Booker Prize 2025
Booker Prize 2025

Overview:हंगेरियन-ब्रिटिश लेखक द्वारा बुकर जीत: ‘Flesh’ ने बदल दी सामाजिक श्रेणी की कहानी

51 वर्षीय डेविड स्जलाय ने “Flesh” के लिए 2025 का बुक­er पुरस्कार जीता, जिसमें उन्होंने बाल्य-युवकास्तर से लेकर ब्रिटेन के उन्नत वर्ग तक एक हंगेरियन पुरुष की जिंदगी की कहानी सुनाई है। जूरी ने इस किताब को उसकी “असाधारण भाषा, जोखिम भरी शैली और सामाजिक-श्रेणी की गहरी अंतर्दृष्टि” के लिए चुना।

Booker Prize 2025: इस साल का सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मान, बुक़र पुरस्कार 2025, अपने नए विजेता के साथ सुर्खियों में है। इस बार यह प्रतिष्ठित खिताब मिला है हंगेरियन-ब्रिटिश लेखक डेविड स्जलाय (David Szalay) को, उनके बेहद सराहे गए उपन्यास Flesh’ के लिए।
यह जीत केवल एक लेखक की नहीं, बल्कि दो संस्कृतियों—हंगेरियन और ब्रिटिश साहित्य—के खूबसूरत संगम की भी कहानी है। यह जीत साहित्यिक परंपरा — के मिलन की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। स्जलाय की यह रचना दिखाती है कि इंसानी भावनाएँ, पहचान और संघर्ष भाषा या देश की सीमाओं में नहीं बंधे रहते।

1. लेखक और उपन्यास की यात्रा

विड स्जलाय (David Szalay) का जन्म कनाडा में हुआ, पर उनका बचपन इंग्लैंड में बीता और पारिवारिक जड़ें हंगरी से जुड़ी रहीं। यही बहुसांस्कृतिक पृष्ठभूमि उनके लेखन में गहराई और विविधता लाती है। उन्होंने अपने साहित्यिक करियर की शुरुआत छोटी कहानियों से की और जल्द ही अपनी विशिष्ट लेखन शैली के लिए पहचाने जाने लगे — सरल भाषा, लेकिन गहरे अर्थ।

उनका उपन्यास Flesh कई बार अधूरा छोड़ दिया गया था। स्जलाय ने एक इंटरव्यू में बताया कि वे इस कहानी को “कई बार लिखकर छोड़ चुके थे,” पर हर बार यह पात्र और भावनाएँ उन्हें वापस खींच लाती थीं। अंततः यही अधूरापन और वापसी इस उपन्यास की आत्मा बन गई।

‘Flesh’ लेखक की आंतरिक संघर्ष और रचनात्मक धैर्य की मिसाल है — यह दिखाता है कि एक सच्चा लेखक कभी कहानी को छोड़ता नहीं, बस उसके परिपक्व होने का इंतज़ार करता है। आज यही किताब उन्हें 2025 का बुकर पुरस्कार दिलाकर उनके साहित्यिक सफ़र को नई ऊँचाई पर पहुँचा चुकी है।

2. “उपन्यास ‘Flesh’ के मुख्य विषय और शैली”

डेविड स्जलाय का उपन्यास ‘Flesh’ आधुनिक समाज में पहचान, वर्ग और मानवीय रिश्तों की जटिलता को गहराई से परखता है। कहानी एक ऐसे व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है जो अपनी सीमित दुनिया में अर्थ और जुड़ाव की तलाश में है। लेखक ने साधारण घटनाओं के ज़रिए इंसानी अकेलेपन, भावनात्मक दूरी और अस्तित्व की बेचैनी को बेहद सटीक तरीके से व्यक्त किया है।

शैली की दृष्टि से यह उपन्यास मिनिमलिस्ट (Minimalist) लेखन का शानदार उदाहरण है—कम शब्दों में गहरी भावनाएँ, सधी हुई गति और शांत मगर असरदार संवाद। स्जलाय की भाषा सीधी-सादी होने के बावजूद पाठक के भीतर गहरी हलचल पैदा करती है।
‘Flesh’ अपने अर्थपूर्ण मौन, यथार्थवादी विवरणों और संवेदनशील अवलोकन के कारण आधुनिक साहित्य की उन रचनाओं में गिना जा रहा है जो दिल से सोचने पर मजबूर करती हैं।

3. “पुरस्कार से क्या बदल सकता है?”

डेविड स्जलाय की जीत न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि यह उस तरह के साहित्य को भी आगे लाती है जो साधारण जीवन की गहराइयों और भावनात्मक जटिलताओं को सच्चाई से दिखाता है। इस पुरस्कार के बाद न केवल उनकी किताब ‘Flesh’ की बिक्री में भारी बढ़ोतरी की उम्मीद है, बल्कि दुनिया भर के पाठकों की रुचि अब हंगेरियन-ब्रिटिश साहित्य की ओर भी बढ़ेगी।
साथ ही, यह सफलता आने वाले लेखकों को यह भरोसा देती है कि खामोश, संवेदनशील और सच्ची कहानियाँ भी वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना सकती हैं।

मेरा नाम मोनिका अग्रवाल है। मैं कंप्यूटर विषय से स्नातक हूं।अपने जीवन के अनुभवों को कलमबद्ध करने का जुनून सा है जो मेरे हौंसलों को उड़ान देता है।मैंने कुछ वर्ष पूर्व टी वी और मैग्जीन के लिए कुछ विज्ञापनों में काम किया है । मेरा एक...