Kartik Purnima 2024
Kartik Purnima 2024

Kartik Purnima 2024: इस साल 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा मनाया जा रहा है। कार्तिक पूर्णिमा हिंदुओं के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। कार्तिक पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा भी कहते हैं। सभी पुर्णिमाओं में कार्तिक मास की पूर्णिमा को बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसे देव दीपावली भी कहा जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही माता लक्ष्मी में माता तुलसी का अवतरण दिवस मनाया जाता है और आज के दिन ही सिखों के प्रसिद्ध गुरु गुरु नानक देव जी का जन्म दिवस भी मनाया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा क्यों महत्वपूर्ण है।

कार्तिक पूर्णिमा आखिर इतना महत्वपूर्ण दिवस क्यों है?

हिंदू धर्म में अनेकों त्योहार हैं और हर त्यौहार के पीछे कोई ना कोई पुरानी कथाएं जरूर जुड़ी होती हैं।कार्तिक पूर्णिमा के पीछे भी कई छोटी बड़ी कथाएं जुड़ी हुई हैं जिनमें एक बहुत ही महत्वपूर्ण कथा है। एक समय त्रिपुरासुर नामक एक बहुत ही शक्तिशाली राक्षस था। वह दिनों-दिन और शक्तिशाली होता जा रहा था।
उसने अपने लिए तीन नगरी बनाया था ।एक सोने की, एक चांदी की और एक लोहे की। अपनी शक्तियों से वह देवताओं को परेशान करता रहता और उन्हें पराजित कर दंडित किया करता था। देवता उससे परेशान हो गए थे।अंत में वह भगवान महादेव के पास त्रिपुरासुर से मुक्ति के लिए गए। भगवान शिव ने उनकी प्रार्थना सुन ली। उन्होंने त्रिपुरासुर का वध किया और उसके सोने चांदी और लोहे के तीनों नगरों को एक ही बाण से नष्ट कर दिया। उसके मरते ही देवताओं में खुशी छा गई। भगवान महादेव को त्रिपुरारी इसीलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने त्रिपुरासुर का वध किया था। भगवान विष्णु ने उन्हें इस नाम से अलंकृत किया था। इस दिन त्रिपुर असुर का वध हो गया था इसी खुशी में देवताओं ने खुशी से दीप जलाकर दीपावली मनाई थी।

Read Also: क्यों खास है कार्तिक पूर्णिमा, क्या होता है दीपदान: Dev Diwali Importance

आज के दिन देवी तुलसी का जन्म

ऐसी मान्यता है की देवी तुलसी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही हुआ था। इसी कारण पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी का सेवन करना ,तुलसी का पौधा लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है।

गुरु नानक सिंह देव जी का अवतरण दिवस

कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही सिक्खों के प्रथम गुरु गुरु नानक सिंह देव जी का जन्मदिन जन्म भी हुआ था। उन्होंने सिख धर्म की बुनियाद रखी और गुरु ग्रंथ साहब की नींव रखी थी।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए

  • कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के साथ गंगा त्यौहार भी कहा जाता है।
  • आज के दिन गंगा में स्नान करने का बहुत ही ज्यादा महत्व है।
  • गंगा नदी के साथ साथ अन्य पवित्र नदियों या बहते हुए जल में स्नान करने की परंपरा है।
  • इसके साथ ही आज के दिन पूजा और दान का भी महत्व है।

कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली भी कहते हैं

  • आज के दिन दीपदान का महत्व है। आज के दिन घर और मंदिरों में दिए जलाए जाते हैं।
  • कार्तिक पूर्णिमा अंधेरे पर उजाले का, बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी इसलिए देवताओं ने आज के दिन दीपावली मनाकर खुशियां मनाई थी, इसी कारण इसे देव दीपावली भी कहा जाता है।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए

  • आज के दिन भगवान विष्णु, भगवान शिव और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
  • माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना चाहिए। उन्हें पीली कौड़िया अर्पित करनी चाहिए।
  • ऐसी मान्यता है कि माता लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी इसलिए माता लक्ष्मी को कौड़ियां , शंख और समुद्री चीजें बहुत ही ज्यादा पसंद है इसलिए माता लक्ष्मी को कौड़ी, सीपी आदि जरूर अर्पित करनी चाहिए।
  • उनका पसंदीदा भोजन खीर है इसलिए उन्हें खीर चढ़ाना चाहिए।
  • आस्था ,विश्वास और आध्यात्म का पर्व है कार्तिक पूर्णिमा।
  • जीवन में सदाचार और पवित्रता पानी के लिए जरूर कार्तिक पूर्णिमा का व्रत करना चाहिए।