बचपन से ही डालें बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत
आप जितना सोचते हैं, उतना मुश्किल नहीं है बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत विकसित करना।
Reading Habits: आजकल बच्चों की किताबें पढ़ने में रूचि कम हो गई है। दरअसल, फ़ोन और कंप्यूटर के ज्यादा उपयोग से बच्चे किताबों से दूर होते जा रहे हैं। लेकिन, बच्चों के लिए किताबें पढ़ना बहुत जरूरी हैं, क्योंकि अगर बचपन से किताबें पढ़ने की आदत रहेगी तभी आगे जाकर रीडिंग को लेकर कॉन्फिडेंस बढ़ेगा, अच्छा लिख सकेंगे और अपने दोस्तों के बीच बेहतर रीडर साबित होंगे। वैसे तो बच्चों की किताब पढने की आदत 4-5 साल की उम्र से ही बन जानी चाहिए। लेकिन, कई बार बच्चे पेरेंट्स की कोशिशों के बाद भी किताब पढ़ने में ज्यादा रूचि नहीं लेते। अगर आपके बच्चे की भी 7-8 या 10 साल की उम्र तक भी किताब पढने की आदत नहीं बनी है, तो कोई बात नहीं, अभी भी देरी नहीं हुई है। चलिए हम बताते हैं की किस तरह से आप उसकी किताबें पढ़ने की आदत डालें-
बच्चों के सामने रीडिंग करें

बच्चे पेरेंट्स को ही अपना रोल मॉडल मानते हैं और उन्हें ही फॉलो करने की कोशिश करते हैं। इसलिए आप खुद उनके सामने किताबें पढ़ें, फिर वो खुद ही धीरे-धीरे किताब पढ़ने में इंटरेस्ट लेने लगेंगे। किताबें पढ़ना अपने रूटीन का हिस्सा बनाएं। रात में सोने के पहले आदत बनाइए कि कम से कम 30 मिनट कोई किताब जरूर पढ़ें।
खुद किताब से पढ़कर कहानियाँ सुनाएँ

बच्चों को किताबों से दोस्ती कराने का सबसे आसान तरीका है कि उन्हें खुद किताब से पढ़कर कहानी सुनाएँ। कहानी सुनते सुनते बच्चे किताब में खोने लगते हैं। ध्यान रखें की आपके कहानी सुनाने का तरीका भी ऐसा हो जिससे उनकी उत्सुकता बढती रहे और बोरियत नहीं हो। अगर उत्सुकता बनी रहेगी तो फिर आप नहीं सुनाएंगी तो भी वो खुद किताब पढ़कर आगे की कहानी जानने की कोशिश करेंगे।
उपहार में किताबें दें
बच्चों को तोहफे हमेशा अच्छे लगते हैं, चाहे उनका जन्मदिन हो या फिर सरप्राइज। बच्चों को किताबें उपहार में दें साथ ही उन्हें दोस्तों को किताबें उपहार में देने का महत्त्व समझाएं। शुरू में हो सकता है उन्हें आपका गिफ्ट पसंद नहीं आए लेकिन आप हमेशा ही गिफ्ट में किताबें देते रहें। कुछ समय बाद वो किताब पाकर खुश होने लगेंगे।

लाइब्रेरी लेकर जाएं

अगर बच्चे आपकी कोशिशों के बाद भी किताब पढ़ने में रूचि नहीं लेते हैं, तो आप उन्हें बुक लाइब्रेरी लेकर जाएं। लाइब्रेरी में दूसरों को किताबें पढ़ते देख उनको भी किताबें पढने का मन होगा। वो वहां पर अपनी पसंद की किताबें भी ढूंढ सकेंगे। कोशिश करें की हर वीकेंड पर बच्चे को अच्छे पुस्तकालय ले जाएं। किताबें देखकर बच्चा अपनी रूचि से बुक्स को चुन सकेगा।
गोल सेट करें और रिवॉर्ड दें
बच्चों को हर सप्ताह या 15 दिन में एक छोटी किताब पढ़ने का टारगेट दें और अगर वो पूरा करते हैं तो उन्हें उसके लिए रिवॉर्ड दें। इससे उनकी रिवॉर्ड पाने के लिए धीरे-धीरे बुक पढ़ने की आदत बनती जायेगी।

अगर आपका बच्चा भी किताब पढ़ने से भागने की कोशिश करता है, तो आप इन तरीकों को अपनाकर देखें।