Posted inहिंदी कहानियाँ

बोझिल पलकें, भाग-15

एक अपराधी की जिंदगी जीने को मजबूर अजय के लिए अंशु उम्मीद की वह किरण थी, जिसके भरोसे पर वह सोच रहा था कि एक दिन वह इस अपराध की अंधेरी दुनिया को छोड़कर उजालों में सांस लेगा। पर क्या ये इतना आसान था?

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