पेरेंट्स ले रहे हैं टीनेजर्स के लिए लाइटहाउस पेरेंटिंग का सहारा, जानें क्‍या है ये: Lighthouse Parenting Reason
Light House Parenting for Teenagers Credit: Istock

Lighthouse Parenting Reason: किसी बच्‍चे का पालन-पोषण करना बेहद कठिन काम है।  खासकर आज के युग में जहां बच्‍चे मां-बाप की बातों को इग्‍नोर कर अपनी जिंदगी में व्‍यस्‍त रहना पसंद करते हैं। लेकिन हर पेरेंट्स को अपने बच्‍चे के बेहतर भविष्‍य की चिंता होती है। यही वजह है कि माता-पिता बच्‍चों की जिंदगी को स्‍वयं के नियमों से चलाने का प्रयास करने लगते हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से पेरेंट्स स्‍वंय के और बच्‍चों के बीच का सामांजस बैठाने के लिए लाइटहाउस पेरेंटिंग का सहारा ले रहे हैं। आखिर ये लाइटहाउस पेरेंटिंग क्‍या है और ये टीनेजर्स को कैसे प्रभावित करती है चलिए जानते हैं इसके बारे में।

Also read: बच्चे में क्यों बढ़ रही है जलन और दूरी की भावना? जानें कारण व उपाय: Parenting Advice

क्‍या है लाइटहाउस पेरेंटिंग

Lighthouse Parenting Reason-लाइटहाउस पेरेंटिंग के फायदे
What is lighthouse parenting

लाइटहाउस पेरेंटिंग का मतलब है संतुलन यानी बच्‍चे को अपना रास्‍ता खुद खोजने की अनुमति देते हुए पेरेंट्स दिशा प्रदान करते हैं। पेरेंट्स इसके तहत बच्‍चे को सुरक्षित तरीके से अपना कैरियर बनाने की प्रेरणा देते हैं लेकिन उनका साथ नहीं छोड़ते। इसमें बच्‍चे का समर्थन करते हुए उन्‍हें खुद के लिए सही और गलत चुनने की स्‍वतंत्रता दी जाती है। जो लोग इस स्‍ट्रेटजी का इस्‍तेमाल करते हैं वे अपने बच्‍चे को ग‍लतियां करने, अपनी बात बताने और पूछताछ की आजादी देते हैं। ये तरीका बच्‍चे में आत्‍मविश्‍वास की भावना को बढ़ावा देता है।

लाइटहाउस पेरेंटिंग के बेनिफिट्स

लाइटहाउस पेरेंटिंग का सबसे बड़ा और अहम फायदा यह है कि ये बच्‍चों के आत्‍मविश्‍वास को बढ़ाकर पॉजेटिव इम्‍पेक्‍ट डालता है। इसके तहत पेरेंट्स बच्‍चों के लिए कुछ नियम और सीमाएं निर्धारित करते हैं जिससे बच्‍चे को डिसीप्‍लीन में रहकर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।

पेरेंट्स का समर्थन

लाइटहाउस पेरेंटिंग के फायदे
parental support

बच्‍चों को आगे बढ़ने के लिए पेरेंट्स का सपोर्ट यानी समर्थन की आवश्‍यकता होती है। इस पेरेंटिंग टेक्‍नीक से पेरेंट्स बच्‍चों के फ्यूचर को लेकर खुलकर बात करते हैं। जब बच्‍चे बिना किसी डर के पेरेंट्स से बात करते हैं तो दोनों के बीच का रिश्‍ता अधिक मजबूत होता है। बच्‍चों का आत्‍मविश्‍वास इस बात पर बढ़ता है कि उनके पेरेंट्स उनके डिसीजन का सम्‍मान करते हैं और उनपर विश्‍वास करते हैं। पेरेंट्स का ये एटीट्यूड बच्‍चे को आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान करता है।

Also read: इन 5 तरीकों से बेटी को बताएं वह कितनी खास है: National Daughters Day

सीमाएं निर्धारित करना

बच्‍चों को आगे बढ़ने के लिए आजादी देना सही है लेकिन उनके लिए सीमाएं निर्धारित करना भी बेहद जरूरी है। बच्‍चे अपनी हद में रहकर काम करते हैं और इस नियम का पालन करते हैं। लाइटहाउस पेरेंटिंग के तहत पेरेंट्स बच्‍चे से सवाल-जवाब कर सकते हैं। इसके माध्‍यम से बच्‍चे आत्‍मविश्‍वास और स्‍वतंत्रता जैसे जीवन कौशल सीखते हैं। पेरेंट्स का साथ और विश्‍वास बच्‍चे को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

बच्‍चे को मिलती है मदद

ये पेरेंटिंग स्‍टाइल मुख्‍य रूप से अपने बच्‍चे को अनुकूल परिस्थितियों में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। साथ ही बच्‍चे को बताती है कि जरूरत पड़ने पर बच्‍चा पेरेंट्स से मदद ले सकता है। इससे बच्‍चों की झिझक खुलती है और वह खुलकर बात करना व अपनी भावनाओं को व्‍यक्‍त करना सीखते हैं। इस पेरेंटिंग स्‍टाइल के माध्‍यम से बच्‍चे को बड़ी चुनौतियों के लिए तैयार किया जा सकता है।