हम यह आलेख एक प्रश्नोत्तरी के साथ शुरू करते हैं। सवाल यह है- उच्च पोटेशियम वाले खाद्य पदार्थ से आपको क्या फायदा पहुंच सकता है? आपके लिए निम्नलिखित विकल्प है—
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शेफ से जानें दिल का हाल
भारत में दिल के मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है और इसका सबसे बड़ा कारण है जीवनशैली में आया बदलाव। ऐसे में जरूरी है कि दिल को स्वस्थ रखने के लिए खानपान पर ध्यान दें। फैमिली डाइट क्लीनिक की डायटिशियन श्रेया कहती हैं कि डेली रूटीन में एंटीऑक्सीडेंट्स, फैट कम करने में सहायक हैं। इसलिए दिन में कम से कम एक कप ग्रीन टी पीने से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
30 प्लस की उम्र के बाद भी किस तरह रखें खुद को फिट और एक्टिव
आजकल के लाइफस्टाइल की वजह से कम उम्र में ही ज्यादातर लोगों को कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए जरूरी है कि अपने आपको पहले से फिट रखा जाए। आइए जानते हैं अर्बन अखाड़ा के को-फाउंडर व हेड कोच विकास डाबास से कैसे अपने आपको 30 प्लस की उम्र में फिट रखा जाए:
गुड़हल का फूल कई बीमारियों से दिलाए छुटकारा
गुड़हल का फूल जितना दिखने में खूबसूरत लगता है, उतना ही यह पोषक तत्वों से भरपूर भी है। हम अक्सर गुड़हल के फूल को भगवान को अर्पित कर सुख-सम्पति और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि गुड़हल का फूल हमारे हेल्थ के लिए कितना लाभकारी है। इसमें मौजूद विटामिन सी, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट हमें कई बीमारियों से दूर रखता है। आइए जानते हैं इसके फायदे के बारे में:
क्या आपके दिल को सिर्फ कोलेस्ट्रॉल से डरना चाहिए?
अपनी पूरी जिंदगी हम यह मानते हैं कि कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग का एकमात्र कारण है। वास्तव में यह आम धारणा है कि शरीर में बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल हमारे हृदय की धमनियों को अवरुद्ध करने के लिए जिम्मेदार हैं, जिसके चलते अक्सर सीने में दर्द होता है और चरम मामले में दिल का दौरा पड़ता है। बहरहाल, सच्चाई इससे कहीं ज्यादा जटिल है।
वजन कम करने के लिए डाइट में शामिल करें हाई फाइबर फूड
फाइबर पाचन शक्ति को मजबूत करता है और भोजन को पचाने में मदद करता है। साथ ही शरीर के मेटाबोलिज्म को भी बढ़ाता है, जिससे वजन कम होने में मदद मिलती है। फाइबर एक तरह का कार्बोहाइड्रेट है जो भोजन के पाचन में मदद करता है।
क्या आपका बच्चा ठीक से खाना नहीं खाता…..जानें भूख बढ़ाने के कुछ सरल घरेलू नुस्खे
आपका बच्चा भी खाना खाने से कतराता है और उसे भूख कम लगती है तो परेशान होने की जगह आजमाएं ये आसान नुस्खे……
जानें क्या है वसा का वैकल्पिक स्रोत
चिकनाई से खाने में स्वाद आता है। हममें से तकरीबन हर कोई यही कहेगा। मगर फिर भी वर्षों से इसे गलत कहा जाता रहा है। अब हम चिकनाई या वसा शब्द सुनते हैं, तो हम खुद-ब-खुद इसे गलत मानने लगते हैं और लगातार चिकनाई रहित भोजन की तलाश करते रहते हैं। पर एक अनुसंधान के तहत यह सलाह दी गई है कि चिकनाई ठीक है, मगर आपको इसके सही प्रकार को ग्रहण करना होगा।
ये खाद्य पदार्थ रखेंगे डिप्रेशन की समस्या से दूर ….
जीवन में कभी -कभी नकारात्मक विचार आना स्वाभाविक है। लेकिन जब ये प्रक्रिया आपकी दैनिक गतिविधियों का हिस्सा बन जाए तो संभल जाइए क्योंकि आप डिप्रेशन का शिकार भी हो सकते हैं …..
हृदय का स्वास्थ्य- कुकिंग ऑयल खरीदने से पहले इन पांच ज़रूरी बातों का रखें ध्यान
कसी भी भारतीय घर में, खाना पकाने का तेल पहली चीज है, जो खाना बनाते समय कड़ाही में डाली जाती है। खाना पकाने का तेल वसा (फैट) से बने होते हैं, जिनमें से कुछ हमारे लिए अच्छे होते हैं और कुछ नहीं। क्या इसका यह मतलब है कि खाना पकाने का तेल पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए? नहीं। बल्कि हमें यह विस्तार से जानना चाहिए कि खाना पकाने का तेल आखिर किन चीज़ों से बना हुआ है। जहां मार्केट में बड़ी संख्या में ऐसे खाना पकाने के तेल मौजूद हैं, जो एक-दूसरे की तुलना में बेहतर होने का दावा करते हैं, वहां यह जानना बेहद महत्वपूर्ण है कि आपके पास खाना पकाने के तेल को लेकर सही जानकारी हो। जब आप सही खाना पकाने का तेल चुनते हैं, तो आप यह सुनिश्चित होना चाहिए कि आपके द्वारा बनाया गया खाना स्वस्थ है और स्वाद में किसी समझौते के बिना आप की सेहत का ध्यान भी रखता है कि नहीं।
