Ways to Control Appetite: अपनी भूख को नियंत्रित करना कोई मुश्किल काम नहीं है। इसके लिए आपको ढेर सारे प्रोत्साहित करने वाले वीडियो देखने की जरूरत नहीं है और ना ही खुद को कोसने की आवश्यकता है। यह समझने के लिए बस धैर्य की आवश्यकता है कि आपके शरीर को कुछ चीजों को खाने की लालसा क्यों होती है। यह शरीर के भीतर मौजूद कमियों को पहचानकर उसे पूरा करने की कोशिश करती है। फिर चाहे वे न्यूट्रिशन संबंधी हों या फिर भावनात्मक। ऐसे में आपको अपराधबोध की भावना से ग्रस्त होने की जरूरत नहीं है, बल्कि आपको अपने शरीर के साथ मिलकर चलना आना चाहिए।
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इन लालसा को समझने के लिए आप स्वयं से चार प्रश्न पूछ सकते हैं-

1. क्या आप तनावग्रस्त हैं?
भोजन अक्सर तनाव, क्रोध, अपराधबोध और चिंता जैसी नकारात्मक भावनाओं से निपटने के लिए मैकेनिज्म की तरह काम करता है। चुनौतियों से भरपूर भावनाओं का सामना करना कठिन हो सकता है और चूंकि मनुष्य स्वाभाविक रूप से दर्द से बचने और आनंद की तलाश करने के लिए तैयार है, इसलिए इस तरह की भावनाओं को कुछ वक्त के लिए खुद से दूर करने के लिए आइसक्रीम टब का सहारा लेना अधिक सुविधाजनक महसूस होता है। हालांकि, यह आपको अस्थायी राहत प्रदान कर सकता है, लेकिन यह इन भावनाओं के मूल कारणों का समाधान नहीं करता है। इसलिए आप बेवजह की भूख के बहकावे में ना आएं, बल्कि यह सीखने की कोशिश करें कि आप इन भावनाओं को किस तरह मैनेज कर सकते हैं और उससे बाहर आ सकते हैं।
2. आपका शरीर कितना हाइड्रेटेड है?
क्या आप भूखे या प्यासे हैं? दोनों के बीच एक अंतर है जिसे आपका शरीर अक्सर आपको भ्रमित करता है। कई बार हमें प्यास लगती है, लेकिन हमारा शरीर इसे भूख समझ लेता है, जिससे हम यह जाने बिना कि हमारे शरीर को हाइड्रेशन की आवश्यकता है, हम अधिक खाना खाने लगते हैं। इतना ही नहीं, हमें तरह-तरह की खाने की लालसा होती है। इसलिए, भोजन का सहारा लेने से पहले कुछ समय निकालकर अपने आप से यह प्रश्न पूछना फायदेमंद हो सकता है।
3. सही नींद नहीं मिल रही है?
बार-बार भूख लगने का एक कारण पर्याप्त नींद ना लेना भी हो सकता है। जब हम नींद की कमी का अनुभव करते हैं तो हम अपने शरीर को हर दिन एक नई शुरुआत के लिए ऊर्जा के साथ युवा नहीं करते हैं। ऐसे में उन खुशी व ऊर्जा की खोज शरीर खाने के रूप में करता है। अगर आप बारीकी से देखेंगे तो समझ पाएंगे कि नींद की कमी होने पर हमें अक्सर उन फूड आइटम्स की क्रेविंग्स होती है, जो तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं- चीनी, कैफीन और कई तरह के प्रोसेस्ड जंक फूड।
4. भोजन में पर्याप्त प्रोटीन है?
यदि आपने बैलेंस मील लिया है तो आपको बार-बार खाने की इच्छा महसूस होना या फिर फूड क्रेविंग्स होने की संभावना कम है। अगर लोगों की खाने की आदत के तरीके को ध्यान से समझा जाए तो यह स्पष्ट हो जाता है कि भोजन के दौरान पर्याप्त प्रोटीन ना लेना या कार्बोहाइड्रेट का अत्यधिक सेवन अक्सर दिन के अंत में कार्बोहाइड्रेट की खपत में वृद्धि या रात के खाने के दौरान ओवरईटिंग का कारण बनता है। अलग-अलग चीजों के प्रति खाने की लालसा आपके भोजन की गुणवत्ता को भी प्रभावित करती है। मैक्रोन्यूट्रिएंट्स को सही अनुपात में लेने से आपको काफी फायदा मिल सकता है।
यदि आपको बार-बार भूख लगती हैं तो आप गुनगुना पानी पीने की आदत डालें। एक बार में पूरा गिलास पीने की आवश्यकता नहीं है बल्कि घूंट-घूंट कर पानी पीयें इससे आपकी भूख थोड़े समय के लिए दब जाती है। इस तरह पानी पीने से आपकी पाचन शक्ति मजबूत बनती है। इसके अतिरिक्त अपनी बेवजह भूख या मंचिंग करने की आदत को कम करने के लिए आप बीच-बीच में कोई फल या नट्स ले सकते हैं। आपके तीनों समय के भोजन में जितना लंबा अंतराल होगा वह आपको अच्छा स्वास्थ और लंबी आयु देगा।
