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तुम्हारे लिए-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Love Story: रीना को अपने पति विशाल के संग पुणे आए अभी कुछ महीने ही बीते थे. विवाह के कुछ दिनों पश्चात ही रीना अपने पति विशाल के साथ यहां पुणे आ गई थी. बड़ा, संयुक्त परिवार और छोटे शहर से आई रीना के लिए यहां महानगर में स्वयं को एडजस्ट करना बड़ा ही […]

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दफ्तर से लौट कर घर के भीतर अभी-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Kahani: दफ्तर से लौट कर घर के भीतर अभी-अभी दाखिल हुए अनादि ने देखा कि मिशा को उसके आने का कोई भान ही नहीं है. वह गैलरी में लगे आराम कुर्सी पर गंभीर विचारणीय मुद्रा में बेखबर बैठी हुई है. शादी के करीब दस महीने बीत चुके थे लेकिन अनादि अब तक यह समझ […]

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बेटियों की मां-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Story of Mother: आज एक साथ अपने दोनों बेटे चिराग और दीपक का बड़े धूमधाम से बाजे-गाजे के संग, ब्याह कर शालिनी देवी फूले नहीं समा रही थी. उनकी दोनों बहुओं का पूरे रीति रिवाज के संग गृह-प्रवेश हुआ. गृह-प्रवेश के दिन घर के हर एक सदस्य ने दोनों बहुओं को अपने पलकों पर बिठा […]

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काॅफी शाॅप – गृहलक्ष्मी कहानियां

तकरीबन पिछले डेढ़ घंटे से काॅफी शाॅप पर बैठा दीपांकर ,राही का इंतजार कर रहा था। इस दौरान वह तीन कप काॅफी भी पी चुका था लेकिन अब तक राही का कोई पता नहीं, वो अक्सर अपनी एक्टिंग क्लास से यहां पहुंचने में लेट हो जाती है

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आख़िरी खत – गृहलक्ष्मी कहानियां

आज की डील फाइनल होने के पश्चात चौधरी जी का नाम शहर के नंबर एक व्यवसायी की सूची में दर्ज होने वाला था,लेकिन ये कॉल…! उनके कार्य में विघ्न डाल रहा था। चौधरी जी ने परेशान हो कर फोन बंद कर दिया।

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एक नई सुबह – गृहलक्ष्मी कहानियां

Hindi Story: चाँद बादलों के संग लुका -छिपी खेल रहा है ,पर्दो से छन कर आ रही चाँद की शीतल रोशनी सागर के मन में सुलग रही आग को बुझा नहीं पा रही, सागर ठहरे हुए पानी की तरह शांत और स्थिर नजर आ रहा है, लेकिन उस के मन में अनगिनत विचारों का ज्वार […]

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महंगाई और ज़ायका – गृहलक्ष्मी कहानियां

श्रीमति जी के द्वारा खाना परोसते ही बेटा पप्पू जो वैसे तो पूरी तरह से पप्पू ही है,लेकिन यहाँ अपनी दिमाग दौड़ा गया, और बड़ी ही चालाकी से यह कहते हुए खिसक गया कि-

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धुंध – गृहलक्ष्मी की कहानियां

दिसंबर का महीना था ।कड़ाके की ठंड पड़ रही थी या यूँ कह लीजिए ठंड अपने पूरे शबाब पर थी ।कैलाश जी अपनी कल की थकान भरी यात्रा के बावजूद हर रोज की भाँति आज भी अपने निर्धारित समय पर जाग गए ।

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नैरो माइंडेड – गृहलक्ष्मी की कहानियां

धानी के जेहन में आज एक बार फिर आत्महत्या का ख्याल आया।इन दो वर्षो में ना जाने कितनी दफे उसके मन में यह ख्याल आता रहता है। हर बार सुधीर से हुए झगड़े के पश्चात धानी को ऐेसा लगता मानो वह किसी जलते हुए अंगारे पर चल रही हो,उसे अपना जीवन बेमानी लगने लगता। धानी अपनी शादी नाम की संस्था को बचाए रखने के लिए ना जाने क्या-क्या जतन करती, लेकिन हर बार उसके सारे प्रयास विफल ही रहते।

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लीव इन रिलेशनशिप…. ज़रा ठहरिए: Live in Relationship Prroblems

Live in Relationship Prroblems: दिल्ली के श्रद्धा हत्या काण्ड के रूप में प्यार का एक ऐसा बदसूरत चेहरा सबके सामने आया है जिसे देखने, सुनने और पढ़ने के बाद अब शायद ही कभी किसी को प्यार पर भरोसा हो सकता है. श्रद्धा और आफताब अमीन पूनावाला के प्यार का अंत इतना वीभत्स होगा इसकी कल्पना […]

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