Government Marriage Scheme: बेटी के जन्म पर जहां एक ओर खुशियां मनाई जाती हैं, वहीं दूसरी ओर माता-पिता उसकी शादी के लिए चिंता करना भी शुरू कर देते हैं। बेटी की शादी करना एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। इसके लिए माता-पिता वर्षों तक पैसा इकट्ठा करते हैं और तमाम तरह की योजनाएं बनाते हैं। महंगाई के इस दौर में शादी का खर्च वहन करना हर किसी के वश में नहीं होता। अगर परिवार गरीब या आर्थिक रूप से कमजोर है, तो उसके लिए ये समस्या और भी बड़ी परेशानी बन जाती है।
ऐसे परिवारों की बेटियों की शादी में कोई कमी न रह जाए, इसलिए अधिकांश राज्यों की सरकारें बेटियों के लिए विवाह के लिए योजनाएं चला रही हैं। कन्या विवाह योजना के तहत सरकारें आर्थिक मदद प्रदान करती हैं। ये मदद सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति सभी वर्गों के गरीब परिवारों की उपलब्ध कराई जाती है। अगर आप भी किसी ऐसे परिवार को जानते हैं, जिसमें बेटी की उम्र शादी की हो गई है और उन्हें आर्थिक मदद की जरूरत है, तो आप इस योजना के बारे में उन्हें बताकर मदद कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार देती है 51,000 की मदद

गरीब बेटियों और तलाकशुदा महिलाओं की शादी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का संचालन करती है। इस योजना के तहत बेटियों की शादी के लिए कुल 51,000 रुपए की राशि प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 35 हजार रुपए की राशि बेटी के बैंक अकाउंट में सीधे ट्रांसफर की जाती है। 10 हजार रुपए की राशि शादी के खर्च और उपहार के लिए दी जाती है। शेष 6000 रुपए की राशि विवाह खर्च के लिए सामूहिक विवाह आयोजन कराने वाली संस्था को दिए जाते हैं। पहले इस योजना के तहत कुल 35 हजार रुपए दिए जाते थे, लेकिन अब इस राशि को बढ़ाकर 51 हजार कर दिया गया है। राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना हेतु 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
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मध्य प्रदेश सरकार भी करती है मदद

मध्य प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग निराश्रित, निर्धन कन्या, विधवा, तलाकशुदा महिलाओं के विवाह के लिए आर्थिक मदद प्रदान करता है। इस योजना की शुरुआत 2006 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के नाम से की गई थी। इस योजना के तहत मध्य प्रदेश में रहने वाली उन बेटियों को मदद दी जाती है, जिनकी उम्र 18 साल पूरी हो गई है। सरकार की ओर से कुल 55 हजार रुपए की मदद दी जाती है। इसमें 49 हजार रुपए बेटी की गृहस्थी बसाने में मदद के लिए दी जाती है, जबकि 6 हजार रुपए सामूहिक विवाह का आयोजन करने वाली संस्था को दिए जाते हैं। मध्य प्रदेश सरकार विवाह वाले दिन 38000 रुपए की उपहार सामग्री देती है। इसके अलावा 11000 रुपए का चेक नव-दंपत्ति को दिया जाता है।
राजस्थान सरकार ने बढ़ाया बजट

राजस्थान सरकार बीपीएल परिवारों की बेटियों और ऐसे परिवार जिनमें कोई कमाने वाला व्यक्ति नहीं है, उन्हें कन्या विवाह के लिए सहायता राशि प्रदान करती है। यह आर्थिक सहायता 31 हजार रुपए से लेकर 41 हजार रुपए तक है। प्रत्येक परिवार को केवल दो बटियों के विवाह के लिए ही ये मदद दी जाती है। राजस्थान कन्यादान योजना 2023 के तहत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 24 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट को मंजूरी दी है। सरकार की इस योजना से परिवारों को अपनी बेटी के विवाह के लिए किसी पर नर्भर नहीं रहना होगा।
बिहार सरकार खाते में जमा करती है पैसा

बिहार सरकार भी गरीब और वंचित परिवारों की बेटियों की शादी के लिए पैसा देती है। इस योजना का नाम मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना है। योजना के तहत राज्य सरकार बीपीएल श्रेणी में आने वाले परिवारों की गरीब बेटियों की शादी में आर्थिक मदद करती है। सरकार बेटियों के अकाउंट में पांच हजार रुपए जमा करती है। इसलिए ये जरूरी है कि बेटी के नाम पर बैंक खाता होना चाहिए। इस योजना का संचालन समाज कल्याण विभाग द्वारा किया जाता है। इस योजना के तहत 60,000 रुपए की वार्षिक आय वाले परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाती है।
हिमाचल में मिलते हैं 50 हजार रुपए

हिमाचल प्रदेश सरकार 15 हजार रुपए वार्षिक आय वाले गरीब परिवारों को बेटी के विवाह के लिए एकमुश्त 50,000 रुपए की धनराशि प्रदान करती है। सामान्य श्रेणी के बीपीएल परिवार को दो बेटियों की शादी के लिए आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाती है। बेटी की शादी जिस वर्ष में होती है, मदद के लिए उसी वर्ष आवेदन करना होता है।
