एक बार एक आदमी बैलगाड़ी में बहुत सारा सामान लादकर ले जा रहा था। जब-जब उसकी बैलगाड़ी के पहिए किसी गड्ढे या दलदल में फँसते, तो वे बड़े जोर की आवाज करने लगते।

गाड़ीवान बड़ी देर से यह देख रहा था।आखिर उससे रहा न गया। उसने उन पहियों को फटकारते हुए कहा, “अरे, तुम इतनी आवाज क्यों कर रहे हो? तुम पर तो इतना ज्यादा वजन भी नहीं है,
जबकि जिन बैलों के ऊपर इतना बोझ है, वे तो एकदम शांत होकर चल रहे हैं।” सुनकर पहिए उस समय तो चुप हो गए, पर थोड़ी देर बाद फिर उसी तरह ची-चीं करने लगे। यह देखकर गाड़ीवान पहले खीजा, फिर हँस दिया। वह सोचने लगा कि अक्सर वे ही लोग ज्यादा शोर मचाते हैं, जिन्हें कम मुसीबत झेलनी पड़ती है, जबकि ज्यादा कष्ट झेल रहे लोगज्यादातर शांत ही रहते हैं।
सीख : धीरजवान लोग कम शोर मचाते हैं। और ज्यादा काम करते हैं।
