आजकल के बदलते परिवेश में लिव-इन रिलेशनशिप एक आम बात होती जा रही है। लिव-इन रिलेशनशिप मतलब एक ऐसा रिश्ता जिसमें लड़का और लड़की बिना शादी के साथ में रहते हैं, वो अपनी इच्छानुसार पति-पत्नी की तरह शारीरिक संबंध  बना सकते हैं। ज़्यादातर देखा गया है कि  लड़का और लड़की शादी से पहले एक दूसरे  को अच्छी तरह से जानने के लिए एक साथ रहना शुरू करते हैं और कुछ समय साथ रहकर यदि आपस में सामंजस्य बना पाते हैं तो विवाह के बंधन में बंध  जाते हैं। ये रिलेशनशिप कई बार लम्बे समय तक चलती है और कई बार एक दूसरे को ज़्यादा पसंद न करने की स्थिति में ये जल्दी ही टूट जाते हैं।

 

पाश्चात्य देशों में लिव-इन रिलेशनशिप काफी समय से चला आ रहा है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसका चलन भारत में भी आम बात हो गयी है। एक समय था जब ऐसे संबंधों पर लोग खुलकर बात तक करना पसंद नहीं करते थे। लेकिन आज लोग  लिव -इन रिलेशनशिप में रहते हैं और इस बात को खुले आम सबको बताते भी हैं। लिव-इन रिलेशनशिप के जहां कुछ फायदे हैं वही इसके कुछ नुकसान भी हैं। जिस तरह एक ही सिक्के के दो पहलू होते हैं वैसे ही इस रिलेशनशिप के भी सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के पक्ष हैं। 

 
 
लिव इन रिलेशनशिप के सकारात्मक पहलू  
 
  • इस रिलेशनशिप में  समाज और परिवार के कोई नियम लागू नहीं होते हैं। 
  • दोनों बिना किसी दबाव के इस रिश्ते में रहते-रहते विवाह के बंधन में भी बंध सकते हैं।
  • लिव-इन रिलेशनशिप में पार्टनर को  अच्छी तरह से जानने  का मौका मिलता है जिससे दोंनो के बीच  में धोखा और बेवफाई की आशंका कम हो जाती  है।
  • दोनों पार्टनर अपनी ज़िम्मेदारियों  का ठीक से निर्वहन करते हैं।  
  • दोनों एक दूसरे का सम्मान करते हैं।  
 
लिव इन रिलेशनशिप नकारात्मक पहलू 
 
  • दोनों में से कोई एक धोखा दे सकता है जिससे दूसरे की भावनाओं को ठेस पहुंचती  है। 
  • बहुत बार ये रिलेशनशिप विवाह के बंधन  में नहीं बदल पाती है।  
  • इस बंधन को जल्दी समाज की स्वीकृति नहीं मिलती है। 
  • इस रिलेशनशिप में यदि  कभी बच्चा हो गया तो उसके  भविष्य का निर्धारण  मुश्किल हो जाता है।  

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