Summary: मैक्सिको के बाद भारत शीर्ष पर—ऑफिस रिलेशनशिप के मामलों में चौंकाने वाली रिपोर्ट
अंतरराष्ट्रीय सर्वे के अनुसार, भारत ऑफिस रोमांस के मामलों में दुनिया में दूसरे स्थान पर है, जहाँ 40% लोगों ने स्वीकार किया कि उन्होंने किसी सहकर्मी को डेट किया है।
Survey on Office Romance: आज के समय में ऑफिस लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। सहकर्मियों के साथ अच्छा रिश्ता टीम वर्क और अच्छे परफॉरमेंस के लिये ज़रूरी है। लेकिन, कई बार रिश्ता दोस्ती से आगे रोमांस में बदल जाता है। ऑफिस रिलेशनशिप पर हुए एक नए अंतरराष्ट्रीय सर्वे में पता चला है कि ऑफिस रोमांस के मामलों में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है। डेटिंग प्लेटफॉर्म एश्ले मैडिसन और YouGov द्वारा किए गए इस सर्वे में 11 देशों के लोगों की राय शामिल की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, 40% भारतीयों ने स्वीकार किया कि वे किसी सहकर्मी को डेट कर चुके हैं या वर्तमान में ऑफिस रिलेशनशिप में हैं। यह सर्वे 11 देशों अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, मैक्सिको, जर्मनी आदि के 13,581 वयस्कों पर किया गया था। सर्वे का कहना है कि ऑफिस रोमांस सिर्फ सिंगल लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि कई शादीशुदा लोग भी इसमें शामिल पाए गए हैं।
मेक्सिको के बाद है भारत

सूची में मैक्सिको पहले स्थान पर है, जहाँ 43% लोगों ने स्वीकार किया कि उन्होंने किसी सहकर्मी के साथ रोमांटिक संबंध बनाए हैं। इसके बाद भारत 40% के साथ दूसरे स्थान पर है। इसके विपरीत, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों में यह आंकड़ा लगभग 30% के आसपास है। यह दिखाता है कि पेशेवर सीमाओं को लेकर जागरूकता बढ़ने के बावजूद भारत में ऑफिस रोमांस आधुनिक कार्यसंस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है।
पुरुष महिलाओं से आगे
सर्वे के अनुसार 51% पुरुषों ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने किसी सहकर्मी को डेट किया है, जबकि महिलाओं में यह आंकड़ा 36% है। 29% महिलाएँ ऑफिस रोमांस से इसलिए बचती हैं क्योंकि उन्हें करियर पर उसके असर का डर है, जबकि पुरुषों में यह संख्या 27% है। दिलचस्प यह है कि व्यक्तिगत जोखिमों को लेकर पुरुष ज्यादा चिंतित पाए गए। यह प्रतिशत लगभग 30% और 26% है। युवा पीढ़ी यानी 18–24 वर्ष के लोग सबसे अधिक सतर्क नजर आए। इस आयु वर्ग के 34% युवाओं ने कहा कि उन्हें डर है कि ऐसे रिश्ते उनके करियर को नुकसान पहुँचा सकते हैं। यह संकेत देता है कि Gen Z कर्मचारियों में प्रोफ़ेशनलिज़्म और सीमाओं के प्रति जागरूकता पहले से कहीं अधिक है।
सोच में बदलाव
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की यह उच्च रैंकिंग समाज में बदलते विचारों और
गैर-पारंपरिक रिश्तों को लेकर बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाती है। शादीशुदा लोगों के डेटिंग ऐप Gleeden के एक अन्य सर्वे में पाया गया कि 35% भारतीय वर्तमान में ओपन रिलेशनशिप में हैं, और 41% लोग अपने पार्टनर के कहने पर ऐसे रिश्ते पर विचार कर सकते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि यह ट्रेंड सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं है। तमिलनाडु के कांचीपुरम जैसे छोटे शहर भी एक्स्ट्रा-मैरेिटल अफेयर्स में रुचि दिखाने में आगे पाए गए।
काम पर असर
विशेषज्ञों का कहना है कि ऑफिस रोमांस भले ही आम होता जा रहा है, लेकिन इसके साथ कई चुनौतियां भी जुड़ी होती हैं। अगर रिश्ता टूट जाए, तो इसका सीधा असर काम और माहौल पर पड़ सकता है। इसी वजह से कई कंपनियां अब कड़े नियम लागू कर रही हैं जैसे बॉस और सबॉर्डिनेट के बीच रिश्तों पर प्रतिबंध, और HR नीतियों में स्पष्ट प्रोफेशनल बॉउंड्री तय की जाती है। इसके बावजूद लोग भावनाओं पर नियंत्रण नहीं कर पाने के कारण नियमों को नजरअंदाज कर देते हैं, क्योंकि रखना आसान नहीं होता।
