Summary: मारिया कोरिना माचाडो को नोबेल शांति पुरस्कार लोकतंत्र की निडर आवाज़
वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना माचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला है। उन्होंने शांतिपूर्ण संघर्ष से तानाशाही के खिलाफ लोकतंत्र की लौ जलाई और वैश्विक स्तर पर साहस की मिसाल बनीं।
Maria Corina Machado: नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना माचाडो को दिया है। उन्हें यह सम्मान लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण बदलाव के संघर्ष के लिए दिया गया है। समिति ने उन्हें “अंधकार के बीच लोकतंत्र की लौ जलाए रखने वाली निडर महिला” बताया।
लोकतंत्र की रक्षक और साहस की प्रतीक
मारिया माचाडो को वेनेज़ुएला में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन की सबसे सशक्त आवाज़ माना जाता है। उन्होंने वर्षों से निकोलस मादुरो की तानाशाही सरकार के खिलाफ संघर्ष किया है। धमकियों, गिरफ्तारी और राजनीतिक उत्पीड़न के बावजूद वे अपने देश में ही रहीं और जनता के अधिकारों के लिए आवाज उठाती रहीं।
उनका संघर्ष केवल राजनीतिक नहीं बल्कि जनता के आत्मसम्मान और स्वतंत्रता की लड़ाई है। उन्होंने लाखों लोगों को यह विश्वास दिलाया कि परिवर्तन हिंसा से नहीं, बल्कि शांतिपूर्ण विरोध से भी संभव है।
चुनावों में निभाई निर्णायक भूमिका
2024 के विवादित वेनेज़ुएला राष्ट्रपति चुनाव में जब सरकार ने उनकी उम्मीदवारी पर प्रतिबंध लगा दिया, तब उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार एडमंडो गोंज़ालेज़ उरुतिया का समर्थन किया। उन्होंने नागरिकों के साथ मिलकर मतदान केंद्रों की निगरानी, मतगणना का रिकॉर्ड रखना और चुनावी धांधली का पर्दाफाश करने का काम किया।
नोबेल समिति के अनुसार, माचाडो ने दिखाया है कि “लोकतंत्र के साधन ही शांति के साधन हैं।” वह एक ऐसे भविष्य की उम्मीद जगाती हैं, जहां हर नागरिक की आवाज सुनी जाए और उनके अधिकारों की रक्षा हो।
राजनीतिक सफर और योगदान
मारिया माचाडो ‘वेंटे वेनेज़ुएला’ (Vente Venezuela) नामक राजनीतिक दल की राष्ट्रीय समन्वयक हैं, जिसे उन्होंने 2013 में स्थापित किया था। 2010 से 2015 तक वह वेनेज़ुएला की राष्ट्रीय विधानसभा की सदस्य रहीं। उन्होंने ‘सुमाते’ (Súmate) नामक नागरिक संगठन की भी स्थापना की, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए काम करता है। साथ ही, उन्होंने ‘सोय वेनेज़ुएला’ (SoyVenezuela) नामक गठबंधन की शुरुआत की, जो लोकतांत्रिक परिवर्तन की दिशा में सक्रिय है।
2014 में अमेरिकी राज्यों के संगठन (OAS) में मानवाधिकार हनन की निंदा करने के बाद उन्हें संसद से निष्कासित कर दिया गया। उन पर राजद्रोह और षड्यंत्र के आरोप लगाए गए, यात्रा पर रोक और राजनीतिक प्रतिबंध लगाए गए लेकिन उनका संघर्ष रुका नहीं।
अंतरराष्ट्रीय पहचान और सम्मान
मारिया माचाडो को विश्व स्तर पर भी उनके साहस और नेतृत्व के लिए कई सम्मान मिल चुके हैं।BBC की 100 प्रभावशाली महिलाओं की सूची में (2018) उनका नाम शामिल हुआ। उन्हें Charles T. Manatt Prize (2014), Libertad Cortes de Cádiz (2015) और Liberal International Freedom Prize (2019) जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं। इन सम्मानों ने उन्हें न केवल वेनेज़ुएला बल्कि पूरे लैटिन अमेरिका में लोकतंत्र और शांति की प्रतीक महिला बना दिया।
शिक्षा और आर्थिक दृष्टिकोण
मारिया ने Universidad Católica Andres Bello से औद्योगिक इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की और IESA से वित्त में विशेषज्ञता हासिल की। वह वेनेज़ुएला की आर्थिक पुनर्बहाली के लिए निजीकरण, वैश्विक संस्थानों से सहयोग और उदारीकरण का समर्थन करती हैं। उनका आर्थिक दृष्टिकोण अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिली (Javier Milei) के विचारों से मिलता-जुलता माना जाता है।
नोबेल शांति पुरस्कार क्यों मिला?
नोबेल समिति ने कहा, “मारिया कोरिना माचाडो ने यह साबित किया है कि लोकतंत्र की रक्षा के औज़ार ही शांति के औज़ार हैं। वह एक ऐसे भविष्य की प्रतीक हैं, जहां नागरिक अधिकार सुरक्षित हों और हर आवाज़ मायने रखती हो।”
