होने का कारण और इसके खतरे

फाइब्रॉएड होने का सटीक कारण ज्ञात नहीं है लेकिन इसे आनुवांशिक माना जाता है। लेकिन अभी तक इस पर पुख्ता जानकारी नहीं जुटा पाएं हैं।

  • कई जोखिम कारक हैं जो फाइब्रॉएड के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं –
  • मोटापा – अधिक वजन होने या मोटापा होने से फाइब्रॉएड का खतरा बढ़ सकता है।
  • आयु – मेनोपॉज तक, जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, फाइब्रॉएड का खतरा बढ़ता जाता है। मेनोपॉज के बाद, ये जोखिम कम हो जाता है।
  • पारिवारिक इतिहास – यदि परिवार के किसी को फाइब्रॉएड है तो आपको फाइब्रॉएड विकसित होने की अधिक संभावना है। यदि आपकी मां को फाइब्रॉएड था, तो आपको इसके होने का जोखिम 3 गुना अधिक बढ़ जाता है।

क्या फाइब्रॉएड या कैंसर होने पर लक्षण दिखते हैं?

फाइब्रॉएड होने पर कोई भी लक्षण ना दिखना आम बात है। लेकिन बड़े फाइब्रॉएड या बहुत ज्यादा फाइब्रॉएड हो तो लक्षण दिख सकते हैं। वहीं यदि छोटे फाइब्रॉएड यूटरिन कैविटी में हों तो लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

कुछ आम लक्षण हैं –

  • पीरियड्स ना होने पर भी वैजाइना से ब्लीडिंग होना
  • मासिक धर्म के बीच हैवी ब्लीडिंग होना
  • पीरियड्स बहुत ज्यादा दिनों तक होना
  • एब्डोमिनल ब्लोटिंग होना
  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द
  • पेल्विक फ्लोर में दर्द
  • बार-बार पेशाब आना
  • संभोग के दौरान दर्द
  • यूट्रस में कैंसरयुक्त ट्यूमर हों तो भी यही लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

क्या कहना है डॉक्टर का

खराड़ी, पुणे स्थित, ब्लॉसम वूमेन क्लिनिक की गायनोकॉलोजिस्ट और ऑब्सिट्रेशन डॉ. दीपाली पटेल का कहना है कि फाइब्रॉयड सबसे आम ट्यूमर है, यह सौम्य होता है घातक नहीं। ये ट्यूमर कुछ हाई एस्ट्रोजेनिक कंडीशंस में होता है, जैसे प्रारंभिक मासिक धर्म, देर से मेनोपॉज, पीसीओडी और धूम्रपान इत्यादि। दुर्लभ मामलों में ही ये ट्यूमर घातक होकर कैंसर में बदल सकता है।

कैसे रोकें फाइब्रॉएड को

Uterine Fibroids Treatment
Uterine Fibroids Treatment

अभी तक इलके पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं कि फाइब्रॉएड होने का असल कारण क्या है, इसलिए इनसे बचने का कोई ऐसा तरीका नहीं है कि उन्हें पनपने ले रोका जा सके। लेकिन फाइब्रॉएड होने का खतरा किस वजह से बढ़ता है, ये हम भलीभांति जानते हैं। ऐसे में इन जोखिम कारकों को कम करने के प्रयास किए जा सकते हैं, जैसे –

  • धूम्रपान को सेवन बंद कर दें।
  • वजन को नियंत्रित रखें।
  • हेल्दी डायट का सेवन करें।

निष्कर्ष

ये तो आप जान चुके हैं कि फाइब्रॉएड खतरनाक नहीं हैं। लेकिन बहुत ही दुर्लभ मामलों में, फाइब्रॉएड खतरनाक हो सकते हैं। यदि फाइब्रॉएड फैल जाते हैं, संख्या में बहुत बढ़ जाते है, इनके होने बहुत अधिक रक्तस्राव होने लगता हैं, पेल्विक के भीतर की अन्य संरचनाओं को ये संकुचित करने लगते हैं और इसके लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। फाइब्रॉएड उन स्थितियों में एक मेडिकल इमरजेंसी बन सकता है जब तेजी से ब्लड लॉस का कारण बनता है। यदि आपको भारी रक्तस्राव का अनुभव होता है, तो तुरंत इमरजेंसी में जाना चाहिए।