‘‘मुझे बचपन से ही दमा है। दमे के दौरे के लिए भी ली जाने वाली दवा गर्भावस्था में सुरक्षित रहेगी?”

हम समझ सकते हैं कि आपको इस अवस्था में अपनी थोड़ी अतिरिक्त देखभाल करनी होगी। यह सच है कि दमे की वजह से गर्भावस्था खतरे वाली मानी जाती है लेकिन इस खतरे के डर को पूरी तरह मिटाया जा सकता है। यदि आप किसी अनुभवी विशेषज्ञ,स्त्री रोग विशेषज्ञ व दूसरे डॉक्टरों की टीम की देखरेख में हैं तो गर्भावस्था भी सामान्य रहेगी और आप एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे पाएंगी।

यदि दमा पूरी तरह नियंत्रण में हो तो गर्भावस्था पर काफी मामूली सा असर होता है।इसका असर हर भावी मां पर अलग तरीके से हो सकता है। एक तिहाई मामलों में, दमे की स्थिति में सुधार होता है। कुछ मामले ज्यों के त्यों रहते हैं और कुछ मामलों में स्थिति गंभीर हो सकती है। आप पाएँगी कि दमा गर्भावस्था में भी वैसा ही है, जैसे कि पहले था।

वैसे बेहतर होगा कि गर्भधारण से पहले ही आप अपने दमे पर काबू पा लें। यह आपके व आने वाले शिशु के लिए बेहतर नीति है। यदि आपने निम्नलिखित कदम नहीं उठाए हैं,तो पहले इनका पालन करें।

पर्यावरण में दमा या एलर्जी फैलाने वाले कारक पहचानें। आप तो पहले ही जानती होंगी कि आपको किस चीज़ से ज्यादा परेशानी होती है। उस चीज से दूर रहें ताकि आप गर्भावस्था में खुलकर सांस ले सकें।वैसे तो पराग कण, जानवरों के बाल, धूल,आदि ही उत्तरदायी होते हैं। तंबाकू के धुएँ, इत्र या घर साफ करने वाले डिटर्जेंट वगैरह से भी स्थिति बिगड़ती है। आपको व आपके साथी, दोनों को धूम्रपान छोड़ देना चाहिए। यदि आपको एलर्जी की दवा दी गई है तो आप इसे गर्भावस्था में भी जारी रख सकेंगी।

व्यायाम करते समय ध्यान रखें। वर्कआउट से पहले दवा लें ताकि दमे का दौरा न पड़े।इस बारे में डॉक्टर की राय भी ले लें।

सर्दी, जुकाम, फ्लू व साँस से जुड़ी तकलीफों से बचें। स्वस्थ रहें। आपको डॉक्टर की राय से फ्लू की दवा भी ले लेनी चाहिए।यदि आप साइनसाइटिस या रिफ्लक्स की समस्या है तो डॉक्टर से पूछकर चिकित्सा करवाएँ वरना दमा के प्रबंधन में दिक्कत आ सकती है।

डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें ताकि आपको व शिशु को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती रहे। आप पीक-फ्लोमीटर से भी अपनी जांच कर सकती हैं।

अपनी दवाओं पर फिर से एक नजर डालें।गर्भावस्था में वे ही दवाएँ लें, जिनकी इजाजत डॉक्टर ने दी हो। यदि लक्षण हल्के हों तो दवा की जरूरत नहीं लेकिन सामान्य से गंभीर लक्षण होने पर, ऐसी दवा दी जा सकती है जो गर्भावस्था में सुरक्षित हो। वैसे तो नाक के जरिए ली जाने वाली दवा ठीक रहती है। दवा लेने में कोताही न बरतें क्योंकि अब आपको दो लोगों के लिए सांस लेनी है।

दमे का दौरा पड़े तो इलाज में देर न करें वरना शिशु को ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। इसकी वजह से हल्का संकुचन भी हो सकता है लेकिन दौरा समाप्त होने पर वे रुक जाते हैं।

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