World Book Day: कहा जाता है कि किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। ये हमें बिना शर्त अपना सब कुछ देती हैं। आपके पास जितना ज्यादा ज्ञान होगा, आपकी सोच उतनी ही विकसित होगी। शायद यही कारण है कि दुनियाभर के सफल लोगों में किताबें पढ़ने की आदत कॉमन है। दुनियाभर में हर साल 23 अप्रैल को वर्ल्ड बुक एंड कॉपीराइट डे मनाया जाता है। इस साल की थीम है “स्वदेशी भाषाएं”। चलिए जानते हैं आखिर क्यों हैं किताबें हमारे लिए जरूरी।
बढ़ती है एकाग्रता
किताबें पढ़ने से हमारी एकाग्रता बढ़ती है। जब हम कोई बात ध्यान से पढ़ते हैं तो उस पर फोकस करते हैं और इसी के साथ हमारी एकाग्रता की प्रवृत्ति बढ़ती है। इसलिए सफल होने वाले लोग रोज पढ़ने की आदत डालते हैं। इतना ही नहीं पढ़ने से हमारा ब्रेन एक्टिव होता है, जिससे वह स्वस्थ रहता है।
कम होता है तनाव
अगर आप किताब ध्यान से पढ़ रहे हैं तो आप उसमें खो जाते हैं। आप इधर-उधर की बातों से दूर हो जाते हैं रिलेक्स महसूस करते हैं। ऐसे में आपकी थकान उतर जाती है। आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि वे सोने से पहले किताब पढ़ना पसंद करते हैं। इसका एक कारण है आप ऐसा करने से टेंशन फ्री हो जाते हैं। आपके दिमाग की थकान कम होने से नसें शांत रिलेक्स होती हैं, जिससे नींद अच्छी आती है। इसलिए सोने से पहले एक घंटे किताबें पढ़ने की सलाह दी जाती है। द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजिंग के अनुसार दिमाग को व्यस्त रखने के लिए किताबें और मैगजीन्स पढ़ना सबसे अच्छी एक्सरसाइज है।
हमेशा रहेंगे सबसे आगे
आप जितना पढ़ेंगे आपकी जानकारी उतनी ही बढ़ेगी। आपको नई नई बातें पता चलेंगी, नए नए शब्दों का ज्ञान होगा, जीने के नजरिए में बदलाव होगा। ये सभी बातें कहीं न कहीं आपको दूसरों से हमेशा आगे रखेंगी। आपके विचार और आइडियाज पर भी इसका असर दिखेगा। इतना ही नहीं आप अपनी बात दूसरों के सामने खुलकर रखने में भी सक्षम होंगे। क्योंकि लगातार पढ़ने से कहीं न कहीं आपमें आत्मविश्वास आता है। जब आपको किसी बात की जानकारी है तो आप उसपर बोलने से झिझकते नहीं हैं। याद रखें आपका ज्ञान हमेशा आपका ही रहता है, उसे कोई आपसे छीन नहीं सकता।
बढ़ती है याददाश्त
आपने देखा होगा कि कुछ लोगों को बातें बहुत ज्यादा याद रहती हैं। वे आम बोलचाल में भी श्लोकों, मुहावरों, दोहों का उपयोग बहुत ही सहजता के साथ कर लेते हैं। वहीं कुछ लोग बोलते समय शब्द तक भूल जाते हैं। दरअसल, यह अंतर है किताबें पढ़ने का। जो लोग हमेशा किताबें पढ़ते रहते हैं या रीडिंग जिनकी आदत है, उनकी याददाश्त काफी अच्छी होती है। क्योंकि आप किताब पढ़ते समय कई सारे किरदारों, पृष्ठभूमि, किस्सों को याद रखते हैं। ऐसे में आपका दिमाग वैसे ही विकसित हो जाता है और आप बातों को ज्यादा सहजता से याद रख पाते हैं। रश यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर की स्टडी के अनुसार जिन लोगों में किताबें-मैगजीन पढ़ने की आदत होती है, उनमें डिमेंशिया होने की आशंका कम होती है।
नहीं सताएगा अकेलापन
वर्चुअल दोस्ती के इस आभासी युग में किताबें आपका साथ पूरी ईमानदारी से निभाएंगी। ये कभी आपको अकेलापन महसूस नहीं होने देंगी। अगर आप कभी उदास हैं या अकेला महसूस कर रहे हैं तो किताब के कुछ पन्ने पढ़ें, आप रिलेक्स हो जाएंगे। ये न सिर्फ आपकी बोरियत दूर करेंगी, बल्कि आपका मूड भी ठीक करती हैं।