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नर्बदा दीदी-21 श्रेष्ठ नारीमन की कहानियां पंजाब

Nariman ki kahani-कमाल टॉकीज चौक उसका पक्का अड्डा था। वह पिछले पहर यहां आती और चौक में इधर-उधर खड़ी रहती। कभी-किसी मोची से अपने सैंडल पॉलिश करवाने लगती. कभी साइकिल की दकान पर खडे होकर. वहां के नौकर से इस प्रकार बतियाती. मानो वह उसकी साइकिल का पंचर लगा रहा हो और तो और कभी […]

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नकाब-गृहलक्ष्मी की कहानियां

नकाब-सर्दियों की कोमल और गुनगुनी सुबह थी। दोपहर होने को चली थी पर अभी भी शरीर में कपकपी दौड़ रही थी।  जिस प्रकार नई नवेली दुल्हन का घूंघट से चेहरा देखने को सब लालायित रहते हैं उसी प्रकार सूर्य के दर्शन के लिए सभी बहुत तत्पर है। मैं अखबार की ताजा खबरों का आनंद ले […]

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आज की शबरी-गृहलक्ष्मी की लघु कथा

Short Story-अपनी मित्र कजरी के घर के मेन गेट की घंटी बजाते बजाते मेरी नजर बेर के उस पेड़ पर अटक गई, जो लगा तो बाजू वाले घर में था पर उसका पूरा हिस्सा बाउंड्री वॉल के इस तरफ याने कजरी के आंगन में था गेट खोलते कजरी बोली, क्या सोचने लगी। मैंने कहा… ‘ऐसे ही […]

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कुल्फी-21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां गुजरात

एक थी लड़की। नाम था शुचि। होगी लगभग आठ साल की। चौथी कक्षा में पढ़ती थी। वह चौथी कक्षा में आई तब उसकी मम्मी को टी. बी. (क्षयरोग) हुआ। अतः वह टी. बी. हॉस्पिटल में थी। शुचि नाना और नानाजी के पास रहती थी। उसके पप्पा दूर किसी गांव में शिक्षक की नौकरी करते थे। […]

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कल रात-गृहलक्ष्मी की कहानियां

कल रात- आज शाम से ही ना जाने क्यों….? बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। स्वाति भी बेचैनी से इधर उधर टहल रही है। कभी वह खिड़की के पास जा कर खड़ी  हो जाती, तो कभी गैलरी में, बचपन से ही स्वाति को बारिश की फुहारें पसंद है। बारिश की फुहारों से चेहरे […]

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भीमादेव-21 श्रेष्ठ लोक कथाएं मध्यप्रदेश

भीमादेव-बहुत समय पहले की बात है। प्रलय के बाद धरती पानी में डूबी हुई थी। जैसे तूम्बा (सूखी हुई गोलाकार लौकी) पानी में तैरता रहता है, वैसे ही धरती भी पाने में तैर-उतरा रही थी। भगवान ने भीमादेव को भेजा कि धरती पर खेती करते हुए जीव-जंतुओं का विकास करे। भीमदेव ने पृथ्वी को पानी […]

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उपमन्यु की गुरुभक्ति

Guru Bhakti: आयोद धौम्य का एक शिष्य था-उपमन्यु। गुरु ने उसे गायें चराने की सेवा दी। उपमन्यु सारा दिन गायें चराता और शाम आश्रम पहुंच जाता। उसका शरीर हृष्ट-पुष्ट देखकर गुरु ने एक दिन पूछा:‘बेटा! तू रोज क्या खाता है?उपमन्यु: ‘गुरुदेव! भिक्षा में मुझे जो मिलता है वह खाता हूं।गुरु: ‘यह तो अधर्म है। भिक्षा […]

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त्याग का फल- 21 श्रेष्ठ लोक कथाएं झारखण्ड

त्याग का फल: बहुत पहले की बात है। एक गाँव में एक बूढ़ा और बुढ़िया रहते थे। उन्हें एक बेटा था। उन्होंने उसका नाम चतुर रखा था। वे बहुत गरीब थे। चतुर बहुत कम ही उम्र का था, तभी उसके माता-पिता मर गए। छोटी उम्र में ही चतुर को नौकरी करनी पड़ी। गाँव के कुछ […]

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बाघ और बिल्ली-21 श्रेष्ठ लोक कथाएं हिमाचल प्रदेश

बाघ और बिल्ली-मैं तुम्हें ही मार के खाऊंगा अब मौसी। तुम्हारा नर्म-नर्म मांस बड़ा ही स्वाद होगा। बाघ के बच्चे ने बिल्ली को खुंखार नजरों से घूरते हुए कहा। वह यह भी भूल गया था कि उसकी मां मरने पर बिल्ली ने ही उसे पाला-पोशा था। बिल्ली का तीसरा नेत्र खुला उसने सामने की ओर […]

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पानी में लागी आग रे-21 श्रेष्ठ नारीमन की कहानियां पंजाब

पानी में लागी आग रे-मुझसे या किसी से यह मत् पूछना कि सन सैंतालीस में रहमते को राम कौर बनाया गया था या राम कौर को रहमते। यह भी सवाल मत करना कि यह घटना पूर्वी पंजाब में घटी, जो अब स्वतंत्र हिन्दुस्तान का हिस्सा है या पश्चिमी पंजाब का, जो पाकिस्तान का भाग है। […]