Age Differences in Relationships: वैसे तो पति-पत्नी के बीच उम्र का गैप एक व्यक्तिगत पसंद है लेकिन इसके ऐप को निर्धारित करने में कई कारक शामिल हो सकते हैं। हर जगह की सांस्कृतिक मान्यताएं अलग-अलग होती हैं। सांस्कृतिक मान्यताओं का भी कपल्स के बीच एज गैप पर असर पड़ता है। साथ ही साथ सामाजिक अपेक्षाएं और व्यक्तिगत प्राथमिकताएं भी बहुत बड़ी भूमिका निभाती हैं। कई बार ऐसा होता है कि किसी लड़के या लड़की की मानसिकता उसके उम्र के पार्टनर से मैच नहीं होती है। यह उनकी व्यक्तिगत चॉइस होती है कि उन्हें अपने लिए आइडियल पार्टनर के उम्र में कितना अंतर होना चाहिए।
वैसे तो आमतौर पर समाज में यह अपेक्षा की जाती है कि पति की उम्र पत्नी से कुछ साल बड़ी ही होनी चाहिए क्योंकि पुरुष प्रधान मानसिकता के अनुसार पुरुष के जिम्मेदार और समझदार होने कि अपेक्षा रखता है। आईए जानते हैं स्टडीज और अध्ययनों के अनुसार पति और पत्नी के बीच एज गैप कितना और किन आधार पर होना चाहिए।
स्वास्थ्य और संबंध के अनुसार

एक अध्ययन के अनुसार किसी भी पति-पत्नी के बीच उम्र का अंतर 2 से 5 साल के बीच रहे तो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है। इससे दोनों पार्टनर के जीवनकाल और जीवन के गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। संबंधों की स्थिरता पर आधारित कुछ शोध से यह भी पता चलता है कि उम्र के अंतर के साथ संबंधों में कई चुनौतियां हो सकती हैं। जीवन के विभिन्न चरणों में अलग-अलग प्राथमिकताएं और अनुभव का एहसास होता है। हालांकि इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि छोटी उम्र के गैप वाले रिश्तो में तुलनात्मक रूप से अधिक समझ और सामान जीवन का अनुभव हो सकता है।
मनोरंजन और समानता के आधार पर
उम्र का अंतर भावनात्मक और मानसिक समानता पर काफी प्रभाव डाल सकता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अगर एज गैप ज्यादा या कम है तो इससे रिश्ता सफल होता है। एज गैप की चॉइस पूरी तरह से व्यक्ति के जीवन अनुभव, एक दूसरे के प्रति प्यार, समझ और दृष्टिकोण पर निर्भर करता है।
पर्सनल फिटनेस एंड इंसिपिरेशन

एज गैप के निर्धारण के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों पार्टनर अगर एक दूसरे के साथ खुश और संतुष्ट हो तो उम्र का अंतर रिश्ते पर कुछ खास असर नहीं डालता। एज गैप किसी भी रिश्ते की सफलता या असफलता के लिए अकेला निर्धारक नहीं होता है।
वर्तमान प्रचलन
आधुनिक समय में खास तौर पर शहरी क्षेत्र में एक गैप की सीमा काफी लचीली हो सकती है। गांव में तो इस बात पर अभी भी लोगों की सोच यही है कि लड़के की उम्र लड़की से दो-चार साल ज्यादा ही होनी चाहिए। लेकिन अब कई लोग ऐसे रिश्तों को भी स्वीकारते हैं जहां उम्र का अंतर ज्यादा होता है। बशर्ते दोनों पार्टनर के बीच समझ और सामंजस्य हो। अगर भारतीय संदर्भ में देखा जाए तो सामान्यतः अंतर 2 से 5 साल का ही माना जाता है। लेकिन आधुनिक दृष्टि कोण और व्यक्तिगत पसंद से इसे अधिक लचीला माना जा सकता है।
