Hindi Poem: 90s की शादी की बात जब कभी भी आती है
होठों पर एक सुंदर सी मुस्कान खुद ही खुद आ जाती है।
शादी में दोस्तों का बिना प्लानिंग का डांस,
वो आंखों ही आंखों में दोनों तरफ से रोमांस।
हर क्लिक पर खुशी चेहरे पर फैल जाती है,
90s की शादी की बात..
वो दूल्हे के गले में नोटों का हार,
वो दुल्हन के माथे पर बिंदिया अपार,
कुछ रस्में वो प्रथाएं आज भी मन को
प्रफुल्लित कर जाती हैं
90s की शादी की बात….
वो हल्दी मेहंदी की रस्मों में चुहलबाजी का होना,
छोटे से लेकर बड़े तक सबका प्रसन्न होना,
खर्चे थे थोड़े पर आनंद सुपर होना,
आज की हल्दी की रस्मों में भी जनाब वो रंगत कहां नजर आती है,
90s की शादी की बात….
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वह दूल्हे की भाभी का काजल लगाना,
वो स्वागत में सासू मां से दूल्हे का अपनी नाक छुड़ाना,
वो साली का शादी में जीजा का जूता चुराना,
वो कंगन वो सरैया की रस्मों में जमावाड़ा लग जाना,
आज तो बाराती से पहले घराती की पंगत जीम जाती है।
वह 90s की शादी की बात…
वो दुल्हन की सहेलियों को दुल्हे के दोस्तों का निहारना,
वह नजरों ही नजरों में प्रेम पैगाम पहुंचाना,
काले लंबे बालों वाली लड़की जब
सबकी पसंद में टॉप पर आती है,
90s की शादी के बात…
वो दावत में जब लिमिटेड आइटम बनते थे,
पर हर आइटम जैसे सीधे से दिल में जगह करते थे,
