Relationship Tips: माफी मांगना या माफ करना एक रिश्ते में खुश रहने के लिए दोनों ही जरूरी है। माफी मांगना या माफ करना दोनों एक ही बात है, दोनों के लिए हमें अपने ईगो का त्याग करना पड़ता है। किसी भी रिश्ते में खुशी बनाए रखने के लिए दोनों का होना जरूरी है। कोई भी रिश्ता प्रेम विश्वास और आपसी समझ पर चलता है। कई बार रिश्तो में छोटे-मोटे मनमुटाव या गलतफहमियां हो जाती है। ऐसा होने पर पार्टनर्स को एक दूसरे से जल्द से जल्द माफी मांग कर अपनी गलतफहमियों को दूर कर लेना चाहिए। किसी भी रिश्ते में अपने पार्टनर से अपनी गलती स्वीकार कर माफी मांग लेना, उस रिश्ते के लिए लंबी उम्र के वरदान के समान है। अगर आप भी अपने रिश्ते को लंबी उम्र का वरदान देना चाहते हैं तो अपने पार्टनर से माफी मांगने के लिए ज्यादा सोच विचार ना करें।
माफी मांगना क्यों जरूरी है
स्वीकार करना: जब आप अपने साथी से अपनी गलती के लिए माफी मांगते हैं तो यह दिखाता है कि आप अपनी गलती समझ चुके हैं और आपको अपनी गलती का एहसास है। आप उसे स्वीकार करते हैं।
रिश्ते की गहराई: आपका अपने साथी से माफी मांगना आपके रिश्ते की गहराई को दिखाता है। यह इस बात का सूचक है कि आप अपने रिश्ते में आए विवाद को जल्द से जल्द खत्म करना चाहते हैं।
अहंकार का काम होना: कई बार पार्टनर्स अपने अहंकार के कारण गलती होने पर भी एक दूसरे से माफी नहीं मांगते हैं। जिस कारण रिश्ते में तनाव बढ़ता है। आपका अपने साथी से माफी मांगना आपके अहंकार में कमी को दर्शाता है।
संवाद का बेहतर होना: जब आप अपने साथी से माफी मांगते हैं तो उसे भी अपनी गलती का एहसास होता है और आपके बीच में नई शुरुआत के साथ सकारात्मक संवाद शुरू होता है। जो धीरे-धीरे आपके बीच उठे मनमुटाव को काम करता है।
माफ करना क्यों जरूरी है
माफ करना एक ऐसी दवा है जो दूसरे के लिए नहीं बल्कि खुद को खुश तथा तनाव मुक्त रखने के लिए जरूरी है।

मन की शांति: जब आप किसी को माफ कर देते हैं तो आपका दिमाग और मन दोनों शांत महसूस करता है। आप मानसिक रूप से सकारात्मक और हल्का महसूस करते हैं।
रिश्ते मजबूत होते हैं: जब आप सामने वाले की गलतियों को भूलकर उसे माफ कर देते हैं तो रिश्ता टूटने से बच जाता है। साथ ही आपके साथी का आप पर भरोसा भी मजबूत होता है।
नकारात्मक सोच से बचाव: जब हम किसी से गुस्सा होते हैं तो वह गुस्सा सबसे ज्यादा हमें ही नुकसान पहुंचता है, ना कि उस व्यक्ति को जिससे हम गुस्सा हैं। गुस्से में न जाने कितने ही प्रकार के हमारे दिमाग में नकारात्मक विचार आते हैं। जब हम किसी से नाराज या गुस्सा हो और उसे माफ कर दे तो, सबसे ज्यादा फायदा हमारा ही होता है। हम कई प्रकार के नकारात्मक विचारों से बच जाते हैं।
किसी भी रिश्ते को निभाने के लिए माफी मांगना और माफ करना, हमें दोनों ही आना चाहिए। इन दोनों गुणों के साथ ही हम एक बेहतर इंसान बन सकते हैं तथा हम एक प्रेम और विश्वास से भरे रिश्ते का निर्माण कर सकते हैं।
