How to Handle Teenagers: 13 साल, यह सिर्फ एक उम्र नहीं बल्कि बच्चों का ट्रांजिशन फेज है। जिसमें बच्चा किशोर अवस्था में प्रवेश करता है। माता-पिता अक्सर इस उम्र में बच्चों में बहुत से बदलाव देखे हैं। जैसे, बच्चा पहले से ज्यादा जिद्दी हो गया है, बातें नहीं मानता, मनमानी करता है इत्यादि। आखिर इस […]
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पेरेंट्स ले रहे हैं टीनेजर्स के लिए लाइटहाउस पेरेंटिंग का सहारा, जानें क्या है ये: Lighthouse Parenting Reason
पिछले कुछ समय से पेरेंट्स स्वंय के और बच्चों के बीच का सामांजस बैठाने के लिए लाइटहाउस पेरेंटिंग का सहारा ले रहे हैं।
बच्चे की जिंदगी का सबसे अहम पड़ाव है टीनएज, हर पेरेंट को बदलने चाहिए परवरिश के तरीके: Teenagers Upbringing Tips
Teenagers Upbringing Tips: हर माता-पिता अपने बच्चे की अच्छी से अच्छी परवरिश करना चाहता है। वे चाहते हैं कि उनके बच्चे को भरपूर प्यार के साथ अनुशासन में रखें, जिससे उसका भविष्य संवर सके। लेकिन अक्सर माता-पिता एक बड़ी गलती कर देते हैं। वे बच्चे के बड़े होने के साथ-साथ अपनी पेरेंटिंग स्टाइल और पैटर्न […]
इन कारणों से टीनएजर्स बना लेते हैं माता-पिता से दूरी: Teenagers Behavior Changes
Teenagers Behavior Changes: टीनएज 12 -18 साल की उम्र की अवस्था है, जिसमें बच्चों का विकास शारीरिक और मानसिक तौर दोनों तरह से हो रहा होता हैI ये वो समय होता है जब बच्चे के शरीर में हार्मोन डेवलप हो रहे होते हैंI इस अवस्था में बच्चों का मूड भी तेजी से स्विंग कर रहा […]
बेटी अगर हो गई है टीनएजर, जरूर समझाएं उसे ये 5 बातें, बेहतर भविष्य के साथ आसान हो जाएगी जिंदगी: Teenage Talks
टीनएज में जाते ही ना सिर्फ बच्चों का बचपन खत्म हो जाता है, बल्कि उनकी जिंदगी और शरीर में भी कई बदलाव देखने को मिलते हैं। खासकर लड़कियों को टीनएज में कई चैलेंजेस से गुजरना पड़ता है।
टीन एजर्स और फ्रीडम
जब हमारे बच्चों की उम्र 13 से 19 वर्ष के बीच की होती है तो वह उम्र किशोरावस्था कहलाती है। इस उम्र में बच्चे बड़े होने लगते हैं। बच्चों में कभी कभी बचपना तो कभी कभी मैच्योरिटी झलकती है। इस समय बच्चों में कई तरह के शारिरीक बदलाव भी होने लगते हैं।
पेरेंट्स इन ख़ास तरीकों से किशोरावस्था में बच्चों का डिप्रेशन कम कर सकते हैं
आमतौर पर देखा गया है कि माता-पिता अपने किशोरावस्था की और बढ़ते बच्चे के बारे में बहुत ज्यादा चिंतित काफी चिंतित रहते हैं। बदलती जीवनशैली कहें , अनुचित खान – पान या फिर प्रतिस्पर्धा का माहौल बच्चे जाने अंजाने डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। कई बार ये डिप्रेशन इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि किशोर आत्महत्या जैसा बड़ा कदम तक उठा लेते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि बच्चों को डिप्रेशन की स्थिति से बचाने के लिए उनका हर काम में पूरा सहयोग दें।
टीनएज पेरेंटिंग के मूल-मंत्र
अगर आप एक टीनएज बच्चे के अभिभावक हैं तो हम समझ
सकते हैं कि यह आपके लिए कितना संवेदनशील समय है। जानिए हमारे एक्सपर्ट से कुछ उपयोगी टिप्स….
